पाकुड़: शहरी सहित ग्रामीण इलाकों में जहां अनियमित बिजली आपूर्ति की शिकायतें आम बात हो गई हैं. वहीं, जिले का एक ऐसा गांव भी है, जहां बिजली विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा पूरे गांव के लोगों को भुगतना पड़ रहा है. बिजली विभाग की लापरवाही का नतीजा है कि पहले तो 8 साल से उपभोक्ताओं को बिजली बिल नहीं मिला और अब पूरे गांव की बिजली काट दी गई है.
ये भी पढ़ें-कड़िया मुंडा का हेमंत सोरेन को नसीहत, कहा- कांग्रेस की चतुराई से बच कर करें काम
साल 2011 से नहीं मिला बिजली बिल
जानकारी के अनुसार अमड़ापाड़ा प्रखंड के आदिम जनजाति बहुल डुमरचीर कॉलोनी में 25 घर आदिम जनजाति पहाड़िया के हैं. साल 2008 से सभी पहाड़िया परिवार बिजली का उपयोग कर रहे हैं और बिल आने पर उसे जमा भी. लेकिन साल 2011 से विद्युत विभाग ने डूमरचीर कॉलोनी के उपभोक्ताओं को बिजली बिल नहीं भेजा और एकाएक सभी उपभोक्ताओं का बिजली कनेक्शन काट दिया गया.
बिना नोटिस के काट दिया कनेक्शन
पिछले 3 दिन से सभी पहाड़िया उपभोक्ता अंधकार में अपनी जिंदगी बिता रहे हैं. उनके पास इतने पैसे नहीं है कि केरोसिन खरीद कर लैंप के उजाले के सहारे अपने बच्चों को पठन-पाठन करा सके. ग्रामीणों ने बताया कि बिजली विभाग के कर्मचारी गांव पहुंचे और ट्रांसफार्मर से उनके घरों तक पहुंचाने वाली कनेक्शन को ही काट दिया. उन्होंने बताया कि बिजली विभाग से कनेक्शन काटने आए लोगों ने गांव के किसी भी व्यक्ति को कुछ भी नहीं बताया कि आखिर बिजली का कनेक्शन क्यों काट दिया गया. वहीं, बिजली विभाग के कर्मियों ने बताया कि गांव के उपभोक्ताओं का 30 से 40 हजार रुपया बकाया है.
इस मामले में विद्युत कार्यपालक अभियंता समीर कुमार ने बताया कि डुमरचीर कॉलोनी के एक व्यक्ति का बिजली कनेक्शन काटा गया है. उन्होंने बताया कि जहां तक पूरे गांव का बिजली कनेक्शन काटने की बात है इसकी जांच कराई जाएगी.