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विधानसभा चुनाव 2019: लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र से सुखदेव भगत का रिपोर्ट कार्ड - vidhansabha chunav 2019

लोहरदगा जिले में एकमात्र लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र है. इसके अंतर्गत कुडू, सेन्हा, भंडरा, कैरो, किस्को, पेशरार लोहरदगा नगर परिषद क्षेत्र आते हैं. अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित लोहरदगा विधानसभा आदिवासी बहुल और कृषि प्रधान क्षेत्र है. यहां पर कृषि और पशुपालन ही रोजगार का मुख्य साधन है. साल 2011 की जनगणना के अनुसार लोहरदगा जिले की आबादी 4 लाख 61 हजार 738 थी, जो अब काफी बढ़ चुकी है. यहां पर लिंग अनुपात 985 है. साक्षरता दर की बात करें, तो यहां 68.29 प्रतिशत लोग साक्षर हैं. लोहरदगा जिला बॉक्साइट की माइंस और कोयल-शंख नदी के कारण भी अपनी पहचान रखता है.

लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र से सुखदेव भगत का रिपोर्ट कार्ड
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Published : Sep 25, 2019, 7:21 PM IST

लोहरदगा: जिले का इतिहास काफी समृद्धशाली रहा है. लोहरदगा जिला प्रगति के पथ पर अग्रसर है. 17 मई 1983 को लोहरदगा जिला बना. रांची जिले के विभाजन के अंतर्गत लोहरदगा जिले का गठन किया गया. इससे पहले लोहरदगा को 1972 में एक सब-डिवीजन बनाया गया. लोहरदगा के ऐतिहासिक महत्व का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि जैन धर्म की पुस्तकों में भगवान महावीर के लोहरदगा आने के साक्ष्य हैं. आईने अकबरी में भी लोहरदगा का जिक्र किया गया है.

वीडियो में देखें ये स्पेशल स्टोरी

लोहरदगा जिले में एकमात्र लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र है. इसके अंतर्गत कुडू, सेन्हा, भंडरा, कैरो, किस्को, पेशरार लोहरदगा नगर परिषद क्षेत्र आते हैं. अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित लोहरदगा विधानसभा आदिवासी बहुल और कृषि प्रधान क्षेत्र है. यहां पर कृषि और पशुपालन ही रोजगार का मुख्य साधन है. साल 2011 की जनगणना के अनुसार लोहरदगा जिले की आबादी 4 लाख 61 हजार 738 थी, जो अब काफी बढ़ चुकी है. यहां पर लिंग अनुपात 985 है. साक्षरता दर की बात करें, तो यहां 68.29 प्रतिशत लोग साक्षर हैं. लोहरदगा जिला बॉक्साइट की माइंस और कोयल-शंख नदी के कारण भी अपनी पहचान रखता है.

लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र से सुखदेव भगत का रिपोर्ट कार्ड

ये भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव 2019: बरकट्ठा विधानसभा क्षेत्र से जानकी प्रसाद यादव का रिपोर्ट कार्ड

विधायक सुखदेव भगत का कहना है कि विधानसभा क्षेत्र में वो जिस तरह चाहते थे वैसा विकास नहीं कर सके. इसके लिए उन्होंने सरकारी व्यवस्था पर भी सवाल उठाया है. हालांकि विपक्षी दलों के नेताओं का कहना है कि यह क्षेत्र उपेक्षित है. विधायक ने अपनी योजनाओं के शिलान्यास के अलावा कुछ भी नहीं किया. यहां पर विधायक के काम को गिनाने के लिए कुछ भी नहीं है.

लोहरदगा: जिले का इतिहास काफी समृद्धशाली रहा है. लोहरदगा जिला प्रगति के पथ पर अग्रसर है. 17 मई 1983 को लोहरदगा जिला बना. रांची जिले के विभाजन के अंतर्गत लोहरदगा जिले का गठन किया गया. इससे पहले लोहरदगा को 1972 में एक सब-डिवीजन बनाया गया. लोहरदगा के ऐतिहासिक महत्व का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि जैन धर्म की पुस्तकों में भगवान महावीर के लोहरदगा आने के साक्ष्य हैं. आईने अकबरी में भी लोहरदगा का जिक्र किया गया है.

वीडियो में देखें ये स्पेशल स्टोरी

लोहरदगा जिले में एकमात्र लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र है. इसके अंतर्गत कुडू, सेन्हा, भंडरा, कैरो, किस्को, पेशरार लोहरदगा नगर परिषद क्षेत्र आते हैं. अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित लोहरदगा विधानसभा आदिवासी बहुल और कृषि प्रधान क्षेत्र है. यहां पर कृषि और पशुपालन ही रोजगार का मुख्य साधन है. साल 2011 की जनगणना के अनुसार लोहरदगा जिले की आबादी 4 लाख 61 हजार 738 थी, जो अब काफी बढ़ चुकी है. यहां पर लिंग अनुपात 985 है. साक्षरता दर की बात करें, तो यहां 68.29 प्रतिशत लोग साक्षर हैं. लोहरदगा जिला बॉक्साइट की माइंस और कोयल-शंख नदी के कारण भी अपनी पहचान रखता है.

लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र से सुखदेव भगत का रिपोर्ट कार्ड

ये भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव 2019: बरकट्ठा विधानसभा क्षेत्र से जानकी प्रसाद यादव का रिपोर्ट कार्ड

विधायक सुखदेव भगत का कहना है कि विधानसभा क्षेत्र में वो जिस तरह चाहते थे वैसा विकास नहीं कर सके. इसके लिए उन्होंने सरकारी व्यवस्था पर भी सवाल उठाया है. हालांकि विपक्षी दलों के नेताओं का कहना है कि यह क्षेत्र उपेक्षित है. विधायक ने अपनी योजनाओं के शिलान्यास के अलावा कुछ भी नहीं किया. यहां पर विधायक के काम को गिनाने के लिए कुछ भी नहीं है.

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स्टोरी- लोहरदगा विधानसभा के विधायक का रिपोर्ट कार्ड
वी/ओ-1- लोहरदगा जिले का इतिहास काफी समृद्धशाली रहा है. लोहरदगा जिला प्रगति के पथ पर अग्रसर है. 17 मई 1983 को लोहरदगा जिला बना. रांची जिले के विभाजन के अंतर्गत लोहरदगा जिला का गठन किया गया था. इससे पहले लोहरदगा जिले को 1972 में एक सबडिवीजन बनाया गया था. लोहरदगा जिले के ऐतिहासिक महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जैन धर्म की पुस्तकों में भगवान महावीर के लोहरदगा आने के साक्ष्य हैं. आईने अकबरी में भी लोहरदगा का जिक्र किया गया है. लोहरदगा जिले में एकमात्र लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र है. लोहरदगा जिला और लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुडू, सेन्हा, भंडरा, कैरो, किस्को, पेशरार लोहरदगा नगर परिषद क्षेत्र आता है. सेन्हा, पेशरार और भंडरा प्रखंड का कुछ क्षेत्र गुमला जिले के विशुनपुर विधानसभा में भी आता है. अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित लोहरदगा विधानसभा आदिवासी बहुल और कृषि प्रधान क्षेत्र है. यहां पर कृषि और पशुपालन ही रोजगार का मुख्य साधन है. साल 2011 की जनगणना के अनुसार लोहरदगा जिले की आबादी 461738 थी. जो अब काफी बढ़ चुकी है. यहां पर लिंग अनुपात 985 है. जबकि साक्षरता दर की बात करें तो यहां 68.29 प्रतिशत लोग साक्षर हैं. वर्ष 2016 तक लोहरदगा जिला नक्सली गतिविधियों की वजह से हमेशा चर्चा में रहता था. इसके बाद से लोहरदगा जिले में माओवादियों का आतंक कम हुआ और लोहरदगा जिले को एक पहचान मिली है. साल 2000 में 4 अक्टूबर को पेशरार की घाटियों में नक्सलियों ने तत्कालीन एसपी अजय कुमार सिंह की हत्या कर दी थी. नक्सलियों की इस दंश से लोहरदगा जिला लगभग 16 सालों तक जूझता रहा है. अब जाकर नक्सलवाद की समाप्ति के बाद लोहरदगा जिले के विकास को गति मिली है. लोहरदगा जिला बॉक्साइट की माइंस और कोयल-शंख नदी के कारण भी अपनी पहचान रखता है.


ओपनिंग पीटूसी-


बाइट- सुखदेव भगत, विधायक, लोहरदगा

वी/ओ- 2- विधायक सुखदेव भगत के लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र के विकास के दावों के उलट विपक्षी दलों के नेताओं का कहना है कि यह क्षेत्र उपेक्षित है. विधायक ने अपनी योजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन के अलावा कुछ भी नहीं किया. यहां पर विधायक के काम को गिनाने के लिए कुछ भी नहीं है.

बाइट- राजमोहन राम, जिलाध्यक्ष, भाजपा
बाइट- रामलखन प्रसाद, जिलाध्यक्ष, आजसू

पब्लिक प्रतिक्रिया-
बाइट- संदीप उरांव, निवासी, इरगांव
बाइट- विनोद लकड़ा, निवासी, इरगांव
बाइट- अनिता उरांव, निवासी, इरगांव
बाइट- विनय सिंह, निवासी, नदी नगड़ा

वी/ओ- तो यह थी लोहरदगा की जनता की राय जिनका साफ मानना है कि काम तो हुए लेकिन अभी बहुत कुछ बाकी है. यहां पर सड़क स्वास्थ्य शिक्षा सहित कई काम अधूरे रह गए हैं. आम जनता ने विधायक के प्रति अपनी नाराजगी को व्यक्त किया. कई लोगों ने तो विधायक को 10 में से 0 अंक भी दिए, वहीं कुछ ने 2 से तीन अंक. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि लोहरदगा विधायक का स्कोर कार्ड बेहतर नहीं है. हालांकि लोग कुछ काम पूरे होने की बात भी कहते हैं.

क्लोजिंग पीटूसी-


Body:लोहरदगा विधानसभा के विधायक का रिपोर्ट कार्ड
वी/ओ-1- लोहरदगा जिले का इतिहास काफी समृद्धशाली रहा है. लोहरदगा जिला प्रगति के पथ पर अग्रसर है. 17 मई 1983 को लोहरदगा जिला बना. रांची जिले के विभाजन के अंतर्गत लोहरदगा जिला का गठन किया गया था. इससे पहले लोहरदगा जिले को 1972 में एक सबडिवीजन बनाया गया था. लोहरदगा जिले के ऐतिहासिक महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जैन धर्म की पुस्तकों में भगवान महावीर के लोहरदगा आने के साक्ष्य हैं. आईने अकबरी में भी लोहरदगा का जिक्र किया गया है. लोहरदगा जिले में एकमात्र लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र है. लोहरदगा जिला और लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुडू, सेन्हा, भंडरा, कैरो, किस्को, पेशरार लोहरदगा नगर परिषद क्षेत्र आता है. सेन्हा, पेशरार और भंडरा प्रखंड का कुछ क्षेत्र गुमला जिले के विशुनपुर विधानसभा में भी आता है. अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित लोहरदगा विधानसभा आदिवासी बहुल और कृषि प्रधान क्षेत्र है. यहां पर कृषि और पशुपालन ही रोजगार का मुख्य साधन है. साल 2011 की जनगणना के अनुसार लोहरदगा जिले की आबादी 461738 थी. जो अब काफी बढ़ चुकी है. यहां पर लिंग अनुपात 985 है. जबकि साक्षरता दर की बात करें तो यहां 68.29 प्रतिशत लोग साक्षर हैं. वर्ष 2016 तक लोहरदगा जिला नक्सली गतिविधियों की वजह से हमेशा चर्चा में रहता था. इसके बाद से लोहरदगा जिले में माओवादियों का आतंक कम हुआ और लोहरदगा जिले को एक पहचान मिली है. साल 2000 में 4 अक्टूबर को पेशरार की घाटियों में नक्सलियों ने तत्कालीन एसपी अजय कुमार सिंह की हत्या कर दी थी. नक्सलियों की इस दंश से लोहरदगा जिला लगभग 16 सालों तक जूझता रहा है. अब जाकर नक्सलवाद की समाप्ति के बाद लोहरदगा जिले के विकास को गति मिली है. लोहरदगा जिला बॉक्साइट की माइंस और कोयल-शंख नदी के कारण भी अपनी पहचान रखता है.


Conclusion:लोहरदगा विधायक सुखदेव भगत का रिपोर्ट कार्ड कुछ और ही कहता है. हालांकि विधायक यहां पर क्षेत्र में विकास के दावे कर रहे हैं. विरोधी उनके दावों का खंडन करते हैं.
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