पाकुड़: झारखंड अलग राज्य बनने के बाद से अबतक बालू, पत्थर और कोयले का अवैध कारोबार फल-फूल रहा था. इसमें सत्ता में बैठे लोगों के साथ साथ भ्रष्ट अधिकारियों की भी बड़ी भूमिका होने की आशंका जताई जा रही है. अब अवैध माइनिंग पर नकेल कसने को लेकर मुख्यमंत्री की ओर से सख्त निर्देश दिए गए हैं. इस निर्देश के आलोक में जिला टास्क फोर्स ने कार्रवाई शुरू कर दी है. यही वजह है कि दर्जनों की संख्या में अवैध बालू और पत्थर लदे वाहनों को जब्त किया गया है. इसके साथ ही कई वाहन मालिकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
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स्थिति यह है कि जिन अधिकारियों को पिछले दो तीन साल से संचालित अवैध पत्थर खदान दिखता नहीं था. आज अवैध खदानों को बंद करने को लेकर ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है. अवैध बालू और पत्थरों के परिवहन ही नहीं बल्कि अवैध खनन पर रोकने को लेकर प्रखंड स्तर पर कार्रवाई शुरू की गई है. संबंधित अंचल के सीओ और थाना प्रभारी संयुक्त रूप से अभियान चला रहे हैं.
आईएएस पूजा सिंघल से पूछताछ के दौरान पाकुड़ के खनन पदाधिकारी को भी ईडी ने तलब किया. इसके बाद से अवैध बालू और पत्थर कारोबारियों पर कार्रवाई तेज कर दी गई है. जिले के पाकुड़िया प्रखंड के खक्सा, गोलपुर, महेशपुर प्रखंड के सुंदरापहाड़ी, चांदपुर बारामूरा, रद्दीपुर, पाकुड़ प्रखंड के कालीदासपुर, मालीपाड़ा, रामनगर, बासमाता, पीपलजोड़ी, कान्हूपुर, श्रीरामपुर, चेंगाडांगा, हिरणपुर प्रखंड के फतेहपुर, मानसिंहपुर, सीतपहाड़ी, हाथीगढ़ में पत्थरों का अवैध उत्खनन आज भी जारी है. हालांकि, प्रशासन की ओर से अवैध उत्खनन और परिवहन पर रोक लगाने को लेकर कुछ स्थानों पर छापेमारी की गई है. दर्जनों पत्थर और बालू लदे वाहनों को अवैध परिवहन के आरोप में जब्त किया है. इसके साथ ही कई वाहन मालिकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.