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लॉकडाउन में भी स्कूली बच्चों को पौष्टिक आहार पहुंचाने का हो रहा काम, घर बैठे MDM का मजा ले रहे नौनिहाल - कोरोना को लेकर प्रशासन अलर्ट

पाकुड़ में जिला प्रशासन स्कूली बच्चों की आवश्यकताओं को पूरा करने को लेकर विशेष ध्यान दे रहा है. स्कूली बच्चों के बैंक खातों में कुकिंग कॉस्ट के अलावे प्रत्येक सप्ताह 6 रुपये की दर से अंडा और फल खरीदने के लिए राशि भेजी जा रही है. यू कहें तो स्कूली बच्चे अपने घरों में ही मध्यान भोजन योजना का घर बैठे लाभ उठा रहे हैं.

getting benefit of MDM in pakur
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Published : Jul 8, 2020, 7:21 PM IST

Updated : Jul 9, 2020, 8:09 PM IST

पाकुड़: कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए जारी लॉकडाउन के दौरान शासन और प्रशासन स्कूली बच्चों की आवश्यकताओं को पूरा करने पर विशेष ध्यान दे रहा है. स्कूल बंद के बावजूद स्कूली बच्चों को उनके घरों की चौखट तक एमडीएम पहुंचाने के साथ अंडा और फल का भी वे स्वाद चख सके इसका भरपूर इंतजाम किया गया है. स्कूली बच्चों के बैंक खातों में कुकिंग कॉस्ट के अलावे प्रत्येक सप्ताह 6 रुपये की दर से अंडा और फल खरीदने के लिए राशि भेजी जा रही है. यू कहें तो स्कूली बच्चे अपने घरों में ही मध्यान भोजन योजना का घर बैठे लाभ उठा रहे हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी
जिले के 991 स्कूलों के बच्चों को उनके घर तक मध्यान भोजन योजना का सूखा राशन पहुंचाने की जिम्मेवारी उनमें शिक्षा की भूख जगाने वाले शिक्षक निभा रहे हैं. जिले के 1 लाख 32 हजार 632 स्कूली बच्चे शासन और प्रशासन की ओर से लॉकडाउन के दौरान एमडीएम मुहैया कराने की व्यवस्था का लाभ उठा रहे हैं. एमडीएम वितरण की निगरानी भी जिलास्तर पर गठित टीम द्वारा की जा रही है. जिला शिक्षा अधीक्षक दुर्गानंद झा ने बताया कि कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को 100 ग्राम चावल के अलावे कुकिंग कॉस्ट मद में प्रति बच्चा 5 रुपये 51 पैसा एवं कक्षा 6 से 8 के बच्चों को डेढ़ सौ ग्राम चावल के अलावा 6 रुपये 71 पैसे दिया जा रहा है.
getting benefit of MDM in pakur
बच्चों को दिया गया एमडीएम का चावल

ये भी पढ़ें- कोरोना का कहर: होम क्वॉरेंटाइन में सीएम हेमंत सोरेन, मंत्री मिथिलेश ठाकुर का ऑफिस सील

डीएसई ने बताया कि राज्य से इस वित्तीय वर्ष में चावल का आवंटन 956 मिट्रिक टन उपलब्ध कराया गया है. जिसमें लॉकडाउन के दौरान अब तक 170.25 मिट्रिक टन की खपत हुई है. उन्होंने बताया कि जिले में एमडीएम मद में पर्याप्त मात्रा में चावल उपलब्ध है. जिले में लॉकडाउन के दौरान बच्चों के बीच एमडीएम का चावल वितरण का मामला हो या प्रवासी मजदूरों को दूसरे जिले से अपने जिला मुख्यालय तक लाने और अनाज वितरण की मॉनिटरिंग करने सभी ने शिक्षकों की सकारात्मक सहयोग अब तक मिला है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में एमडीएम का चावल एवं राशि बच्चों को उपलब्ध कराए जाने के कारण जिले के 2035 रसोइया का कोई काम नहीं है और उसे अपने अपने घरों में सुरक्षित रहने का निर्देश दिया गया है. शासन और प्रशासन की एमडीएम स्कूली बच्चों के घरों तक पहुंचाने का किए गए इंतजाम का ही नतीजा है कि बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावक भी काफी खुश है और लॉकडाउन के दौरान की गयी व्यवस्था को लेकर प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना भी कर रहे हैं.

getting benefit of MDM in pakur
एमडीएम तहत बच्चों को मिला चावल

पाकुड़: कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए जारी लॉकडाउन के दौरान शासन और प्रशासन स्कूली बच्चों की आवश्यकताओं को पूरा करने पर विशेष ध्यान दे रहा है. स्कूल बंद के बावजूद स्कूली बच्चों को उनके घरों की चौखट तक एमडीएम पहुंचाने के साथ अंडा और फल का भी वे स्वाद चख सके इसका भरपूर इंतजाम किया गया है. स्कूली बच्चों के बैंक खातों में कुकिंग कॉस्ट के अलावे प्रत्येक सप्ताह 6 रुपये की दर से अंडा और फल खरीदने के लिए राशि भेजी जा रही है. यू कहें तो स्कूली बच्चे अपने घरों में ही मध्यान भोजन योजना का घर बैठे लाभ उठा रहे हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी
जिले के 991 स्कूलों के बच्चों को उनके घर तक मध्यान भोजन योजना का सूखा राशन पहुंचाने की जिम्मेवारी उनमें शिक्षा की भूख जगाने वाले शिक्षक निभा रहे हैं. जिले के 1 लाख 32 हजार 632 स्कूली बच्चे शासन और प्रशासन की ओर से लॉकडाउन के दौरान एमडीएम मुहैया कराने की व्यवस्था का लाभ उठा रहे हैं. एमडीएम वितरण की निगरानी भी जिलास्तर पर गठित टीम द्वारा की जा रही है. जिला शिक्षा अधीक्षक दुर्गानंद झा ने बताया कि कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को 100 ग्राम चावल के अलावे कुकिंग कॉस्ट मद में प्रति बच्चा 5 रुपये 51 पैसा एवं कक्षा 6 से 8 के बच्चों को डेढ़ सौ ग्राम चावल के अलावा 6 रुपये 71 पैसे दिया जा रहा है.
getting benefit of MDM in pakur
बच्चों को दिया गया एमडीएम का चावल

ये भी पढ़ें- कोरोना का कहर: होम क्वॉरेंटाइन में सीएम हेमंत सोरेन, मंत्री मिथिलेश ठाकुर का ऑफिस सील

डीएसई ने बताया कि राज्य से इस वित्तीय वर्ष में चावल का आवंटन 956 मिट्रिक टन उपलब्ध कराया गया है. जिसमें लॉकडाउन के दौरान अब तक 170.25 मिट्रिक टन की खपत हुई है. उन्होंने बताया कि जिले में एमडीएम मद में पर्याप्त मात्रा में चावल उपलब्ध है. जिले में लॉकडाउन के दौरान बच्चों के बीच एमडीएम का चावल वितरण का मामला हो या प्रवासी मजदूरों को दूसरे जिले से अपने जिला मुख्यालय तक लाने और अनाज वितरण की मॉनिटरिंग करने सभी ने शिक्षकों की सकारात्मक सहयोग अब तक मिला है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में एमडीएम का चावल एवं राशि बच्चों को उपलब्ध कराए जाने के कारण जिले के 2035 रसोइया का कोई काम नहीं है और उसे अपने अपने घरों में सुरक्षित रहने का निर्देश दिया गया है. शासन और प्रशासन की एमडीएम स्कूली बच्चों के घरों तक पहुंचाने का किए गए इंतजाम का ही नतीजा है कि बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावक भी काफी खुश है और लॉकडाउन के दौरान की गयी व्यवस्था को लेकर प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना भी कर रहे हैं.

getting benefit of MDM in pakur
एमडीएम तहत बच्चों को मिला चावल
Last Updated : Jul 9, 2020, 8:09 PM IST
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