लोहरदगा: भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और खिजरी विधायक राम कुमार पाहन मिशनरी संस्थाओं से जनजातीय समुदाय के अधिकारों की रक्षा की मांग को लेकर उपायुक्त को ज्ञापन सौंपने आए थे और आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर वोट बैंक के सवाल पर उलझ गए.
योजनाओं के लाभ में दखलअंदाजी
लोहरदगा के खिजरी विधायक राम कुमार पाहन ईसाई समुदाय द्वारा आदिवासियों के अधिकारों का हनन करने, उनकी जमीन को धोखे से लेकर धार्मिक संस्थान खोलने और आदिवासियों को मिलने वाली सरकार की योजनाओं के लाभ में दखलअंदाजी सहित अन्य मुद्दों को लेकर उपायुक्त को ज्ञापन सौंपने आए थे, लेकिन ईसाई समुदाय के वोट बैंक के सवाल पर उलझ गए. वे सवाल का ठीक-ठीक जवाब भी नहीं दे पाए.
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विधायक ने की गोल-मटोल बातें
वहीं, सवाल पुछे जाने पर खिजरी विधायक ने गोल-मटोल बातें करते हुए सवालों से अपना पीछा छुड़ाया. जब खिजरी विधायक से पूछा गया कि अगर भाजपा एसटी मोर्चा मिशनरी संस्थाओं से अधिकारों की रक्षा को लेकर डीसी के पास जा रही है तो क्या भाजपा ईसाई समुदाय को अपना वोट बैंक नहीं मानती है और चुनाव में उनके पास वोट के लिए नहीं जाएगी. इस पर विधायक ने कहा कि वोट बैंक चुनाव और जनजातीय समुदाय के अधिकारों की रक्षा दोनों अलग-अलग मुद्दे हैं और जहां तक मतदान की बात है तो हम सरकार की उपलब्धियों को लेकर सभी के पास जाते हैं. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में गुप्त मतदान होता है. कौन हमें वोट देता है और कौन नहीं, यह हम नहीं जानते. उन्होंने स्पष्ट तौर पर इन सवालों का कोई ठोस जवाब नहीं दिया.