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तिरंगे में लिपटकर 'लाल दरवाजा' आएगा मुंगेर का लाल, लातेहार में नक्सली हमले में हुए थे शहीद - मुंगेर के राजेश कुमार लातेहार में शहीद

झारखंड में नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में बिहार के मुंगेर के डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार शहीद हो गए. उनकी शहादत की खबर के बाद पूरे परिवार में मातमी सन्नाटा है. शहीद राजेश कुमार का पार्थिव शरीर आज उनके पैतृक घर लाल दरवाजा पहुंचेगा. पढ़िए पूरी खबर.

deputy Commandant rajesh kumar
राजेश कुमार शहीद
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Published : Sep 29, 2021, 1:09 PM IST

Updated : Sep 29, 2021, 1:21 PM IST

मुंगेर: झारखंड के लातेहार में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ (Naxali Encounter Latehar) में मुंगेर के लाल डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार शहीद (Deputy Commandant Rajesh Kumar Martyr) हो गए. ये खबर जैसे ही उनके घर पहुंची परिवार के साथ ही लाल दरवाजा स्थित पूरा मुहल्ला स्तबध है. आज देर रात शहीद जवान का पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचेगा.

यह भी पढ़ें- जहानाबाद के लाल की अंतिम विदाई में रो पड़ा पूरा गांव, पंचतत्व में विलीन हुए शहीद लवकुश शर्मा

झारखंड के लातेहार जिले के सलैया में सुरक्षाबलों की प्रतिबंधित नक्सली संगठन झारखंड जन मुक्ति मोर्चा के उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार शहीद हो गए. राजेश कुमार मुंगेर जिले के लाल दरवाजा के रहने वाले हैं. राजेश कुमार झारखंड जगुआर में सेवारत थे.

देखें पूरी खबर

नक्सलियों की गोली से घायल हुए झारखंड जगुआर के डिप्टी कमांडेंट को एयरलिफ्ट कर बेहतर इलाज के लिए रांची लाया गया था. इलाज के लिए उन्हें मेडिका में भर्ती कराया गया जहां उनका निधन हो गया. राजेश की शहादत की सूचना जैसे ही लाल दरवाजा में उनके भाई राकेश कुमार को मिली वैसे ही बड़े भाई सहित पूरा परिवार गमगीन हो गया.

घटना की सूचना मिलते ही मुंगेर सदर विधायक प्रणव कुमार लाल दरवाजा स्थित शहीद जवान राजेश कुमार के पैतृक घर पहुंचे. वहां उन्होंने राजेश के बड़े भाई राकेश कुमार और भाभी को ढांढस बंधाया.

"मुंगेर ने अपना लाल ही नहीं दामाद भी खोया है. राजेश कुमार की शादी बरियारपुर में हुई थी. उनके ससुराल बरियारपुर में भी मातमी सन्नाटा पसरा है. हमें मां भारती के ऐसे सपूत पर गर्व है जिन्होंने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी."- प्रणव कुमार, मुंगेर सदर विधायक

शहीद राजेश कुमार के पिता लाल बहादुर राय रांची में एजी डिपार्टमेंट से सेवानिवृत्त होकर वहीं बस गए. वे पैतृक घर मुंगेर कम आते हैं. घर पर बड़े भाई राकेश,अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहते हैं. राजेश के छोटे भाई रजनीश लातेहार में ही आइबी विभाग में कार्यरत हैं. शहीद राजेश के बड़े भाई ने बताया कि अप्रैल माह में मां का निधन हुआ था, उसमें राजेश पूरे परिवार के साथ पहुंचे थे.

"राजेश काफी मिलनसार थे. जब भी वह मुंगेर पहुंचते पड़ोस के लोगों और रिश्तेदारों से जरूर मिलते थे. इस बार राजेश अपने परिवार को भी साथ लेकर गए हुए थे. सूचना मिली की मेरा भाई नक्सलियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गया."- राकेश कुमार,शहीद के बड़े भाई

नक्सली मुठभेड़ में शहीद हुए कमांडेंट राजेश के बड़े भाई राकेश ने बताया कि शहीद डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार का पार्थिव शरीर बुधवार की शाम तक मुंगेर पहुंचने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि अंतिम संस्कार लाल दरवाजा घाट पर होगा.

राजेश की शहादत की खबर उनके पैतृक गांव पहुंचते ही पड़ोसी और रिश्तेदार घर पहुंचकर सांत्वना दे रहे हैं. बरियारपुर में ससुराल वाले भी काफी गमगीन हैं. राजेश के शहीद होने की खबर सुनकर सभी की आंखें नम है.

बता दें कि डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार, जिन्होंने अपने अदम्य साहस और दिलेरी से कई नक्सली ऑपरेशन में सफलता हासिल की. उन्होंने अपनी बहादूरी से नक्सलियों के कई मंसूबे पर पानी फेर दिया. झारखंड जगुआर में डिप्टी कमांडेंट एसॉल्ट ग्रुप 35 को लीड करते थे.

मूल रूप से बिहार के मुंगेर जिला के लाल दरवाजा निवासी राजेश कुमार ने 12 नवंबर 2007 को बीएसएफ में योगदान दिया था. उनकी पैतृक वाहिनी पश्चिम बंगाल के कृष्णनगर की 84वीं बटालियन थी. राजेश के सहकर्मियों के अनुसार राजेश कुमार तीन साल से झारखंड जगुआर में योगदान के बाद कई सफल ऑपरेशन का हिस्सा रह चुके थे. राजेश कुमार ने पूर्व में राज्य के तमाम नक्सल प्रभावित इलाकों में होने वाले ऑपरेशन में हिस्सा लिया था.

यह भी पढ़ें- पंचतत्व में विलीन हुए शहीद कमल वैद्य, नम आंखों से लोगों ने दी अंतिम विदाई

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मुंगेर: झारखंड के लातेहार में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ (Naxali Encounter Latehar) में मुंगेर के लाल डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार शहीद (Deputy Commandant Rajesh Kumar Martyr) हो गए. ये खबर जैसे ही उनके घर पहुंची परिवार के साथ ही लाल दरवाजा स्थित पूरा मुहल्ला स्तबध है. आज देर रात शहीद जवान का पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचेगा.

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झारखंड के लातेहार जिले के सलैया में सुरक्षाबलों की प्रतिबंधित नक्सली संगठन झारखंड जन मुक्ति मोर्चा के उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार शहीद हो गए. राजेश कुमार मुंगेर जिले के लाल दरवाजा के रहने वाले हैं. राजेश कुमार झारखंड जगुआर में सेवारत थे.

देखें पूरी खबर

नक्सलियों की गोली से घायल हुए झारखंड जगुआर के डिप्टी कमांडेंट को एयरलिफ्ट कर बेहतर इलाज के लिए रांची लाया गया था. इलाज के लिए उन्हें मेडिका में भर्ती कराया गया जहां उनका निधन हो गया. राजेश की शहादत की सूचना जैसे ही लाल दरवाजा में उनके भाई राकेश कुमार को मिली वैसे ही बड़े भाई सहित पूरा परिवार गमगीन हो गया.

घटना की सूचना मिलते ही मुंगेर सदर विधायक प्रणव कुमार लाल दरवाजा स्थित शहीद जवान राजेश कुमार के पैतृक घर पहुंचे. वहां उन्होंने राजेश के बड़े भाई राकेश कुमार और भाभी को ढांढस बंधाया.

"मुंगेर ने अपना लाल ही नहीं दामाद भी खोया है. राजेश कुमार की शादी बरियारपुर में हुई थी. उनके ससुराल बरियारपुर में भी मातमी सन्नाटा पसरा है. हमें मां भारती के ऐसे सपूत पर गर्व है जिन्होंने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी."- प्रणव कुमार, मुंगेर सदर विधायक

शहीद राजेश कुमार के पिता लाल बहादुर राय रांची में एजी डिपार्टमेंट से सेवानिवृत्त होकर वहीं बस गए. वे पैतृक घर मुंगेर कम आते हैं. घर पर बड़े भाई राकेश,अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहते हैं. राजेश के छोटे भाई रजनीश लातेहार में ही आइबी विभाग में कार्यरत हैं. शहीद राजेश के बड़े भाई ने बताया कि अप्रैल माह में मां का निधन हुआ था, उसमें राजेश पूरे परिवार के साथ पहुंचे थे.

"राजेश काफी मिलनसार थे. जब भी वह मुंगेर पहुंचते पड़ोस के लोगों और रिश्तेदारों से जरूर मिलते थे. इस बार राजेश अपने परिवार को भी साथ लेकर गए हुए थे. सूचना मिली की मेरा भाई नक्सलियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गया."- राकेश कुमार,शहीद के बड़े भाई

नक्सली मुठभेड़ में शहीद हुए कमांडेंट राजेश के बड़े भाई राकेश ने बताया कि शहीद डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार का पार्थिव शरीर बुधवार की शाम तक मुंगेर पहुंचने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि अंतिम संस्कार लाल दरवाजा घाट पर होगा.

राजेश की शहादत की खबर उनके पैतृक गांव पहुंचते ही पड़ोसी और रिश्तेदार घर पहुंचकर सांत्वना दे रहे हैं. बरियारपुर में ससुराल वाले भी काफी गमगीन हैं. राजेश के शहीद होने की खबर सुनकर सभी की आंखें नम है.

बता दें कि डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार, जिन्होंने अपने अदम्य साहस और दिलेरी से कई नक्सली ऑपरेशन में सफलता हासिल की. उन्होंने अपनी बहादूरी से नक्सलियों के कई मंसूबे पर पानी फेर दिया. झारखंड जगुआर में डिप्टी कमांडेंट एसॉल्ट ग्रुप 35 को लीड करते थे.

मूल रूप से बिहार के मुंगेर जिला के लाल दरवाजा निवासी राजेश कुमार ने 12 नवंबर 2007 को बीएसएफ में योगदान दिया था. उनकी पैतृक वाहिनी पश्चिम बंगाल के कृष्णनगर की 84वीं बटालियन थी. राजेश के सहकर्मियों के अनुसार राजेश कुमार तीन साल से झारखंड जगुआर में योगदान के बाद कई सफल ऑपरेशन का हिस्सा रह चुके थे. राजेश कुमार ने पूर्व में राज्य के तमाम नक्सल प्रभावित इलाकों में होने वाले ऑपरेशन में हिस्सा लिया था.

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Last Updated : Sep 29, 2021, 1:21 PM IST
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