लोहरदगा: जिले के भंडरा थाना क्षेत्र अंतर्गत पालमी और गडरपो गांव से 30 मजदूरों को लेकर बेंगलुरू जा रही एक बस को पुलिस ने रोक दिया है. पुलिस ने मजदूरों का कोई निबंधन नहीं होने और वैध कागजात साथ में नहीं रहने के कारण सभी को समझा-बुझाकर वापस घर भेज दिया है.
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बेंगलुरू की कंपनी में पहले भी काम कर चुके भंडरा थाना क्षेत्र के गड़रपो गांव निवासी मजदूर धर्मपाल उरांव से कंपनी प्रबंधन ने मजदूरों के लिए संपर्क किया था. धर्मपाल ने कमिशन के लालच में गड़रपो और पलमी के मजदूर को काम करने के लिए बेंगलुरू जाने के लिए समझाया. उसने कहा कि कंपनी ने कुशल मजदूर को आठ घंटे ड्यूटी के लिए छह साै और अकुशल मजदूर के लिए तीन सौ रूपए देने का वादा किया है. सभी को ओवरटाइम काम के बदले अतिरिक्त मजदूरी देने का भी वादा किया गया था. मजदूर काम और पैसे के लालच में आ गए. कंपनी को पलमी और गड़रपो से 30 मजदूर के आने की सूचना धर्मपाल ने दी. इसके लिए कंपनी को वाहन की व्यवस्था करने को कहा गया. कंपनी ने बेंगलुरू से एक बस भंडरा भेज दी. इसी बस में सवार हो कर मजदूर बेंगलुरू के लिए रवाना हुए थे.
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भंडरा थाना प्रभारी ने पलमी गांव में वाहन जांच के दौरान एक बस रोका और कामगारों से पूछताछ की. मजदूर ने किसी प्रकार का निबंधन नहीं होने की जानकारी दी. इसकी सूचना भंडरा के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी संदीप कुमार गुप्ता को दी गई. उन्होंने भंडरा थाना पहुंच कर बेंगलुरू ले जा रहे बस और मजदूर के निबंधन संबंधित दस्तावेजों की जांच की. जांच के क्रम में मजदूर का निबंधन नहीं होने और बेंगलुरू से मजदूर को ले जाने का लाइसेंस नहीं होने को लेकर सभी मजदूर को घर भेजने का निर्देश दिया है. जब मजदूर काम की तलाश में दूसरे प्रदेश नहीं जा रहे हैं तो अब कंपनियां मजदूरों को लालच देने में जुटी हुई है. बेंगलुरू की एक कंपनी ने मजदूरों को लाने के लिए लोहरदगा बस भेज दी. मामले की सूचना पुलिस और श्रम विभाग को हुई तो पूरे मामले की जांच करने के बाद मजदूरों को जाने से रोका गया. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.