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चुनाव आयोग का दिव्यांगों को तोहफा, 2 हजार 60 लोगों को दी ये सुविधा - Lok Sabha Elections 2019

भारत निर्वाचन आयोग इस बार मतदान केंद्रों पर शत प्रतिशत मतदान के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. स्वीप कार्यक्रम के तहत मतदाताओं को मतदान के प्रति जागरूक करने का अभियान चल रहा है. देश में पहली बार भारत निर्वाचन आयोग की पहल पर खासकर दिव्यांग मतदाताओं को बूथों पर मतदान के लिए उनके घर से लाने और ले जाने के लिए वॉलेंटियर की व्यवस्था की गई है.

दिव्यांगों को मुहैया कराने वाली ट्राइ साइकिल
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Published : Mar 30, 2019, 3:11 PM IST

पाकुड़: 17 वीं लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद राजनीतिक दलों और उनके नेताओं द्वारा अपने प्रत्याशी व दल को चुनाव में जिताने की जी तोड़ कोशिश जारी हो गई है. इस बार के होने वाले लोकसभा चुनाव में संप्रभुता, सुरक्षा और देश को मजबूती देने वाली सरकार बनाने के लिए एनडीए और महागठबंधन अपने तरीके से मतदाताओं को पक्ष में करने के लिए जुट गए हैं. मतदाताओं का एक दिव्यांग तबका भी है, जिसकी अपनी चाहत और अपनी दिशा व दशा में सुधार के लिए तमन्ना भी है.

भारत निर्वाचन आयोग इस बार मतदान केंद्रों पर शत प्रतिशत मतदान के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. स्वीप कार्यक्रम के तहत मतदाताओं को मतदान के प्रति जागरूक करने का अभियान चल रहा है. देश में पहली बार भारत निर्वाचन आयोग की पहल पर खासकर दिव्यांग मतदाताओं को बूथों पर मतदान के लिए उनके घर से लाने और ले जाने के लिए वॉलेंटियर की व्यवस्था की गई है. नेत्रहीन दिव्यांगो के लिए प्रतीक चिन्ह ब्रेल लिपि में बूथो पर रहेगा. इतना ही नहीं जिन बूथों पर दिव्यांग मतदाता हैं, वहां ट्राई साइकिल की व्यवस्था जिला समाज कल्याण विभाग की जाएगी.

जिला प्रशासन ने सभी 813 मतदान केंद्रों पर रैम्प की भी व्यवस्था सुनिश्चित की है. दिव्यांग मतदाता जैसे ही बूथ पर पहुंचेंगे उन्हें पंक्ति में खड़े नहीं रहना पड़ेगा, उन्हे पहले मतदान कराया जाएगा. जिले में 2 हजार 60 दिव्यांग मतदाताओं का चयन किया गया है. भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अपने लिए की गई व्यवस्था से दिव्यांगों में मतदान के प्रति उत्साह बढ़ा है.

वीडियो में देखें पूरी खबर

पाकुड़: 17 वीं लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद राजनीतिक दलों और उनके नेताओं द्वारा अपने प्रत्याशी व दल को चुनाव में जिताने की जी तोड़ कोशिश जारी हो गई है. इस बार के होने वाले लोकसभा चुनाव में संप्रभुता, सुरक्षा और देश को मजबूती देने वाली सरकार बनाने के लिए एनडीए और महागठबंधन अपने तरीके से मतदाताओं को पक्ष में करने के लिए जुट गए हैं. मतदाताओं का एक दिव्यांग तबका भी है, जिसकी अपनी चाहत और अपनी दिशा व दशा में सुधार के लिए तमन्ना भी है.

भारत निर्वाचन आयोग इस बार मतदान केंद्रों पर शत प्रतिशत मतदान के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. स्वीप कार्यक्रम के तहत मतदाताओं को मतदान के प्रति जागरूक करने का अभियान चल रहा है. देश में पहली बार भारत निर्वाचन आयोग की पहल पर खासकर दिव्यांग मतदाताओं को बूथों पर मतदान के लिए उनके घर से लाने और ले जाने के लिए वॉलेंटियर की व्यवस्था की गई है. नेत्रहीन दिव्यांगो के लिए प्रतीक चिन्ह ब्रेल लिपि में बूथो पर रहेगा. इतना ही नहीं जिन बूथों पर दिव्यांग मतदाता हैं, वहां ट्राई साइकिल की व्यवस्था जिला समाज कल्याण विभाग की जाएगी.

जिला प्रशासन ने सभी 813 मतदान केंद्रों पर रैम्प की भी व्यवस्था सुनिश्चित की है. दिव्यांग मतदाता जैसे ही बूथ पर पहुंचेंगे उन्हें पंक्ति में खड़े नहीं रहना पड़ेगा, उन्हे पहले मतदान कराया जाएगा. जिले में 2 हजार 60 दिव्यांग मतदाताओं का चयन किया गया है. भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अपने लिए की गई व्यवस्था से दिव्यांगों में मतदान के प्रति उत्साह बढ़ा है.

Intro:
बाइट: भंडारी मुर्मू, दिव्यांग
बाइट : लखन हेम्ब्रम, मुखिया
बाइट : कुमार गौतम, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी
पाकुड़: 16 वी लोकसभा चुनाव का विगुल बजने के बाद राजनीतिक दलो एवं उनके नेताओ एवं कार्यकर्ताओ द्वारा अपने प्रत्याशी व दल को चुनाव में जिताने की जीतोड़ कोशिश जारी हो गयी है। इस बार के होने वाले लोकसभा चुनाव में संप्रभुता, सुरक्षा एवं देश को मजबुती देने वाली सरकार बनाने के लिए एनडीए एवं महागठबंधन अपने अपने तरीके से मतदाताओ को अपने पक्ष में करने के लिए जुट गये है। मतदाताओ का एक दिव्यांग तबका भी है जिसकी अपनी चाहत और अपनी दिशा व दशा में सुधार के लिए तमन्ना भी है।



Body:भारत निर्वाचन आयोग प्रशासन सभी इस बार मतदान केंद्रो पर शत प्रतिशत मतदाताओ की मतदान के लिए भागीदारी सुनिश्चित करने में कोई कोर कसर नही छोड़ी जा रही। स्वीप कार्यक्रम के तहत मतदाताओ को मतदान के प्रति जागरूक करने का अभियान चल रहा है। देश में पहली बार भारत निर्वाचन आयोग की पहल पर खासकर दिव्यांग मतदाताओ को बुथो पर मतदान के लिए उनके घर से लाने व ले जाने के लिए वोलेटियर की व्यवस्था की गयी है। नेत्रहीन दिव्यांगो के लिए प्रतिक चिन्ह ब्रेल लिपि में बुथो पर रहेगा। इतना ही नही जिन जिन बुथो पर दिव्यांग मतदाता है वहां ट्राई साइकिल की व्यवस्था जिला समाज कल्याण विभाग करेगा। जिला प्रशासन ने जिले के सभी 813 मतदान केंद्रो पर रैम्प की भी व्यवस्था सुनिश्चित की है। दिव्यांग मतदाता जैसे ही बुथ पर पहुंचेगे उन्हे पंक्ति में खड़ा नही रहना पड़ेगा उन्हे पहले मतदान करवाया जायेगा।
जिले में 2 हजार 60 दिव्यांग मतदाताओ का चयन किया गया है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अपने लिये की गयी व्यवस्था से दिव्यांगो में मतदान के प्रति उत्साह बढ़ा है। खुद लाचार रहने के बावजुद देश में स्थायी सरकार का सपना संजोये जिले के दिव्यांग मतदाता इस बार होने वाले लोकसभा चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए मन बना लिया है।


Conclusion:जिला जनसंपर्क पदाधिकारी कुमार गौतम ने बताया कि दिव्यांगों को मतदान के दिन बूथ तक पहुंचाने के लिए व्हील चेयर के अलावे वोलेंटियर आदि की व्यवस्था की गई है और समाजकल्याण विभाग को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिया गया है ताकि दिव्यांग मतदान के दिन बूथ पर आसानी से पहुंचे और मतदान करे।
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