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लोहरदगा में शहरी जलापूर्ति योजना हुई ठप, ठेकेदार ने खड़े किए हाथ

लोहरदगा के शहरी जलापूर्ति योजना के ठप पड़ने से पानी के लिए हाहाकार मचना प्रारंभ हो गया है. जलापूर्ति योजना के ठेकेदार ने भुगतान नहीं होने की बात कहते हुए योजना संचालन से अपने हाथ खड़े कर लिए हैं. जिसके बाद नगर परिषद के लिए शहरी जलापूर्ति योजना को जारी रख पाना बेहद चुनौतीपूर्ण है.

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शहरी जलापूर्ति योजना
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Published : Oct 1, 2020, 2:22 PM IST

लोहरदगा: शहरी क्षेत्र में जलापूर्ति योजना ठप पड़ चुकी है. जलापूर्ति योजना के ठेकेदार ने काम करने से इन्कार कर दिया है. इस संबंध में नगर परिषद और जिला प्रशासन को पत्राचार किया गया है. जलापूर्ति ठप होने से अब शहर में पानी के लिए हाहाकार मचना तय है. कुल मिलाकर स्थिति ऐसी है कि शहरी जलापूर्ति योजना पर ही शहर की ज्यादातर आबादी निर्भर करती है. योजना के ठप पड़ने से परेशानी भी बढ़ चुकी है.

देखें पूरी खबर
एक करोड़ 10 लाख रुपये बकाया की फरियादशहरी जलापूर्ति योजना के ठेकेदार कुमार संदीप का कहना है कि नगर परिषद पर उनका एक करोड़ 10 लाख रुपये बकाया है. कई बार इस संबंध में आवेदन देते हुए भुगतान की गुहार लगाई गई है, लेकिन अब तक भुगतान नहीं किया गया है. ऐसी स्थिति में जलापूर्ति का संचालन कर पाना बेहद मुश्किल हो चुका है. शहरी जलापूर्ति योजना पर ही लोहरदगा की ज्यादातर शहरी आबादी निर्भर करती है. शहरी जलापूर्ति योजना के तहत लोहरदगा शहर में लगभग 6 हजार वैध और 5 हजार अवैध कनेक्शनधारी हैं. इसे भी पढे़ं-वन विभाग ने उजाड़ा गरीब का आशियाना, डीसी और डीएफओ को आवेदन देकर न्याय की लगाई गुहार


11 हजार परिवारों के लिए पानी की आवश्यकता
शहर में 11 हजार परिवारों के लिए पानी की आवश्यकता शहरी जलापूर्ति योजना पर ही निर्भर करती है. योजना के ठप पड़ने से लोगों की परेशानी भी बढ़ने वाली है. शहर में लोगों को पानी के लिए इसके अलावा कोई और विकल्प नजर ही नहीं आता है. हैंडपंप और सार्वजनिक ग्रुप के भरोसे शहरी जलापूर्ति योजना का विकल्प तलाशना मुश्किल है. कुल मिलाकर स्थिति ऐसी है कि अब आम लोगों की परेशानी बढ़ने वाली है. अगले एक-दो दिनों में यह स्पष्ट होगा कि लोग पानी के लिए कितना परेशान होते हैं. हालांकि हाहाकार मचना अभी से ही प्रारंभ हो चुका है.

लोहरदगा: शहरी क्षेत्र में जलापूर्ति योजना ठप पड़ चुकी है. जलापूर्ति योजना के ठेकेदार ने काम करने से इन्कार कर दिया है. इस संबंध में नगर परिषद और जिला प्रशासन को पत्राचार किया गया है. जलापूर्ति ठप होने से अब शहर में पानी के लिए हाहाकार मचना तय है. कुल मिलाकर स्थिति ऐसी है कि शहरी जलापूर्ति योजना पर ही शहर की ज्यादातर आबादी निर्भर करती है. योजना के ठप पड़ने से परेशानी भी बढ़ चुकी है.

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एक करोड़ 10 लाख रुपये बकाया की फरियादशहरी जलापूर्ति योजना के ठेकेदार कुमार संदीप का कहना है कि नगर परिषद पर उनका एक करोड़ 10 लाख रुपये बकाया है. कई बार इस संबंध में आवेदन देते हुए भुगतान की गुहार लगाई गई है, लेकिन अब तक भुगतान नहीं किया गया है. ऐसी स्थिति में जलापूर्ति का संचालन कर पाना बेहद मुश्किल हो चुका है. शहरी जलापूर्ति योजना पर ही लोहरदगा की ज्यादातर शहरी आबादी निर्भर करती है. शहरी जलापूर्ति योजना के तहत लोहरदगा शहर में लगभग 6 हजार वैध और 5 हजार अवैध कनेक्शनधारी हैं. इसे भी पढे़ं-वन विभाग ने उजाड़ा गरीब का आशियाना, डीसी और डीएफओ को आवेदन देकर न्याय की लगाई गुहार


11 हजार परिवारों के लिए पानी की आवश्यकता
शहर में 11 हजार परिवारों के लिए पानी की आवश्यकता शहरी जलापूर्ति योजना पर ही निर्भर करती है. योजना के ठप पड़ने से लोगों की परेशानी भी बढ़ने वाली है. शहर में लोगों को पानी के लिए इसके अलावा कोई और विकल्प नजर ही नहीं आता है. हैंडपंप और सार्वजनिक ग्रुप के भरोसे शहरी जलापूर्ति योजना का विकल्प तलाशना मुश्किल है. कुल मिलाकर स्थिति ऐसी है कि अब आम लोगों की परेशानी बढ़ने वाली है. अगले एक-दो दिनों में यह स्पष्ट होगा कि लोग पानी के लिए कितना परेशान होते हैं. हालांकि हाहाकार मचना अभी से ही प्रारंभ हो चुका है.

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