लातेहार: आदिम जनजातियों को सुविधा देकर संरक्षित करने के लिए सरकार के द्वारा कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन योजनाओं का लाभ आदिम जनजातियों को नहीं मिल पा रहा है. जिसका नतीजा है कि सुविधा और रोजगार के अभाव में बड़ी संख्या में आदिम जनजाति समुदाय के लोग पलायन को विवश हैं. लातेहार के बिजलीदाग गांव के परहिया टोला में बड़ी संख्या में आदिम जनजाति समुदाय के लोग पलायन कर चुके हैं. इस कारण उनके घरों में ताला लटका हुआ है.
मनिका प्रखंड के बिजलीदाग के परहिया टोला में ज्यादातर ग्रामीण कर चुके हैं पलायनः दरअसल, लातेहार जिले के मनिका प्रखंड अंतर्गत बिजलीदाग के परहिया टोला में आदिम जनजातियों के लगभग 20 परिवार निवास करते हैं, लेकिन वर्तमान में शायद ही ऐसा कोई घर हो जहां ताला ना लटका हो. टोला के अधिकांश लोग भट्ठा में काम करने झारखंड से बाहर चले गए हैं. इस कारण ग्रामीणों के घर में ताला लटक रहा है. बताया जाता है कि बरसात के आरंभ होने के बाद ही आदिम जनजाति समुदाय के लोग वापस लौटेंगे.
गांव में है सुविधाओं का घोर अभाव: इधर, गांव में कुछ बुजुर्ग ही बचे हुए हैं. वहीं एक महिला फूलमती भी गांव में रहती हैं. ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में कहने के लिए तो पानी की टंकी का निर्माण कराया गया है, लेकिन यह टंकी पिछले तीन वर्षों से खराब पड़ी है. इस कारण यहां के ग्रामीणों को काफी दूर कुएं से पानी लाना पड़ता है. वहीं टोले तक पहुंचने के लिए अब तक सड़क का भी निर्माण नहीं कराया गया है. आदिम जनजाति समुदाय के लोग आज भी पगडंडियों पर चलकर अपने घर तक जाते हैं. गांव में रोजगार की कोई व्यवस्था नहीं है.आदिम जनजातियों को सरकारी स्तर पर बिरसा आवास योजना का लाभ तो जरूर मिला है, लेकिन उनका घर बिचौलियों की भेंट चढ़ गया. कई लोगों का घर तो बना ही नहीं.
आदिम जनजातियों को मिलती हैं सभी सुविधाएं- निदेशक: इधर, इस संबंध में आईटीडीए के डायरेक्टर आलोक शिकारी कच्छप ने बताया कि आदिम जनजातियों को सभी प्रकार की सुविधाएं दी जाती हैं. उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा लातेहार जिले में रहने वाले सभी आदिम जनजाति परिवार का सर्वे कराया जा रहा है. सर्वे का कार्य पूरा होने के बाद इनके लिए विशेष कल्याणकारी योजनाएं बनाई जाएंगी.
योजनाओं को जनजातियों तक पहुंचाने की जरूरतः विलुप्त हो रहे आदिम जनजातियों को सुविधा देकर संरक्षित करना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है. जरूरत इस बात की है कि योजनाओं को धरातल पर उतारा जाए, ताकि आदिम जनजाति समुदाय के लोगों को लाभ मिल सके.
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