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लोहरदगा के बेटहठ गांव में दिखा रसल वाइपर, वन विभाग ने किया रेस्क्यू - Lohardaga news

लोहरदगा के बेटहठ गांव में रसल वाइपर दिखा, तो ग्रामीणों मे हड़कंप मच गया. हालांकि, ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम पहुंची और सुरक्षित रेस्क्यू किया.

Russell viper
लोहरदगा के बेटहठ गांव में दिखा रसल वाइप
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Published : Jan 28, 2023, 1:31 PM IST

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लोहरदगा: जिले के बेटहठ गांव में रसल वाइपर आ गया था. इस गांव के नवनीत चौहान को अपने मकान के पीछ रसल वाइपर दिखा तो होश उड़ गए. सांप देख नवनीत चिल्लाये तो लोगों की भीड़ जुट गई. लेकिन किसी व्यक्ति को सांप मारने की हिम्मत नहीं हुई. फिर वन विभाग को रसल वाइपर की सूचना दी. सूचना मिलने के बाद वन विभाग के कर्मी पहुंचे और जहरीली सांप को रेस्क्यू किया. इसके बाद ग्रामीण राहत की सांस ली.

यह भी पढ़ेंः हर सांप काटने के बाद छोड़ जाता है अपना विशेष निशान, इन सांपों के डंसने के बाद नहीं मिलता बचने का ज्यादा वक्त

रसल वाइपर आमतौर पर घने जंगलों में रहता है. यह सांप अपने शिकार को डंसता है तो तत्काल ढेर कर देता है. यह रसल वाइपर इतना खतरनाक है कि सामने चाहे कोई भी हो, पीछे नहीं भागता है. झारखंड के अलग-अलग हिस्सों में करैंत और कोबरा आदि खतरनाक सांप है. इसके अलावा काफी ज्यादा संख्या में अजगर भी मिलते हैं. लोहरदगा के जंगलों और रिसाइशी क्षेत्र में इस तरह के खतरनाक सांपों की कमी नहीं है.

नवनीत चौहान ने रसल वाइपर की सूचना वन विभाग को दी तो वन विभाग की टीम में शामिल वनरक्षी नंदकिशोर, रामहरि महतो, बिरसा उरांव आदि तत्काल गांव में पहुंचे. इस टीम के पहुंचने से पहले रसल वाइपर बिल में घुस गया था. लेकिन टीम ने सांप को बिल से बाहर निकाला और फिर सुरक्षित तरीके से पकड़ कर एक बोरे में बंद किया. इसके बाद वन विभाग की टीम ने सेन्हा थाना क्षेत्र के बक्सीडीपा जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया. वन कर्मियों ने बताया कि यह सांप काफी खतरनाक है. लेकिन सुरक्षित जीवों की श्रेणी में आता है. कभी भी हमें किसी सांप को मारना नहीं चाहिए. यदि कोई जीव-जंतु दिखाई दें तो तत्काल इसकी सूचना वन विभाग को दें.

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लोहरदगा: जिले के बेटहठ गांव में रसल वाइपर आ गया था. इस गांव के नवनीत चौहान को अपने मकान के पीछ रसल वाइपर दिखा तो होश उड़ गए. सांप देख नवनीत चिल्लाये तो लोगों की भीड़ जुट गई. लेकिन किसी व्यक्ति को सांप मारने की हिम्मत नहीं हुई. फिर वन विभाग को रसल वाइपर की सूचना दी. सूचना मिलने के बाद वन विभाग के कर्मी पहुंचे और जहरीली सांप को रेस्क्यू किया. इसके बाद ग्रामीण राहत की सांस ली.

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रसल वाइपर आमतौर पर घने जंगलों में रहता है. यह सांप अपने शिकार को डंसता है तो तत्काल ढेर कर देता है. यह रसल वाइपर इतना खतरनाक है कि सामने चाहे कोई भी हो, पीछे नहीं भागता है. झारखंड के अलग-अलग हिस्सों में करैंत और कोबरा आदि खतरनाक सांप है. इसके अलावा काफी ज्यादा संख्या में अजगर भी मिलते हैं. लोहरदगा के जंगलों और रिसाइशी क्षेत्र में इस तरह के खतरनाक सांपों की कमी नहीं है.

नवनीत चौहान ने रसल वाइपर की सूचना वन विभाग को दी तो वन विभाग की टीम में शामिल वनरक्षी नंदकिशोर, रामहरि महतो, बिरसा उरांव आदि तत्काल गांव में पहुंचे. इस टीम के पहुंचने से पहले रसल वाइपर बिल में घुस गया था. लेकिन टीम ने सांप को बिल से बाहर निकाला और फिर सुरक्षित तरीके से पकड़ कर एक बोरे में बंद किया. इसके बाद वन विभाग की टीम ने सेन्हा थाना क्षेत्र के बक्सीडीपा जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया. वन कर्मियों ने बताया कि यह सांप काफी खतरनाक है. लेकिन सुरक्षित जीवों की श्रेणी में आता है. कभी भी हमें किसी सांप को मारना नहीं चाहिए. यदि कोई जीव-जंतु दिखाई दें तो तत्काल इसकी सूचना वन विभाग को दें.

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