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किसी ने नहीं सुनी फरियाद तो ग्रामीणों ने खुद की एनएच की मरम्मत, आए दिन हो रही थी दुर्घटना

लोहरदगा से गुमला जिले को जोड़ने वाली राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या-143 ए सेन्हा प्रखंड के संत मार्क्स विद्यालय के पास बेहद खराब हो गई थी. कई बार फरियाद लगाने पर कोई नहीं सुना तो स्थानीय ग्रामीणों ने खुद ही सड़क की मरम्मत करने का फैसला लिया. आपस में कुछ पैसे का जुगाड़ किया और सड़क की मरम्मती की.

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श्रमदान से सड़क की मरम्मती
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Published : Aug 28, 2020, 3:27 PM IST

लोहरदगा: ग्रामीण सड़कों की मरम्मत करते तो आपने खूब सुना होगा. कभी श्रमदान के माध्यम से सड़क की मरम्मत की जाती है तो कभी आपसी सहयोग से पैसे का जुगाड़ कर मरम्मत करने की मजबूरी होती है. लोहरदगा में ग्रामीणों को एनएच की मरम्मत करनी पड़ी है. लोहरदगा से गुमला जिले को जोड़ने वाली एनएच-143 ए की मरम्मत का बीड़ा ग्रामीणों ने उठाया. आए दिन इस सड़क पर दुर्घटनाएं होती रहती थी. ऐसे में ग्रामीणों की पहल से काफी राहत मिली है.

देखें पूरी खबर
बोल्डर, क्रशर डस्ट डालकर सड़क की मरम्मत लोहरदगा से गुमला जिले को जोड़ने वाली राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या-143 ए सेन्हा प्रखंड के संत मार्क्स विद्यालय के पास बेहद खराब हो गई थी. लगभग 1 किलोमीटर तक इस सड़क में गड्ढे ही गड्ढे थे. आए दिन कोई न कोई वाहन सवार यहां पर दुर्घटना का शिकार हो रहा था. किसी ना किसी की जान जा रही थी. कई बार फरियाद लगाई पर कोई सुनने के लिए तैयार नहीं था. ऐसे में स्थानीय ग्रामीणों ने खुद ही सड़क की मरम्मत करने का फैसला लिया. आपस में कुछ पैसे का जुगाड़ किया. कुछ श्रमदान करने के लिए तैयार हुए. बोल्डर मंगाया गया, जेसीबी मशीन मंगाई गई. इसके बाद सड़क पर डालकर सड़क की मरम्मत कराई गई.

ये भी पढ़ें- गुमलाः नेतरहाट घाटी की खाई में गिरा ट्रक, 5 की मौत, एक घायल

ग्रामीणों की पहल की सराहना

फिलहाल सड़क चलने लायक हो गई है. लोगों को संतोष है कि कम से कम अभी यहां पर दुर्घटनाएं तो नहीं होंगी. लोगों की जान तो नहीं जाएगी. स्थानीय प्रशासन और सरकार की अनदेखी का खामियाजा भुगत रहे लोग खुद ही सड़क की मरम्मत करने का फैसला लिया था. ग्रामीणों की इस पहल की हर कोई सराहना कर रहा है. ग्रामीणों के प्रयास से कई लोगों की जान बच गई है.

लोहरदगा: ग्रामीण सड़कों की मरम्मत करते तो आपने खूब सुना होगा. कभी श्रमदान के माध्यम से सड़क की मरम्मत की जाती है तो कभी आपसी सहयोग से पैसे का जुगाड़ कर मरम्मत करने की मजबूरी होती है. लोहरदगा में ग्रामीणों को एनएच की मरम्मत करनी पड़ी है. लोहरदगा से गुमला जिले को जोड़ने वाली एनएच-143 ए की मरम्मत का बीड़ा ग्रामीणों ने उठाया. आए दिन इस सड़क पर दुर्घटनाएं होती रहती थी. ऐसे में ग्रामीणों की पहल से काफी राहत मिली है.

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बोल्डर, क्रशर डस्ट डालकर सड़क की मरम्मत लोहरदगा से गुमला जिले को जोड़ने वाली राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या-143 ए सेन्हा प्रखंड के संत मार्क्स विद्यालय के पास बेहद खराब हो गई थी. लगभग 1 किलोमीटर तक इस सड़क में गड्ढे ही गड्ढे थे. आए दिन कोई न कोई वाहन सवार यहां पर दुर्घटना का शिकार हो रहा था. किसी ना किसी की जान जा रही थी. कई बार फरियाद लगाई पर कोई सुनने के लिए तैयार नहीं था. ऐसे में स्थानीय ग्रामीणों ने खुद ही सड़क की मरम्मत करने का फैसला लिया. आपस में कुछ पैसे का जुगाड़ किया. कुछ श्रमदान करने के लिए तैयार हुए. बोल्डर मंगाया गया, जेसीबी मशीन मंगाई गई. इसके बाद सड़क पर डालकर सड़क की मरम्मत कराई गई.

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ग्रामीणों की पहल की सराहना

फिलहाल सड़क चलने लायक हो गई है. लोगों को संतोष है कि कम से कम अभी यहां पर दुर्घटनाएं तो नहीं होंगी. लोगों की जान तो नहीं जाएगी. स्थानीय प्रशासन और सरकार की अनदेखी का खामियाजा भुगत रहे लोग खुद ही सड़क की मरम्मत करने का फैसला लिया था. ग्रामीणों की इस पहल की हर कोई सराहना कर रहा है. ग्रामीणों के प्रयास से कई लोगों की जान बच गई है.

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