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गोड्डा के बाद पाकुड़ जिले में मलेरिया जैसे लक्षणों की बीमारी ने ली पांच बच्चों की जान, अब तक एक दर्जन मौत - मलेरिया जैसी बीमारी से बच्चों की मौत

Children died due to malaria in Pakur. झारखंड में गोड्डा के बाद पाकुड़ जिले में मलेरिया जैसे लक्षणों की बीमारी से पांच बच्चों की मौत हो गई है. अब तक राज्य में तकरीबन एक दर्जन मौत हो चुकी है.

Children died due to malaria in Pakur
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 25, 2023, 4:24 PM IST

गोड्डा: झारखंड के गोड्डा के बाद पाकुड़ जिले में भी बड़ी संख्या में बच्चे मलेरिया से मिलते-जुलते लक्षणों की बीमारी से पीड़ित हैं. गोड्डा में बीमारी से जहां सात बच्चों की मौत हुई है, वहीं पाकुड़ में भी पांच बच्चों की जान चली गई है. ये सभी मौतें आठ से दस दिनों के दौरान हुई हैं.

  • सत्तासुख भोगने की लालसा लिए हुए हेमंत से अब जनता कौन सी उम्मीद कर सकती है?

    गोड्डा जिले में 7 बच्चों की मौत के बाद,अब पाकुड़ जिले की लिट्टीपाड़ा के बड़ा कुलटो में 5 नाबालिक बच्चों की अज्ञात बीमारी से मौत हो गई है। पर प्रदेश की हेमंत सरकार अभी भी नींद में सोई हुई है,उसे बच्चों की…

    — Babulal Marandi (@yourBabulal) November 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मरने वाले सभी बच्चे आदिम जनजाति और जनजातीय परिवारों के हैं. पाकुड़ जिले से मिली खबर के मुताबिक लिट्टीपाड़ा प्रखंड के बड़ा कुलटो गांव में बीते पांच दिनों में जिन पांच बच्चों की जान बीमारी से चली गई है, उनके नाम छिता हांसदा, देतबाबू मरांडी, लीलमुनी मुर्मू, सुनीता मुर्मू और माइकल मरांडी हैं. इन सभी बच्चों की उम्र 2 से लेकर 12 साल के बीच थी.

बच्चों की मौत की सूचना के बाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड में है. पाकुड़ के उपायुक्त मृत्युंजय वर्णवाल के निर्देश पर डीएमओ केके सिंह और बीडीओ श्रीमान मरांडी की अगुवाई में मेडिकल टीम बड़ा कुटलो गांव पहुंची. गांव में लगाए गए कैंप में 50 बीमार लोगों का इलाज किया गया. इनमें से नौ लोग मलेरिया पॉजिटिव पाए गए हैं. इन सभी को इलाज के लिए लिट्टीपाड़ा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दाखिल कराया गया है.

  • आज सुंदरपहाडी में पहाड़िया जनजाति की बीमारी व दुर्दशा को देखा । मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी का यह क्षेत्र है। ना प्रधानमंत्री आवास,ना नौकरी,ना स्वास्थ्य,ना स्कूल @PMOIndia @MoHFW_INDIA @mansukhmandviya @MundaArjun @yourBabulal ना आने जाने का रास्ता,स्थिति बदतर,लोगों को बीमारी का… pic.twitter.com/loMyDXy3t6

    — Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) November 24, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बच्चों की मौत की घटनाओं को लेकर विपक्षी पार्टी भाजपा ने राज्य सरकार को निशाने पर लिया है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है, “सत्तासुख भोगने की लालसा लिए हुए हेमंत से अब जनता कौन सी उम्मीद कर सकती है? गोड्डा जिले में 7 बच्चों की मौत के बाद, अब पाकुड़ जिले की लिट्टीपाड़ा के बड़ा कुलटो में 5 नाबालिग बच्चों की अज्ञात बीमारी से मौत हो गई है. प्रदेश की हेमंत सरकार अभी भी नींद में सोई हुई है, उसे बच्चों की जान से, रोते हुए इंसान से और बेबस होती स्वास्थ्य व्यवस्था से कोई फर्क नहीं पड़ता है. हर दिन किसी न किसी बच्चे की जान जा रही है और राज्य सरकार अपनी रोटी में घी लगाकर स्वाद ले रही है, उसे रोटी और पथराई आंखों से कोई सहानुभूति नहीं है.”

गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने भी गोड्डा के सुंदरपहाड़ी प्रखंड में बीमारी से सात बच्चों की मौत की घटना के लिए राज्य की सरकार और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने सुंदरपहाड़ी के तिलैयपाड़ा गांव का दौरा कर आदिम जनजाति के लोगों की व्यथा सुनी. इस दौरे के बाद उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, “आज सुंदरपहाडी में पहाड़िया जनजाति की बीमारी व दुर्दशा को देखा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी का यह क्षेत्र है. ना प्रधानमंत्री आवास, ना नौकरी, ना स्वास्थ्य, ना स्कूल, ना आने जाने का रास्ता, स्थिति बदतर.“

इनपुट- आईएएनएस

ये भी पढ़ें- बाबूलाल मरांडी और सांसद निशिकांत दुबे ने मलेरिया से हुई मौतों पर हेमंत सरकार को घेरा, कहा- आईसीयू में सो रही सरकार!

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ये भी पढें- गोड्डा के सुंदरपहाड़ी में मलेरिया का प्रकोप, 15 चिकित्सीय दल गांव में कर रहा कैंप

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  • सत्तासुख भोगने की लालसा लिए हुए हेमंत से अब जनता कौन सी उम्मीद कर सकती है?

    गोड्डा जिले में 7 बच्चों की मौत के बाद,अब पाकुड़ जिले की लिट्टीपाड़ा के बड़ा कुलटो में 5 नाबालिक बच्चों की अज्ञात बीमारी से मौत हो गई है। पर प्रदेश की हेमंत सरकार अभी भी नींद में सोई हुई है,उसे बच्चों की…

    — Babulal Marandi (@yourBabulal) November 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मरने वाले सभी बच्चे आदिम जनजाति और जनजातीय परिवारों के हैं. पाकुड़ जिले से मिली खबर के मुताबिक लिट्टीपाड़ा प्रखंड के बड़ा कुलटो गांव में बीते पांच दिनों में जिन पांच बच्चों की जान बीमारी से चली गई है, उनके नाम छिता हांसदा, देतबाबू मरांडी, लीलमुनी मुर्मू, सुनीता मुर्मू और माइकल मरांडी हैं. इन सभी बच्चों की उम्र 2 से लेकर 12 साल के बीच थी.

बच्चों की मौत की सूचना के बाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड में है. पाकुड़ के उपायुक्त मृत्युंजय वर्णवाल के निर्देश पर डीएमओ केके सिंह और बीडीओ श्रीमान मरांडी की अगुवाई में मेडिकल टीम बड़ा कुटलो गांव पहुंची. गांव में लगाए गए कैंप में 50 बीमार लोगों का इलाज किया गया. इनमें से नौ लोग मलेरिया पॉजिटिव पाए गए हैं. इन सभी को इलाज के लिए लिट्टीपाड़ा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दाखिल कराया गया है.

  • आज सुंदरपहाडी में पहाड़िया जनजाति की बीमारी व दुर्दशा को देखा । मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी का यह क्षेत्र है। ना प्रधानमंत्री आवास,ना नौकरी,ना स्वास्थ्य,ना स्कूल @PMOIndia @MoHFW_INDIA @mansukhmandviya @MundaArjun @yourBabulal ना आने जाने का रास्ता,स्थिति बदतर,लोगों को बीमारी का… pic.twitter.com/loMyDXy3t6

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बच्चों की मौत की घटनाओं को लेकर विपक्षी पार्टी भाजपा ने राज्य सरकार को निशाने पर लिया है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है, “सत्तासुख भोगने की लालसा लिए हुए हेमंत से अब जनता कौन सी उम्मीद कर सकती है? गोड्डा जिले में 7 बच्चों की मौत के बाद, अब पाकुड़ जिले की लिट्टीपाड़ा के बड़ा कुलटो में 5 नाबालिग बच्चों की अज्ञात बीमारी से मौत हो गई है. प्रदेश की हेमंत सरकार अभी भी नींद में सोई हुई है, उसे बच्चों की जान से, रोते हुए इंसान से और बेबस होती स्वास्थ्य व्यवस्था से कोई फर्क नहीं पड़ता है. हर दिन किसी न किसी बच्चे की जान जा रही है और राज्य सरकार अपनी रोटी में घी लगाकर स्वाद ले रही है, उसे रोटी और पथराई आंखों से कोई सहानुभूति नहीं है.”

गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने भी गोड्डा के सुंदरपहाड़ी प्रखंड में बीमारी से सात बच्चों की मौत की घटना के लिए राज्य की सरकार और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने सुंदरपहाड़ी के तिलैयपाड़ा गांव का दौरा कर आदिम जनजाति के लोगों की व्यथा सुनी. इस दौरे के बाद उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, “आज सुंदरपहाडी में पहाड़िया जनजाति की बीमारी व दुर्दशा को देखा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी का यह क्षेत्र है. ना प्रधानमंत्री आवास, ना नौकरी, ना स्वास्थ्य, ना स्कूल, ना आने जाने का रास्ता, स्थिति बदतर.“

इनपुट- आईएएनएस

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