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पाकुड़: घटिया निर्माण की खुली कलई, बीच से टूटकर नदी में गिरा चंडाल मारा घाट चोरा पुल - Mukhyamantri Gram Sethu Yojana

पुल का हिस्सा बहा
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Published : Sep 30, 2019, 10:14 AM IST

Updated : Sep 30, 2019, 2:18 PM IST

10:08 September 30

पाकुड़ में पुल के बीच का हिस्सा टूटा

वीडियो में देखें पूरी खबर

पाकुड़: मुख्यमंत्री ग्रामसेतु योजना के तहत 5 करोड़ 98 लाख रुपये से बांसलोई नदी पर बनाया गया चंडाल मारा घाट चोरा पुल सोमवार को बीच से टूटकर नदी में गिर गया. इससे घाट चोरा चंडाल मारा सहित दर्जनों गांव का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से टूट गया है. लोग दूसरे रास्ते के सहारे लंबी दूरी तय करके प्रखंड मुख्यालय से गांव तक आना जाना कर रहे हैं. 

इस पुल का निर्माण साल 2015 में ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल द्वारा कराया गया था. 252.32 मीटर लंबे इस पुल निर्माण के संवेदक मो. जमाल थे. सोमवार सुबह नदी में पानी का बहाव इतना तेज था कि बनाए गए इस पुल का फाउंडेशन फेलियर हो गया और सबसे पहले इसका एक ऊपरी हिस्सा टूटकर बांसलोई नदी के जलस्तर में समा गया. इसके थोड़ी ही देर बाद इसका दूसरा हिस्सा भी टूटकर गिर पड़ा. मामले की जानकारी मिलते ही ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के अभियंता पुल की क्षति का आकलन करने के लिए रवाना हुए है. 

ये भी पढ़ें-  बाढ़ पीड़ितों को नहीं मिल रहा भरपेट भोजन, विधायक ने BDO और SDO की लगाई क्लास

पुल के अचानक टूटकर पानी में धंस जाने से जानमाल की क्षति नहीं हुई है. प्रशासन आसपास के लोगों को नदी और पुल के किनारे नहीं जाने की सलाह दे रहा है. प्रशासन की ओर से पुल के आसपास बेरिकेडिंग भी लगाई गई है, जिससे लोग नदी के पास न जा सकें. ग्रामीणों का आरोप है कि अगर पुल का निर्माण प्राक्कलन के अनुरूप होता तो 4 साल में ही यह दम नहीं तोड़ता. हालांकि विभाग का दावा है कि बालू उठाव के कारण ही पुल की आज यह दुर्दशा हुई है. वहीं, झामुमो के पूर्व विधायक सुफल मरांडी ने बताया कि ठेकेदार और अभियंता की लापरवाही के कारण ये पुल टूटा है.

10:08 September 30

पाकुड़ में पुल के बीच का हिस्सा टूटा

वीडियो में देखें पूरी खबर

पाकुड़: मुख्यमंत्री ग्रामसेतु योजना के तहत 5 करोड़ 98 लाख रुपये से बांसलोई नदी पर बनाया गया चंडाल मारा घाट चोरा पुल सोमवार को बीच से टूटकर नदी में गिर गया. इससे घाट चोरा चंडाल मारा सहित दर्जनों गांव का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से टूट गया है. लोग दूसरे रास्ते के सहारे लंबी दूरी तय करके प्रखंड मुख्यालय से गांव तक आना जाना कर रहे हैं. 

इस पुल का निर्माण साल 2015 में ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल द्वारा कराया गया था. 252.32 मीटर लंबे इस पुल निर्माण के संवेदक मो. जमाल थे. सोमवार सुबह नदी में पानी का बहाव इतना तेज था कि बनाए गए इस पुल का फाउंडेशन फेलियर हो गया और सबसे पहले इसका एक ऊपरी हिस्सा टूटकर बांसलोई नदी के जलस्तर में समा गया. इसके थोड़ी ही देर बाद इसका दूसरा हिस्सा भी टूटकर गिर पड़ा. मामले की जानकारी मिलते ही ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के अभियंता पुल की क्षति का आकलन करने के लिए रवाना हुए है. 

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पुल के अचानक टूटकर पानी में धंस जाने से जानमाल की क्षति नहीं हुई है. प्रशासन आसपास के लोगों को नदी और पुल के किनारे नहीं जाने की सलाह दे रहा है. प्रशासन की ओर से पुल के आसपास बेरिकेडिंग भी लगाई गई है, जिससे लोग नदी के पास न जा सकें. ग्रामीणों का आरोप है कि अगर पुल का निर्माण प्राक्कलन के अनुरूप होता तो 4 साल में ही यह दम नहीं तोड़ता. हालांकि विभाग का दावा है कि बालू उठाव के कारण ही पुल की आज यह दुर्दशा हुई है. वहीं, झामुमो के पूर्व विधायक सुफल मरांडी ने बताया कि ठेकेदार और अभियंता की लापरवाही के कारण ये पुल टूटा है.

Intro:ब्रेकिंग
पाकुड़ : महेशपुर प्रखंड के चंडालमारा गांव स्थित बाँसलोई नदी में बने पुल का बीचो बीच टूट गया। पुल का टूटा हिस्सा पानी मे बहा। लगातार हो रही बारिश के कारण टूटने की वजह बताई जा रही है।


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Conclusion:..
Last Updated : Sep 30, 2019, 2:18 PM IST
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