लोहरदगा: कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) को लेकर बच्चों में पड़ने वाले प्रभाव के विषय में अभिभावकों के बीच पहले से ही एक भ्रम की स्थिति है. अब कोरोना के साथ-साथ मौसमी बीमारियों (Seasonal Disease) को लेकर अभिभावकों की चिंता बढ़ रही है. कोरोना (Corona) और मौसमी बीमारियों (Seasonal Disease) के लक्षण किस प्रकार के हैं और उसकी पहचान कैसे की जा सकती है. वहीं अभिभावकों को क्या-क्या सावधानी बरतनी चाहिए. इससे संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नों का शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर बीके पांडे ने जवाब दिया है.
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अभिभावकों के बीच भ्रम की स्थिति
कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) का बच्चों पर प्रभाव पड़ सकता है. इसके लिए शासन तैयारी में जुट गया है. अब मौसम में लगातार बदलाव हो रहा है. जिसकी वजह से मौसमी बीमारियां (Seasonal Disease) भी बढ़ रही है. मौसमी बीमारी का भी खतरा बच्चों पर है. जिसकी वजह से अभिभावकों की चिंता बढ़ रही है. कोरोना और मौसमी बीमारियों से बच्चों को सुरक्षित रखने की जरूरत है.
कई बच्चों में तेज बुखार की शिकायत देखी गई है. दवाइयों का असर होने में भी 7 से 8 दिन का समय लग जा रहा है. ऐसे में घबराहट कई बार परेशानी बढ़ा देती है. अगर अभिभावकों को लगता है कि उनके बच्चे संक्रमित हैं, तो तत्काल वह चिकित्सक की सलाह लें और बच्चों को पानी में भीगने बिल्कुल ना दें.
कैसे रखें बच्चों का ध्यान
- गर्म पानी का सेवन कराएं
- बासी भोजन का ना सेवन कराएं
- बच्चों को बाहर का खाना ना खिलाएं
- बच्चों को इम्युनिटी बढ़ाने वाला खाद्य पदार्थ नियमित रूप से दें
- बच्चे को सर्दी, खांसी, बुखार होने पर तत्काल चिकित्सक की सलाह लें
- तेज बुखार बच्चों के लिए घातक हो सकता है
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. बीके पांडे का कहना है कि वर्तमान समय में छोटे बच्चों में कई प्रकार के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, हर लक्षण कोरोना नहीं है. अभिभावकों को अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है. अब मौसम बदल रहा है और बारिश आने को है. ऐसे में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहना होगा.