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वर्दी का रंग बदला तो बदलने लगी गांव की तस्वीर, बूढ़ापहाड़ के गांव अब होने लगे गुलजार

Villages of Budhapahar are progressing. एक वक्त था की बूढ़ापहाड़ इलाके में नक्सलियों का खौफ था. किसी भी गांव में उनकी एंट्री के साथ दहशत फैल जाती थी. लेकिन अब उन गांवों में नक्सलियों की जगह सुरक्षाबलों की एंट्री होती है. जिससे ग्रामीणों के चेहरे खिल उठते हैं. वर्दी के बदले रंग ग्रामीणों को सुकून दे रहे हैं.

Villages of Budhapahar are progressing
Villages of Budhapahar are progressing
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 16, 2024, 6:31 PM IST

Updated : Jan 16, 2024, 6:43 PM IST

वर्दी का रंग बदला तो बदलने लगी गांव की तस्वीर

लातेहार: बूढ़ापहाड़ के इलाके में बसे गांव में रहने वाले लोगों की जिंदगी अब पहले से बिल्कुल बदल चुकी है. इन इलाकों में चहलकदमी करने वाले लोगों की वर्दी का रंग जैसे-जैसे बदलता गया, वैसे-वैसे इन गांव में रहने वाले लोगों की जिंदगानी भी बदलती जा रही है. यहां के लोग अब सुरक्षा और सुकून की जिंदगी जीने लगे हैं.

झारखंड के लातेहार और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित बूढ़ा पहाड़ के इलाके में तिसिया, नवाटोली, चरहू समेत कई गांव बसे हुए हैं. इन गांवों की कहानी यह है कि 1 वर्ष पहले तक यहां काली वर्दी का वर्चस्व हुआ करता था. गांव में जब काली वर्दी वालों की धमक होती थी तो ग्रामीणों की सांसे थम जाती थी. विकास से कोसों दूर होने के कारण गांव में रोजगार और कमाई के कोई साधन तो थे नहीं, परंतु काली वर्दी वाले जब गांव में आते थे तो ग्रामीणों को उनके लिए भोजन की व्यवस्था करानी पड़ती थी. कुल मिलाकर स्थिति यह थी कि ग्रामीण अपने गांव में रहना भी नहीं चाहते थे.

ऑपरेशन ऑक्टोपस के बाद बदला वर्दी का रंग: बूढ़ापहाड़ के इलाके को नक्सलियों का गढ़ कहा जाता था. यहां से नक्सलियों को खदेड़ कर ग्रामीणों की जिंदगी को समाज के मुख्य धारा से जोड़ने और गांव तक विकास पहुंचाने के लिए पुलिस के द्वारा बूढ़ापहाड़ के इलाके में ऑपरेशन ऑक्टोपस आरंभ किया गया. ऑपरेशन आरंभ होने के बाद धीरे-धीरे इलाके में काली वर्दी के बदले खाकी वर्दी की चहल कदमी भी बढ़ने लगी. जैसे-जैसे ऑपरेशन ऑक्टोपस सफल होता गया वैसे-वैसे इस इलाके में नक्सलियों का वर्चस्व और प्रभाव भी खत्म होता गया.

जब पुलिस के द्वारा लातेहार जिले के तिसिया और नवाटोली गांव में सुरक्षा कैंप की स्थापना की गई तो इस इलाके में रहने वाले लोगों का जीवन बदलने लगा. कैंप स्थापित होने के बाद लातेहार जिले की सीमा क्षेत्र में बसे गांव के अलावा छत्तीसगढ़ की सीमा में स्थित गांव में भी रहने वाले ग्रामीणों को बड़ा फायदा हुआ. स्थानीय ग्रामीण इस्लाम अंसारी, सूरज यादव, बलबीर एक्का समेत अन्य ग्रामीणों ने बताया कि पहले इस गांव में रहने में भी डर लगता था. लेकिन जब से पुलिस कैंप की स्थापना हुई है. तब से ग्रामीणों के जीवन में बड़ा बदलाव हुआ है. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में अब बुनियादी सुविधाएं मिलने लगी है. वहीं छोटे-मोटे रोजगार भी फलने फूलने लगे हैं.

आईजी और एसपी की भूमिका रही महत्वपूर्ण: बूढ़ापहाड़ के इलाके में आए इस बदलाव में लातेहार एसपी अंजनी अंजन और पलामू आईजी राजकुमार लकड़ा की भूमिका काफी सराहनीय रही है. इन अधिकारियों के द्वारा सुरक्षा बलों का लगातार हौसला बढ़ाया गया और खुद भी क्षेत्र में जाकर ग्रामीणों के मन में उम्मीद जगाई गई. पुलिस के बड़े अधिकारियों से मिलने के बाद और पुलिस तथा सुरक्षा बलों की अपनत्व के व्यवहार से ग्रामीणों की उम्मीद बढ़ने लगी. इसके बाद क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों के लिए लगातार सुविधा उपलब्ध कराने की भी पहल की गई.

इधर, इस संबंध में एसपी अंजनी अंजन ने बताया कि नक्सलियों ने यहां की जनता के मन में पुलिस के खिलाफ भ्रम फैला कर रखा था. परंतु जब आमजन पुलिस से मिले तो सभी गलतफहमी दूर हो गई. उन्होंने कहा कि आज जनता क्षेत्र के विकास के लिए कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए तैयार है. पुलिस के द्वारा भी क्षेत्र में कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है. वहीं, आईजी राजकुमार लकड़ा ने कहा कि इलाके में पुलिस कैंप की स्थापना के बाद यहां के लोगों को काफी सुविधा मिलती है. लोगों को रोजगार के भी साधन उपलब्ध हो रहे हैं. पुलिस और सुरक्षाबलों की मेहनत का परिणाम है कि आज बूढ़ापहाड़ के इलाके में शांति का माहौल कायम हो गया है.

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झारखंड के लातेहार और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित बूढ़ा पहाड़ के इलाके में तिसिया, नवाटोली, चरहू समेत कई गांव बसे हुए हैं. इन गांवों की कहानी यह है कि 1 वर्ष पहले तक यहां काली वर्दी का वर्चस्व हुआ करता था. गांव में जब काली वर्दी वालों की धमक होती थी तो ग्रामीणों की सांसे थम जाती थी. विकास से कोसों दूर होने के कारण गांव में रोजगार और कमाई के कोई साधन तो थे नहीं, परंतु काली वर्दी वाले जब गांव में आते थे तो ग्रामीणों को उनके लिए भोजन की व्यवस्था करानी पड़ती थी. कुल मिलाकर स्थिति यह थी कि ग्रामीण अपने गांव में रहना भी नहीं चाहते थे.

ऑपरेशन ऑक्टोपस के बाद बदला वर्दी का रंग: बूढ़ापहाड़ के इलाके को नक्सलियों का गढ़ कहा जाता था. यहां से नक्सलियों को खदेड़ कर ग्रामीणों की जिंदगी को समाज के मुख्य धारा से जोड़ने और गांव तक विकास पहुंचाने के लिए पुलिस के द्वारा बूढ़ापहाड़ के इलाके में ऑपरेशन ऑक्टोपस आरंभ किया गया. ऑपरेशन आरंभ होने के बाद धीरे-धीरे इलाके में काली वर्दी के बदले खाकी वर्दी की चहल कदमी भी बढ़ने लगी. जैसे-जैसे ऑपरेशन ऑक्टोपस सफल होता गया वैसे-वैसे इस इलाके में नक्सलियों का वर्चस्व और प्रभाव भी खत्म होता गया.

जब पुलिस के द्वारा लातेहार जिले के तिसिया और नवाटोली गांव में सुरक्षा कैंप की स्थापना की गई तो इस इलाके में रहने वाले लोगों का जीवन बदलने लगा. कैंप स्थापित होने के बाद लातेहार जिले की सीमा क्षेत्र में बसे गांव के अलावा छत्तीसगढ़ की सीमा में स्थित गांव में भी रहने वाले ग्रामीणों को बड़ा फायदा हुआ. स्थानीय ग्रामीण इस्लाम अंसारी, सूरज यादव, बलबीर एक्का समेत अन्य ग्रामीणों ने बताया कि पहले इस गांव में रहने में भी डर लगता था. लेकिन जब से पुलिस कैंप की स्थापना हुई है. तब से ग्रामीणों के जीवन में बड़ा बदलाव हुआ है. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में अब बुनियादी सुविधाएं मिलने लगी है. वहीं छोटे-मोटे रोजगार भी फलने फूलने लगे हैं.

आईजी और एसपी की भूमिका रही महत्वपूर्ण: बूढ़ापहाड़ के इलाके में आए इस बदलाव में लातेहार एसपी अंजनी अंजन और पलामू आईजी राजकुमार लकड़ा की भूमिका काफी सराहनीय रही है. इन अधिकारियों के द्वारा सुरक्षा बलों का लगातार हौसला बढ़ाया गया और खुद भी क्षेत्र में जाकर ग्रामीणों के मन में उम्मीद जगाई गई. पुलिस के बड़े अधिकारियों से मिलने के बाद और पुलिस तथा सुरक्षा बलों की अपनत्व के व्यवहार से ग्रामीणों की उम्मीद बढ़ने लगी. इसके बाद क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों के लिए लगातार सुविधा उपलब्ध कराने की भी पहल की गई.

इधर, इस संबंध में एसपी अंजनी अंजन ने बताया कि नक्सलियों ने यहां की जनता के मन में पुलिस के खिलाफ भ्रम फैला कर रखा था. परंतु जब आमजन पुलिस से मिले तो सभी गलतफहमी दूर हो गई. उन्होंने कहा कि आज जनता क्षेत्र के विकास के लिए कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए तैयार है. पुलिस के द्वारा भी क्षेत्र में कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है. वहीं, आईजी राजकुमार लकड़ा ने कहा कि इलाके में पुलिस कैंप की स्थापना के बाद यहां के लोगों को काफी सुविधा मिलती है. लोगों को रोजगार के भी साधन उपलब्ध हो रहे हैं. पुलिस और सुरक्षाबलों की मेहनत का परिणाम है कि आज बूढ़ापहाड़ के इलाके में शांति का माहौल कायम हो गया है.

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Last Updated : Jan 16, 2024, 6:43 PM IST
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