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पाकुड़ में आंगनबाड़ी केंद्र की खराब हालत, बच्चों को नहीं मिल पाता पोषक आहार - Anganbadi center

पाकुड़ के आंगनबाड़ी केंद्र में वर्षों से ताला लटकता हुआ है. यहां की आंगनबाड़ी सेविका गांव आकर कभी-कभी बच्चों को 1 अंडा और सत्तू बांटकर अपना कोरम पूरा कर रही. जिससे नाराज ग्रामीणों ने सेविका को हटाने की मांग की है.

आंगनबाड़ी केंद्र में लटका है ताला
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Published : Aug 8, 2019, 2:58 PM IST

पाकुड़: जिले में एक ऐसा भी आंगनबाड़ी केंद्र जहां वर्षो से ताला लटका हुआ है. सदर प्रखंड के बाहिरग्राम गांव के आंगनबाड़ी केंद्र में न तो सेविका है और न ही यहां सहायिका पहुंचती है. जिस कारण आंगनबाड़ी केंद्र भवन के चारों ओर झाड़ियां निकल आई हैं.

देखें पूरी खबर

ग्रामीणों का कहना है कि आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका अर्पणा मिश्रा बीच-बीच में एक झोला लेकर गांव पहुंचती है और गांव में घूम रहे बच्चों को कभी एक अंडा तो कभी सत्तू बांटकर चली जाती हैं. ग्रामीणों के मुताबिक आंगनबाड़ी नहीं खोलने की शिकायत कई बार की गई. बावजूद विभागीय अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया.

पढ़ाई पर पड़ रहा असर
ग्रामीणों का कहना है कि सेविका जब भी गांव पहुंचती हैं तो उसे केंद्र खोलने के लिए कहा जाता है, लेकिन सेविका कभी समय पर केंद्र नहीं पहुंचती हैं. जिसके कारण आंगनबाड़ी खंडहर होता जा रहा है. इसके कारण गांव के बच्चों की सही ढ़ंग से पढ़ाई भी नहीं हो पा रही है और न ही उन्हें पौष्टिक आहार मिल पाता है.

ये भी पढे़ं- गांव में चलाया जा रहा था सेक्स रैकेट, ग्रामीणों ने किया विरोध तो दलालों नें कर दी फायरिंग

डीसी ने दिए जांच के आदेश
इस मामले में ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि सेविका अर्पणा मिश्रा को हटाकर गांव की कोई अन्य महिला को सेविका के रूप में प्रतिनियुक्त किया जाए. क्योंकि इस आंगनबाड़ी की सेविका गांव में नहीं बल्कि शहर रहती है जो कभी-कभार गांव आकर बच्चों को कुछ-कुछ देकर चली जाती है.

वहीं, पूरे मामले में डीसी कुलदीप चौधरी ने बताया कि जिला प्रशासन आंगनबाड़ी केंद्रों को डेवलप करने के लिए गंभीर है. लेकिन ऐसी बात है तो जांच की जाएगी और सेविका के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

पाकुड़: जिले में एक ऐसा भी आंगनबाड़ी केंद्र जहां वर्षो से ताला लटका हुआ है. सदर प्रखंड के बाहिरग्राम गांव के आंगनबाड़ी केंद्र में न तो सेविका है और न ही यहां सहायिका पहुंचती है. जिस कारण आंगनबाड़ी केंद्र भवन के चारों ओर झाड़ियां निकल आई हैं.

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ग्रामीणों का कहना है कि आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका अर्पणा मिश्रा बीच-बीच में एक झोला लेकर गांव पहुंचती है और गांव में घूम रहे बच्चों को कभी एक अंडा तो कभी सत्तू बांटकर चली जाती हैं. ग्रामीणों के मुताबिक आंगनबाड़ी नहीं खोलने की शिकायत कई बार की गई. बावजूद विभागीय अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया.

पढ़ाई पर पड़ रहा असर
ग्रामीणों का कहना है कि सेविका जब भी गांव पहुंचती हैं तो उसे केंद्र खोलने के लिए कहा जाता है, लेकिन सेविका कभी समय पर केंद्र नहीं पहुंचती हैं. जिसके कारण आंगनबाड़ी खंडहर होता जा रहा है. इसके कारण गांव के बच्चों की सही ढ़ंग से पढ़ाई भी नहीं हो पा रही है और न ही उन्हें पौष्टिक आहार मिल पाता है.

ये भी पढे़ं- गांव में चलाया जा रहा था सेक्स रैकेट, ग्रामीणों ने किया विरोध तो दलालों नें कर दी फायरिंग

डीसी ने दिए जांच के आदेश
इस मामले में ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि सेविका अर्पणा मिश्रा को हटाकर गांव की कोई अन्य महिला को सेविका के रूप में प्रतिनियुक्त किया जाए. क्योंकि इस आंगनबाड़ी की सेविका गांव में नहीं बल्कि शहर रहती है जो कभी-कभार गांव आकर बच्चों को कुछ-कुछ देकर चली जाती है.

वहीं, पूरे मामले में डीसी कुलदीप चौधरी ने बताया कि जिला प्रशासन आंगनबाड़ी केंद्रों को डेवलप करने के लिए गंभीर है. लेकिन ऐसी बात है तो जांच की जाएगी और सेविका के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

Intro:बाइट 1: अनीता सरकार, ग्रामीण (लाल साड़ी में)
बाइट 2: रविंद्र नाथ मंडल, ग्रामीण (गंजी में)
बाइट 3: कल्पना देवी, ग्रामीण (ब्लू साड़ी में)
बाइट : कुलदीप चैधरी, डीसी पाकुड़
पाकुड़: पाकुड़ का एक ऐसा भी आंगनबाड़ी केंद्र है जहां वर्षो से ताला लटका हुआ है। इस आंगनबाड़ी केंद्र में न तो सेविका और न ही सहायिका पहुंचती है। जिस कारण आंगनबाड़ी केंद्र भवन के चारो ओर झाड़ी उग गये है। इस केंद्र को देखकर लगता है मानो कोई भुत बंगला है। वह आंगनबाड़ी केंद्र है सदर प्रखंड के बाहिरग्राम गांव में है।


Body:ग्रामीण बताते है कि आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका अर्पणा मिश्रा बीच बीच में एक झोला लेकर गांव पहुंचती है और गांव में घुम रहे बच्चो को कभी एक अंडा तो कभी सत्तु बांटकर चली जाती है। ग्रामीणो के मुताबिक आंगनबाड़ी नही खोलने की शिकायत कई बार की गयी, बावजुद विभागीय अधिकारियों ने कोई ध्यान नही दिया। ग्रामीणो ने बताया कि सेविका जब भी गांव पहुंचती है तो उसे केंद्र खोलने के लिए कहा जाता है, तो सेविका द्वारा कभी समय पर न पहुंच पाने और कभी आंगनबाड़ी भवन जर्जर होने का बहाना बनाकर चली जाती है।
ग्रामीणो ने बताया कि आंगनबाड़ी नही खुलने से गांव के छोटे छोटे बच्चे की न तो पढ़ाई हो पाती है और न तो उन्हे पौष्टिक आहार मिल पाता है। ग्रामीणो ने प्रशासन से मांग की है कि सेविका अर्पणा मिश्रा हटाकर गांव की कोई अन्य महिला को सेविका के रूप में प्रतिनियुक्त किया जाए। ग्रामीणो ने बताया कि इस आंगनबाड़ी की सेविका गांव में नही बल्कि काफी दिनो से शहर में रहती है।


Conclusion:पाकुड़ के बाहिरग्राम गांव में आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहने को लेकर डीसी कुलदीप चौधरी ने बताया कि जिला प्रशासन आंगनबाड़ी केंद्रो को डेवलाॅप करने के काफी लिए गंभीर है। डीसी ने कहा कि जांच के निर्देश दिए गए है और जांच रिपोर्ट मिलते सेविका के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।
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