लातेहारः जिला मुख्यालय में शहरी जलापूर्ति योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई. गुरुवार को योजना की जांच करने पहुंची राज्य स्तरीय टीम के समक्ष इस योजना में की गई भ्रष्टाचार की पोल खुल गई. योजना की स्थिति देख टीम के सदस्य भी अवाक रह गए.
दरअसल लातेहार जिला मुख्यालय में लगभग 33 करोड़ रुपए की लागत से शहरी जलापूर्ति योजना के तहत पाइप लाइन पूरे शहर में बिछाना था. प्राक्कलन के मुताबिक लगभग 1 मीटर गड्ढा कर पाइप लाइन पूरे शहर में ले जाना था. परंतु पाइप लाइन बिछाने में भारी अनियमितता बरती गई. संवेदक के द्वारा मात्र 6 से लेकर 9 इंच तक गड्ढा कर पाइपलाइन बिछा दिया गया.
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जांच टीम के समक्ष हुआ खुलासा
मामले की जांच के लिए रांची से एक जांच टीम गुरुवार को लातेहार आई . स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने जांच टीम के समक्ष पाइप लाइन बिछाने में भारी अनियमितता बरते जाने की शिकायत की. प्रतिनिधियों के आरोप के आलोक में जांच टीम ने शहर में कई स्थानों पर गड्ढा खोदकर पाइपलाइन की जांच की. जांच में देखा गया कि मात्र 6 से लेकर 9 इंच तक गड्ढा कर कई स्थानों पर पाइपलाइन बिछाया गया है.
भविष्य में होगी शहर में पेयजल संकट
शहर में पेयजल के लिए पाइप लाइन बिछाने में जिस प्रकार अनियमितता बरती गई है, उससे निकट भविष्य में शहरी क्षेत्र में पेयजल की संकट गहराने की संभावना प्रबल हो गई है.
क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि
इस संबंध में नगर पंचायत के उपाध्यक्ष नवीन कुमार सिन्हा ने आरोप लगाया कि शहरी क्षेत्र में जलापूर्ति योजना में जिस प्रकार घोटाला किया गया है. उससे शहर में भारी पेयजल संकट उत्पन्न होगी. लातेहार विधायक प्रतिनिधि प्रभात कुमार ने कहा कि शहर में 1 मीटर गड्ढा कर पाइप लाइन बिछाना था. परंतु मात्र 6 इंच गड्ढा कर पाइप बिछा दिया गया है. वार्ड पार्षद संतोष कुमार रंजन ने आरोप लगाया कि यह योजना 33 करोड़ रुपए की बंदरबांट की योजना बन कर रह गई है.