पाकुड़: 17 वीं लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद राजनीतिक दलों और उनके नेताओं द्वारा अपने प्रत्याशी व दल को चुनाव में जिताने की जी तोड़ कोशिश जारी हो गई है. इस बार के होने वाले लोकसभा चुनाव में संप्रभुता, सुरक्षा और देश को मजबूती देने वाली सरकार बनाने के लिए एनडीए और महागठबंधन अपने तरीके से मतदाताओं को पक्ष में करने के लिए जुट गए हैं. मतदाताओं का एक दिव्यांग तबका भी है, जिसकी अपनी चाहत और अपनी दिशा व दशा में सुधार के लिए तमन्ना भी है.
भारत निर्वाचन आयोग इस बार मतदान केंद्रों पर शत प्रतिशत मतदान के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. स्वीप कार्यक्रम के तहत मतदाताओं को मतदान के प्रति जागरूक करने का अभियान चल रहा है. देश में पहली बार भारत निर्वाचन आयोग की पहल पर खासकर दिव्यांग मतदाताओं को बूथों पर मतदान के लिए उनके घर से लाने और ले जाने के लिए वॉलेंटियर की व्यवस्था की गई है. नेत्रहीन दिव्यांगो के लिए प्रतीक चिन्ह ब्रेल लिपि में बूथो पर रहेगा. इतना ही नहीं जिन बूथों पर दिव्यांग मतदाता हैं, वहां ट्राई साइकिल की व्यवस्था जिला समाज कल्याण विभाग की जाएगी.
जिला प्रशासन ने सभी 813 मतदान केंद्रों पर रैम्प की भी व्यवस्था सुनिश्चित की है. दिव्यांग मतदाता जैसे ही बूथ पर पहुंचेंगे उन्हें पंक्ति में खड़े नहीं रहना पड़ेगा, उन्हे पहले मतदान कराया जाएगा. जिले में 2 हजार 60 दिव्यांग मतदाताओं का चयन किया गया है. भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अपने लिए की गई व्यवस्था से दिव्यांगों में मतदान के प्रति उत्साह बढ़ा है.