लोहरदगा: कोरोना से निपटने के लिए कोविड-19 सेंटर में मरीजों को रखा जाता है, लेकिन लोहरदगा में कोविड-19 सेंटर की स्थिति ठीक नहीं है. यह और कोई नहीं कह रहा, बल्कि कोविड-19 सेंटर के लोहरदगा नोडल पदाधिकारी पूरी स्थिति को बयां करते हुए लोगों से सहयोग की अपील कर रहे हैं. कोविड-19 के नोडल पदाधिकारी ने सोशल मीडिया में पोस्ट कर बताया है कि उनकी मानवीय संवेदनाएं झकझोर रही हैं.
लोग पानी आपूर्ति करने से भी कर रहे इंकार
लोहरदगा कोविड-19 के नोडल पदाधिकारी और लोहरदगा के वरिष्ठ डॉक्टर एसएन चौधरी का सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है. उन्होंने पोस्ट के जरिए बताया है कि क्वॉरेंटाइन सेंटर की अव्यवस्था उनकी मार्मिक संवेदनाओं को झकझोर रहा है. कोविड-19 सेंटर में समस्याओं के निराकरण को लेकर डॉ एसएन चौधरी का संदेश समाज के लिए विभिन्न वर्गों को मदद के लिए आगे ले कर आया है. डॉ एसएन चौधरी के संदेश में स्पष्ट है कि कैसे कोविड सेंटर में सुविधाएं बहाल करने में परेशानी आ रही है. लोग समस्याओं के समाधान और पानी तक पहुंचाने में आनाकानी कर रहे हैं. पोस्ट में डॉ एसएन चौधरी ने लिखा है कि जो कोविड केयर सेंटर में हमारे भाई-बहन और बच्चे हैं, उन्हें मूलत: सुविधाओं का अभाव है. संसाधन सीमित हैं, लोग पानी सप्लाई देने से भी इंकार कर रहे हैं. जेनेरेटर में तकनीकी खराबी आई है और कोई तैयार नहीं है कि उसकी मरम्मत करें.
लोहरदगा में कोविड-19 सेंटर की हालत बता रही है कि राज्य सरकार ने अब सब कुछ ऊपर वाले के भरोसे छोड़ दिया है. समाज के बुद्धिजीवी वर्ग और समाजसेवियों को कोविड-19 सेंटर में रहने वाले लोगों की मदद के लिए आगे आने की जरूरत है. परिस्थितियां सही नहीं है. ऐसे समय में समाज को आगे आकर मदद करनी होगी.
राज्य के कई कोविड सेंटरों पर भारी अव्यवस्था
कोरोना वायरस पर नियंत्रण के उपाय करने के साथ-साथ पीड़ितों को बेहतर उपचार और अन्य इंतजाम की हेमंत सरकार ने खूब तैयारियां की है, लेकिन तस्वीर बेहद जुदा है. कोविड वार्ड की हालत कई जगह पर बेहद भयावह है. कोविड सेंटर पर भर्ती लोगों को ना तो समय से इलाज मिल रहा है और ना ही खाने में भोजन की पर्याप्त मात्रा मिल रही है. अधिकांश जगह पर पीड़ितों में घटिया व्यवस्था के कारण रोष है. कई जगहों पर आए दिन पॉजिटिव मरीज और वहां के लोग वीडियो जारी कर अव्यवस्था का विरोध करते रहते है. बीते दिन ही हजारीबाग मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में कोविड मरीजों ने भूख हड़ताल कर दिया था.