लोहरदगा : स्थानीय नीति का मुद्दा फिर एक बार गरमाया हुआ है. राज्य सरकार के साथ-साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा भी इस मुद्दे को लेकर हमलावर हो गई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने तो खुलकर कह दिया है कि राज्यपाल ने जानबूझकर एक साल तक मामले को लटकाए रखा. हम दोबारा इसे विधानसभा में पारित कर कर राज्यपाल के पास भेजेंगे. अब इस मामले को लेकर आजसू पार्टी ने राज्य सरकार पर जवाबी हमला बोला है. आजसू पार्टी के सुप्रीमो और झारखंड के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो ने जो कुछ भी कहा है, वह स्थानीय नीति को लेकर बेहद महत्वपूर्ण है.
'सरकार चाहती ही नहीं कि स्थानीय मुद्दा खत्म हो': स्थानीय नीति को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा विपक्ष पर हमला बोले जाने के बाद सुदेश कुमार महतो ने लोहरदगा में कहा कि वर्तमान झारखंड सरकार की प्राथमिकता में कभी स्थानीय नीति रही ही नहीं है. वर्तमान झारखंड सरकार की यह कभी चाहती ही नहीं है कि स्थानीय मुद्दा खत्म हो. यदि सरकार चाहती तो उसे दोबारा झारखंड विधानसभा में पारित कराकर राज्यपाल के पास भेजा जा सकता था, परंतु ऐसा नहीं किया गया है. स्थानीय नीति को लेकर सही प्रारूप और सही पहल नहीं की जाएगी, तो यही स्थिति बनी रहेगी. जिस विषय को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा सत्तासीन हुई है. उस विषय पर कभी ध्यान ही नहीं दिया गया. आज चार साल गुजर चुके हैं, परंतु इसका कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है. उन्होंने कहा कि यह झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए राजनीतिक विषय है. वह इसका हल नहीं चाहते हैं. इस वजह से स्थानीय नीति का हल नहीं हो रहा है.
कमल किशोर भगत की प्रतिमा का अनावरण: लोहरदगा के पूर्व विधायक और झारखंड आंदोलनकारी कमल किशोर भगत की द्वितीय पुण्यतिथि के मौके पर शहर के ब्लॉक मोड़ स्थित आजसू कार्यालय में कमल किशोर भगत की प्रतिमा का अनावरण किया गया. इस कार्यक्रम में आजसू पार्टी के सुप्रीमो सुदेश कुमार महतो, डॉक्टर देवशरण भगत, रामचंद्र सहिस, हसन अंसारी, आजसू नेत्री नीरू शांति भगत, भारतीय जनता पार्टी के प्रवीण कुमार सिंह, झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुखदेव उरांव, आजसू के पूर्व केंद्रीय सचिव कवलजीत सिंह सहित काफी संख्या में विभिन्न राजनीतिक सामाजिक दल के प्रतिनिधि और आजसू के कार्यकर्ता शामिल हुए.
कई लोगों ने ली पार्टी की सदस्यता: कार्यक्रम के दौरान कई नए कार्यकर्ताओं ने आजसू पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. सुदेश कुमार महतो ने सभी नए कार्यकर्ताओं का स्वागत किया. उन्होंने यह भी कहा कि कमल किशोर भगत की विचारधारा को स्थापित करना अभी शेष बचा हुआ है. हमें कमल किशोर भगत की विचारधारा को स्थापित करना है. इसको लेकर सभी लोगों को मिलकर काम करना होगा. कार्यक्रम में काफी संख्या में लोगों की उपस्थिति रही. इससे पहले रांची से लोहरदगा आने के क्रम में मन्हो के समीप झारखंड आंदोलनकारी ने सुदेश महतो के काफिले को रोक कर अपनी बातों को रखा. सुदेश महतो ने उनकी बातों को सुना.
यह भी पढ़ें: स्थानीय नीति से जुड़े सवाल पूछे जाने पर मंत्री जी की बदल गई बोली, कहा- जब आएगा तब देखा जाएगा