लोहरदगा: झारखंड में 108 एंबुलेंस को जरूरतमंद मरीजों के लिए संजीवनी कहा जाता है, लेकिन फिलहाल 108 एंबुलेंस सेवा की हालत ऐसी हो चुकी है कि मरीज तड़पता रहता है और समय पर एंबुलेंस नहीं पहुंचता है. जिसके कारण मरीजों को काफी परेशानी होती है. लोहरदगा में भी एक ऐसा मामला सामने आया है, जो 108 एंबुलेंस सेवा की पोल खोल रही है.
लोहरदगा जिले के कुडू प्रखंड अंतर्गत जिम्मा गांव निवासी हुसैनी मुंडा के पुत्र विनोद मुंडा सर दर्द और पेट दर्द के कारण बेचैन हो गया. जिसे अस्पताल पहुंचाने के लिए 108 एंबुलेंस सेवा को फोन किया गया, लेकिन घंटों बीत जाने के बाद भी एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंच सका. मरीज की हालत जब बेहद खराब हो गई तो गांव के एक व्यक्ति कयूम अंसारी ने मोटरसाइकिल से ही मरीज को लोहरदगा सदर अस्पताल पहुंचाया. अस्पताल पहुंचने में कई बार ऐसा लगा कि अब मरीज की जान नहीं बच पाएगी. दर्द से बेचैन विनोद कई बार मोटरसाइकिल रोकवाकर सड़क पर ही लेटता रहा था.
इसे भी पढ़ें:- लोहरदगाः अवैध रूप से कोयला ले जा रहे 6 ट्रक जब्त, चालकों को भेजा गया जेल
विनोद को सदर अस्पताल ले जाने के बाद पता चला कि अस्पताल में केवल कोरोना मरीजों का ही इलाज चल रहा है. अन्य मरीजों का इलाज संत उर्सुला अस्पताल में चल रहा है. मरीज के परिजनों ने सदर अस्पताल के कर्मचारियों से मरीज को संत उर्सुला अस्पताल पहुंचाने का अनुरोध किया, लेकिन किसी ने भी मरीज के परिजनों की मदद नहीं की, जिसके बाद थक हार कर विनोद के परिजनों ने उसे उर्सुला अस्पताल पहुंचाया, जहां उसका इलाज किया गया.