लोहरदगा: नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर विरोध थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. लोहरदगा में भी अब खुलकर सीएए और एनआरसी का विरोध शुरू हो चुका है. भले ही केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर गजट का प्रकाशन करते हुए अधिसूचना जारी कर दी है, परंतु लोहरदगा में मुस्लिम आदिवासी संगठन के साथ-साथ अन्य संगठन के लोगों ने भी सड़क पर उतर कर नागरिकता संशोधन विधेयक और एनआरसी का खुलकर विरोध किया है.
CAA और NRC वापस लेने की मांग
शहर के जामा मस्जिद से शुरू हुआ यह प्रदर्शन बड़ा तालाब, सोमवार बाजार, पावरगंज चौक, रेलवे साइडिंग बस पड़ाव, ब्लॉक मोड़, कचहरी मोड़ होते हुए डीसी कार्यालय मैदान तक पहुंचा. जहां पर एक सभा का भी आयोजन किया गया. इसके बाद राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन अपर समाहर्ता को सौंपा गया है. प्रदर्शन के दौरान जुलूस में शामिल लोगों ने भारतीय जनता पार्टी, प्रधानमंत्री और देश के गृह मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. भारतीय जनता पार्टी को भारत जलाओ पार्टी के रूप में प्रदर्शित करते हुए प्रदर्शन किया. पूरे शहर का भ्रमण करते हुए प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार से एनआरसी और सीएए को वापस लेने की मांग की.
ये भी पढ़ें- पीएम से मिलकर रांची लौटे सीएम हेमंत सोरेन, कहा- आगे चलकर केंद्र के कैबिनेट मंत्रियों से भी करेंगे मुलाकात
कड़ी थी सुरक्षा व्यवस्था
लोगों ने कहा कि उन्हें कतई भी यह दोनों कानून स्वीकार नहीं है. यह कानून देश को बांटने वाला और देश में अशांति फैलाने वाला कानून है. अंजुमन इस्लामिया की अगुवाई में निकाले गए इस जुलूस में शामिल लोगों ने नागरिकता संशोधन विधेयक को सरिया कानून करार देते हुए कहा कि उन्हें कतई भी यह कानून स्वीकार नहीं होगा. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हर हाल में केंद्र सरकार को इस कानून को वापस लेना ही होगा. यदि इस कानून को वापस नहीं लिया जाता है तो वह चरणबद्ध रूप से अपना आंदोलन जारी रखेंगे. सरकार ने जबरन उन पर इस कानून को थोपने का काम किया है. अंग्रेजी हुकूमत की तरह सरकार व्यवहार कर रही है. प्रदर्शन में बड़ी संख्या में बच्चे, युवा, अधेड़ और वृद्ध भी शामिल थे. शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में लोग जुलूस में शामिल होने के लिए पहुंचे हुए थे. जुलूस और प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम भी किए गए थे.