लोहरदगा: आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों को बेहतर ट्रीटमेंट प्रदान करने के उद्देश्य से की गई है. इस योजना के अंतर्गत विभिन्न सरकारी और निजी अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है. जिसके माध्यम से लाभार्थी अपना इलाज करवा सकते हैं. जन आरोग्य योजना के तहत ही हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर की शुरुआत भी की गई थी. आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा व्यवस्था को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करना था. लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण से आज आयुष्मान भारत खुद आशीर्वाद को तरस रहा है.
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लोहरदगा में आयुष्मान भारत योजना के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवनों को रंग-रोगन और सुविधाओं से लैस करते हुए बेहतर करने का प्रयास किया गया. लेकिन नतीजा सिफर रहा. हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के माध्यम से लोगों को तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराया जाना था. सेंटर का मुख्य उद्देश्य गांव के सभी लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ पहुंचाना था और गंभीर रोगों से ग्रसित मरीजों की पहचान करना था. लोहरदगा जिले में 28 हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर संचालित हैं. आंकड़े तो काफी हैं. आबादी के हिसाब से पर्याप्त भी हो सकते हैं. लेकिन दुखद यह है कि ज्यादातर हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर बंद ही पड़े हैं.
हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर में किस प्रकार का होता है इलाज
हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर क्षेत्र के लोगों को आवश्यक सुविधाएं पहुंचाना था. साथ ही ग्रामीणों की डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की जांच मशीन की माध्यम से की जानी थी. लोगों को उनके स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के बारे में बताना था. ओरल कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और अन्य गंभीर बीमारी वाले मरीजों को हायर सेंटर रेफर कराकर उचित इलाज मुहैया कराना था. वहीं इस सेंटर का उद्येश्य लोगों को स्वास्थ्य संबंधी जागरूक करना था. इस सेंटर के द्वारा योग, एक्यूप्रेशर और अन्य सुविधाएं भी लोगों को उपलब्ध कराना था. लेकिन यह मकसद आज तक अधूरा ही रह गया है. सभी सेंटरों पर एएनएम, डॉक्टर और अन्य कर्मचारियों की भारी कमी है. वहीं नियमित रूप से स्वास्थ्य कर्मचारी हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर तक नहीं पहुंच पाते हैं. क्योंकि एएनएम को वैक्सीनेशन और दूसरे जरूरी काम में लगा दिया गया है. ऐसे में आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.