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लोहरदगा: सड़क पर मजदूरों को छोड़ कर बस चालक फरार, घर जाने के लिए नहीं है किराया - migrant workers troubled in lohardaga

लोहरदगा में बाहरी राज्यों से आए मजदूरों को सड़क पर उतार कर बस चालक फरार हो गया. मजदूरों की परेशानी यह है कि इनके पास अपने-अपने घर जाने के लिए भाड़े के पैसे तक नहीं हैं. अब वो करें तो क्या करें.

लोहरदगा में बस चालक ने मजदूरों को सड़क पर छोड़ा
Bus driver left migrant workers on road in Lohardaga
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Published : May 22, 2020, 2:43 PM IST

लोहरदगा: जिले के पावरगंज चौक पर अलग-अलग राज्यों से आने वाले मजदूरों को एक बस चालक सड़क पर ही छोड़ कर चला गया. यहां से मजदूरों को काफी दूर अपने गांव जाना है. परेशानी यह है कि वहां तक जाने के लिए न कोई वाहन है और न ही पैसा.

देखें पूरी खबर

घर जाने के लिए नहीं है भाड़ा

लोहरदगा के पावरगंज चौक पर एक बस चालक देश के अलग-अलग राज्यों से आए मजदूरों को उतार कर भाग गया. अब यहां से मजदूरों को लोहरदगा के अन्य गांवों में जाना है. कुछ लोग दूसरे जिलों के भी हैं. परेशानी यह है कि इनके पास भाड़े के पैसे तक नहीं हैं. जो पैसे थे, वह खर्च हो चुके हैं. इन्हें अब कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है.

ये भी पढ़ें-वित्त मंत्री ने हाइवे कम्युनिटी किचन को लेकर सीएम हेमंत की तारीफ की, कहा- मुख्यमंत्री की बड़ी सोच का है यह बेहतर निर्णय

मजदूरों की स्क्रीनिंग

मामले की सूचना जिला प्रशासन को दी गई है. अब जिला प्रशासन आगे की कार्रवाई करेगा. रेड जोन से आने वाले मजदूरों की स्क्रीनिंग के उपरांत उन्हें क्वॉरेंटाइन किया जाएगा. इन मजदूरों के साथ उनके छोटे-छोटे बच्चे भी हैं. उनके चेहरे पर बेबसी साफ तौर पर नजर आ रही है. थकान और परेशानी की वजह से वो कुछ बोल पाने में भी असमर्थ है.

लोहरदगा: जिले के पावरगंज चौक पर अलग-अलग राज्यों से आने वाले मजदूरों को एक बस चालक सड़क पर ही छोड़ कर चला गया. यहां से मजदूरों को काफी दूर अपने गांव जाना है. परेशानी यह है कि वहां तक जाने के लिए न कोई वाहन है और न ही पैसा.

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घर जाने के लिए नहीं है भाड़ा

लोहरदगा के पावरगंज चौक पर एक बस चालक देश के अलग-अलग राज्यों से आए मजदूरों को उतार कर भाग गया. अब यहां से मजदूरों को लोहरदगा के अन्य गांवों में जाना है. कुछ लोग दूसरे जिलों के भी हैं. परेशानी यह है कि इनके पास भाड़े के पैसे तक नहीं हैं. जो पैसे थे, वह खर्च हो चुके हैं. इन्हें अब कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है.

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मजदूरों की स्क्रीनिंग

मामले की सूचना जिला प्रशासन को दी गई है. अब जिला प्रशासन आगे की कार्रवाई करेगा. रेड जोन से आने वाले मजदूरों की स्क्रीनिंग के उपरांत उन्हें क्वॉरेंटाइन किया जाएगा. इन मजदूरों के साथ उनके छोटे-छोटे बच्चे भी हैं. उनके चेहरे पर बेबसी साफ तौर पर नजर आ रही है. थकान और परेशानी की वजह से वो कुछ बोल पाने में भी असमर्थ है.

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