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झारखंड के बेटे ने उत्तराखंड के मल्हार बैंड के साथ मिलकर चलाया गंगा बचाओ अभियान, जल शक्ति विभाग ने किया सम्मानित

झारखंड के बेटे ने अपने संगीत के जरिए सिर्फ अपने राज्य में ही नहीं बल्कि उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश में भी नाम कमाया है. लातेहार के रहने वाले इशांक रंजन ने उत्तारखंड के मशहूर बैंड मल्हार के साथ मिलकर गंगा बचाव अभियान चलाया और लोगों को जागरूक करने का काम किया है. इस सराहनीय काम के लिए उनके बैंड मल्हार को जल शक्ति मंत्रालय ने सम्मानित भी किया है.

Keyboard player Ishank Ranjan
कीबोर्ड प्लेयर इशांक रंजन
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Published : Dec 25, 2019, 6:17 PM IST

लातेहारः यूं तो गंगा को बचाए रखने के लिए सरकार के साथ ही कई संस्थानें भी काम कर रही हैं, लेकिन झारखंड के रहने वाले इशांक रंजन अपने संगीत के जरिए गंगा बचाओ अभियान चला रहे हैं.

देखें पूरी खबर

दरअसल, झारखंड के रहने वाले इशांक रंजन ने उत्तराखंड के मशहूर बैंड मल्हार के टीम मेंबर हैं और वह कीबोर्ड प्ले करते हैं. उनकी ये टीम पिछले 3-4 सालों से गंगा बचाओ अभियान के तहत काम कर रही है. मल्हार बैंड उत्तराखंड से लेकर उत्तरप्रदेश तक अपने बैंड के जरिए लोगों को जागरूक कर रहा है. उनके इस सराहनीय भूमिका के लिए उनके बैंड मल्हार को जल शक्ति मंत्रालय ने सम्मानित भी किया है.

वहीं, इशांक का कहना है कि उन्हें संगीत के क्षेत्र में अपना करियर बनाना है और एक बड़ा संगीतकार बनना है. फिलहाल, वकालत की पढ़ाई भी जारी रखनी है. जबकि उनके पिता चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संजय सुबोध का कहना है कि संगीत में उनकी कोई रुचि नहीं है. उसके बावजूद बेटे की पढ़ाई के साथ-साथ हॉबी में हर संभव मदद करने का प्रयास करता हूं.

ये भी पढ़ें-पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर झारखंड के नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

बता दें कि, इशांक बरवाडीह सामुदायिक स्वाथ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ संजय कुमार सुबोध के बड़े बेटे हैं. उनके पिता की इच्छा थी कि वह भी डॉक्टर बने, लेकिन इंशाक संगीत के जरिए अपना करियर बनाना चाहते हैं. देहरादून यूपीएससी कॉलेज से वकालत की पढ़ाई कर रहे हैं. इशांक बतौर कीबोर्ड प्लेयर के रूप में अपनी पहचान उत्तराखंड के साथ-साथ सिने जगत में बना चुके हैं.

लातेहारः यूं तो गंगा को बचाए रखने के लिए सरकार के साथ ही कई संस्थानें भी काम कर रही हैं, लेकिन झारखंड के रहने वाले इशांक रंजन अपने संगीत के जरिए गंगा बचाओ अभियान चला रहे हैं.

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दरअसल, झारखंड के रहने वाले इशांक रंजन ने उत्तराखंड के मशहूर बैंड मल्हार के टीम मेंबर हैं और वह कीबोर्ड प्ले करते हैं. उनकी ये टीम पिछले 3-4 सालों से गंगा बचाओ अभियान के तहत काम कर रही है. मल्हार बैंड उत्तराखंड से लेकर उत्तरप्रदेश तक अपने बैंड के जरिए लोगों को जागरूक कर रहा है. उनके इस सराहनीय भूमिका के लिए उनके बैंड मल्हार को जल शक्ति मंत्रालय ने सम्मानित भी किया है.

वहीं, इशांक का कहना है कि उन्हें संगीत के क्षेत्र में अपना करियर बनाना है और एक बड़ा संगीतकार बनना है. फिलहाल, वकालत की पढ़ाई भी जारी रखनी है. जबकि उनके पिता चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संजय सुबोध का कहना है कि संगीत में उनकी कोई रुचि नहीं है. उसके बावजूद बेटे की पढ़ाई के साथ-साथ हॉबी में हर संभव मदद करने का प्रयास करता हूं.

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बता दें कि, इशांक बरवाडीह सामुदायिक स्वाथ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ संजय कुमार सुबोध के बड़े बेटे हैं. उनके पिता की इच्छा थी कि वह भी डॉक्टर बने, लेकिन इंशाक संगीत के जरिए अपना करियर बनाना चाहते हैं. देहरादून यूपीएससी कॉलेज से वकालत की पढ़ाई कर रहे हैं. इशांक बतौर कीबोर्ड प्लेयर के रूप में अपनी पहचान उत्तराखंड के साथ-साथ सिने जगत में बना चुके हैं.

Intro:लातेहार :- किसी भी डॉक्टर की इच्छा होती है कि उसकी संतान भी डॉक्टर या कोई बड़ा अधिकारी बने मगर इन सब सोच से दूर बरवाडीह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ संजय कुमार सुबोध के बड़े पुत्र इशांक रंजन इन सब से दूर संगीत के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने में जुटे हुए हैं देहरादून यूपीएससी कॉलेज से वकालत की पढ़ाई कर रहे हैं इशांक रंजन बतौर कीबोर्ड प्लेयर के रूप में अपनी पहचान उत्तराखंड के साथ-साथ सिने जगत में भी बना चुके हैं जहां इशांक रंजन उत्तराखंड की मशहूर बैंड मल्हार के टीम मेंबर के रूप में पिछले 3 से 4 वर्षों से काम कर रहे हैं जहां इस दौरान उनकी टीम ने गंगा बचाओ अभियान को लेकर उत्तराखंड से लेकर उत्तर प्रदेश मिल लगातार अपने बैंड के जरिए जागरूकता कार्यक्रम चलाते हुए काफी सराहनीय भूमिका भी निभाई है जिसको लेकर जल शक्ति मंत्रालय के द्वारा उनकी बैंड मल्हार को सम्मानित भी किया जा चुका है । इशांक रंजन की माने तो उन्हें म्यूजिक क्षेत्र में अपना कैरियर बनाते हुए संगीतकार बनना है मगर फिलहाल वकालत की पढ़ाई भी जारी रखनी है । वह प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संजय सुबोध ने बताया कि संगीत से उनकी कोई रुचि नहीं है उसके बावजूद पुत्र की पढ़ाई के साथ साथ हॉबी मैं हर संभव मदद करने का प्रयास करता हूं । बाईट 1 इशांक रंजन। बाईट 2 डॉ संजय सुबोध प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी


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