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पाकुड़ जिले में हैं कोरोना को लेकर पर्याप्त इंतजाम, प्रशासन ने जारी की ये एडवाइजरी

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Published : Apr 4, 2020, 11:08 AM IST

Updated : Apr 4, 2020, 11:26 AM IST

कोरोना को लेकर देश में युद्दस्तर पर जंग लड़ी जा रही है. समाज के सभी वर्ग सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ दे रहे हैं. राज्य के सभी जिलों में आवश्यक इंतजाम किए जा रहे हैं.पाकुड़ जिले में भी प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है.

कोरोना को लेकर पर्याप्त इंतजाम
कोरोना को लेकर पर्याप्त इंतजाम

पाकुड़ : कोरोना वायरस से बचाव रोकथाम एवं उपचार को लेकर जिला प्रशासन हर चुनौतियों का डटकर मुकाबला कर रहा है. विश्वव्यापी कोरोना महामारी को हराने के लिए न केवल लोगों को जागरूक किया जा रहा है, लॉकडाउन का अनुपालन किया जा रहा.

सोशल डिस्टेंस को बरकरार रखने की कार्रवाई की जा रही है. जरूरतमंदों को बुनियादी आवश्यकता है जो मुहैया करायी जा रही है बल्कि दूसरे राज्य एवं जिलों से आए मजदूरों एवं लोगों को कोरेंटाइन सेंटर में उचित देखभाल और काउंसलिंग भी की जा रही है.

कोरोना वायरस को लेकर जिन लोगों को कोरेंटाइन सेंटर में रखा गया है उन्हें आने वाले दिनों में किसी तरह की सामाजिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े, इसके भी कार्य योजना जिला प्रशासन के मुखिया कुलदीप चौधरी ने बना ली है.

जिले में पूरी टीम भावना के साथ समन्वय स्थापित करते हुए काम हो रहा है, जिसका नतीजा है कि जिलेवासी लॉकडाउन के दौरान शासन प्रशासन के आदेशों निर्देशों का अनुपालन कर रहे हैं, बल्कि जरूरतमंद के सामानों को सरल और सुलभ तरीके से ही प्राप्त कर रहे हैं.

कोरोना वायरस को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां भी हैं, जैसे यदि कोई मरीज पॉजिटिव पाए गए तो उनका इलाज कैसे होगा, खर्च कौन करेगा, उनके परिवार का क्या होगा और यदि कोरोना वायरस के पॉजिटिव रोगी पाए गए तो यदि उनका सामाजिक बहिष्कार हुआ तो प्रशासन की क्या भूमिका होगी.

इन्हीं बिंदुओं पर डीसी कुलदीप चौधरी ने ईटीवी भारत से बातचीत की. डीसी कुलदीप चौधरी ने कहा कि कोरोना महामारी की स्थिति में एक ओर लोगों को जानकारी दी जा रही है कि वह सही तथ्यात्मक जानकारियों को समझें और किसी प्रकार के भ्रामक तथ्यों से अपने आप को भ्रमित करके कोई कदम न उठाएं.

किसी परिवार या व्यक्ति विशेष को सामाजिक रूप से बहिष्कार न करें. डीसी ने कहा कि जिले में सभी ग्रामस्तर पर समिति बनायी गयी है.

उस ग्राम समिति में वहां के सेविका, सहायिका, पारा शिक्षक, वार्ड सदस्य को शामिल किया गया है, जो भी बाहर से आए हैं उनकी सूचना अपनी पंचायत स्तरीय समिति, ब्लॉक समिति या जिला में बनाए गए कोषांग में जानकारी दी जाए और सूचना मिलते ही प्रखंड स्तरीय टीम द्वारा प्रारंभिक जांच की जाती है.

यह भी पढ़ेंः अब कुछ सेकेंड में कोरोना संक्रमित व्यक्ति का मिलेगा इतिहास, BIT सिंदरी के छात्रों ने ईजाद की ये तकनीक

लक्षण पाए जाने की स्थिति होने पर बनाए गए कोरेंटाइन सेंटर में उसे रखने का काम किया जाता है और जांच के दौरान आवश्यकता पड़ने पर ब्लड सैम्पल भी लिया जाता है.

डीसी ने कहा कि ब्लड सैंपल की रिपोर्ट आते ही पंचायत स्तरीय बनाई गई समिति को रिपोर्ट भेज दी जाती है ताकि किसी प्रकार का संदेह की स्थिति उत्पन्न न हो. उन्होंने कहा कि कोरोना की जांच इलाज के लिए जितने भी खर्च होंगे उसे विभाग वहन करेगी.

डीसी ने कहा यदि किसी भी व्यक्ति को जांच के लिए ले जाया गया और उसे कोरेंटाइम सेंटर में रखा जाता है ऐसे लोंगो के परिवार को चिन्हित कर सूखा राशन व अन्य सामग्री उपलब्ध करायी जा रही है. साथ ही जिले में सामुदायिक रसोईघर, दाल भात केंद्र खोले गए हैं ताकि किसी व्यक्ति या परिवार को दिक्कतों का सामना न करना पड़े.

राज्य में 162 लोगों का सैंपल लिया गया

दूसरी ओर रिम्स में कुल 92 संदिग्धों का सैंपल लिया गया है. जिसकी रिपोर्ट देर रात तक आयी है जिसमें सभी की रिपोर्ट निगेटिव बतायी गयी हैं. पूरे राज्य से 162 लोगों का सैंपल लिया गया है.

हालांकि राज्य स्तर पर आज की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी नहीं की गई है सिर्फ सैंपल कलेक्शन की सूची जारी की गई है. बता दें कि अब तक पूरे राज्य से कुल 691 संदिग्धों का सैंपल कलेक्शन किया जा चुका है जबकि रिम्स से सिर्फ अब तक कुल 324 लोगों का सैम्पल लिया गया हैं.

इसमें 2 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव है. दोनो कोरोना पॉजिटिव मरीज में एक का इलाज रिम्स में चल रहा है तो वहीं दूसरे मरीज का इलाज हजारीबाग में किया जा रहा है.

तबलीगी जमात को लेकर सतर्क

दूसरी ओर जिले में तबलीगी जमात के सदस्य रहने की मिली सूचना पर प्रशासन अलर्ट हो गया है. एक व्यक्ति को जिला मुख्यालय से ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जांच के लिए सदर अस्पताल ले जाया गया है.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक पाकुड़ जिला मुख्यालय में तबलीगी जमात के पाकुड़ जिला प्रमुख की सूचना यहां प्रशासन को मिली. सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची और उसे अपने साथ सदर अस्पताल ले गई, जहां उसकी स्वास्थ्य जांच चिकित्सकों द्वारा की गयी.

प्रशासन को यह सूचना मिली थी तबलीगी जमात में कुछ यहां के लोग भी गए थे और हाल के दिनों में लौट आए हैं और किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य जांच नहीं करायी गयी थी.

पाकुड़ : कोरोना वायरस से बचाव रोकथाम एवं उपचार को लेकर जिला प्रशासन हर चुनौतियों का डटकर मुकाबला कर रहा है. विश्वव्यापी कोरोना महामारी को हराने के लिए न केवल लोगों को जागरूक किया जा रहा है, लॉकडाउन का अनुपालन किया जा रहा.

सोशल डिस्टेंस को बरकरार रखने की कार्रवाई की जा रही है. जरूरतमंदों को बुनियादी आवश्यकता है जो मुहैया करायी जा रही है बल्कि दूसरे राज्य एवं जिलों से आए मजदूरों एवं लोगों को कोरेंटाइन सेंटर में उचित देखभाल और काउंसलिंग भी की जा रही है.

कोरोना वायरस को लेकर जिन लोगों को कोरेंटाइन सेंटर में रखा गया है उन्हें आने वाले दिनों में किसी तरह की सामाजिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े, इसके भी कार्य योजना जिला प्रशासन के मुखिया कुलदीप चौधरी ने बना ली है.

जिले में पूरी टीम भावना के साथ समन्वय स्थापित करते हुए काम हो रहा है, जिसका नतीजा है कि जिलेवासी लॉकडाउन के दौरान शासन प्रशासन के आदेशों निर्देशों का अनुपालन कर रहे हैं, बल्कि जरूरतमंद के सामानों को सरल और सुलभ तरीके से ही प्राप्त कर रहे हैं.

कोरोना वायरस को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां भी हैं, जैसे यदि कोई मरीज पॉजिटिव पाए गए तो उनका इलाज कैसे होगा, खर्च कौन करेगा, उनके परिवार का क्या होगा और यदि कोरोना वायरस के पॉजिटिव रोगी पाए गए तो यदि उनका सामाजिक बहिष्कार हुआ तो प्रशासन की क्या भूमिका होगी.

इन्हीं बिंदुओं पर डीसी कुलदीप चौधरी ने ईटीवी भारत से बातचीत की. डीसी कुलदीप चौधरी ने कहा कि कोरोना महामारी की स्थिति में एक ओर लोगों को जानकारी दी जा रही है कि वह सही तथ्यात्मक जानकारियों को समझें और किसी प्रकार के भ्रामक तथ्यों से अपने आप को भ्रमित करके कोई कदम न उठाएं.

किसी परिवार या व्यक्ति विशेष को सामाजिक रूप से बहिष्कार न करें. डीसी ने कहा कि जिले में सभी ग्रामस्तर पर समिति बनायी गयी है.

उस ग्राम समिति में वहां के सेविका, सहायिका, पारा शिक्षक, वार्ड सदस्य को शामिल किया गया है, जो भी बाहर से आए हैं उनकी सूचना अपनी पंचायत स्तरीय समिति, ब्लॉक समिति या जिला में बनाए गए कोषांग में जानकारी दी जाए और सूचना मिलते ही प्रखंड स्तरीय टीम द्वारा प्रारंभिक जांच की जाती है.

यह भी पढ़ेंः अब कुछ सेकेंड में कोरोना संक्रमित व्यक्ति का मिलेगा इतिहास, BIT सिंदरी के छात्रों ने ईजाद की ये तकनीक

लक्षण पाए जाने की स्थिति होने पर बनाए गए कोरेंटाइन सेंटर में उसे रखने का काम किया जाता है और जांच के दौरान आवश्यकता पड़ने पर ब्लड सैम्पल भी लिया जाता है.

डीसी ने कहा कि ब्लड सैंपल की रिपोर्ट आते ही पंचायत स्तरीय बनाई गई समिति को रिपोर्ट भेज दी जाती है ताकि किसी प्रकार का संदेह की स्थिति उत्पन्न न हो. उन्होंने कहा कि कोरोना की जांच इलाज के लिए जितने भी खर्च होंगे उसे विभाग वहन करेगी.

डीसी ने कहा यदि किसी भी व्यक्ति को जांच के लिए ले जाया गया और उसे कोरेंटाइम सेंटर में रखा जाता है ऐसे लोंगो के परिवार को चिन्हित कर सूखा राशन व अन्य सामग्री उपलब्ध करायी जा रही है. साथ ही जिले में सामुदायिक रसोईघर, दाल भात केंद्र खोले गए हैं ताकि किसी व्यक्ति या परिवार को दिक्कतों का सामना न करना पड़े.

राज्य में 162 लोगों का सैंपल लिया गया

दूसरी ओर रिम्स में कुल 92 संदिग्धों का सैंपल लिया गया है. जिसकी रिपोर्ट देर रात तक आयी है जिसमें सभी की रिपोर्ट निगेटिव बतायी गयी हैं. पूरे राज्य से 162 लोगों का सैंपल लिया गया है.

हालांकि राज्य स्तर पर आज की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी नहीं की गई है सिर्फ सैंपल कलेक्शन की सूची जारी की गई है. बता दें कि अब तक पूरे राज्य से कुल 691 संदिग्धों का सैंपल कलेक्शन किया जा चुका है जबकि रिम्स से सिर्फ अब तक कुल 324 लोगों का सैम्पल लिया गया हैं.

इसमें 2 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव है. दोनो कोरोना पॉजिटिव मरीज में एक का इलाज रिम्स में चल रहा है तो वहीं दूसरे मरीज का इलाज हजारीबाग में किया जा रहा है.

तबलीगी जमात को लेकर सतर्क

दूसरी ओर जिले में तबलीगी जमात के सदस्य रहने की मिली सूचना पर प्रशासन अलर्ट हो गया है. एक व्यक्ति को जिला मुख्यालय से ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जांच के लिए सदर अस्पताल ले जाया गया है.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक पाकुड़ जिला मुख्यालय में तबलीगी जमात के पाकुड़ जिला प्रमुख की सूचना यहां प्रशासन को मिली. सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची और उसे अपने साथ सदर अस्पताल ले गई, जहां उसकी स्वास्थ्य जांच चिकित्सकों द्वारा की गयी.

प्रशासन को यह सूचना मिली थी तबलीगी जमात में कुछ यहां के लोग भी गए थे और हाल के दिनों में लौट आए हैं और किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य जांच नहीं करायी गयी थी.

Last Updated : Apr 4, 2020, 11:26 AM IST
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