लातेहारः मंडल कारा में बंद विचाराधीन कैदी सेन्धु मुंडा की शनिवार को संदेहास्पद परिस्थितियों में मौत हो गई. सेन्धु मुंडा चंदवा के हेसला गांव का रहने वाला था. यह चंदवा में डायन-बिसाही के आरोप में दंपती की हत्या मामले का आरोपी था. चार दिन पूर्व ही जेल में आया था. इधर, मृतक के परिजनों का आरोप है कि पुलिस की पिटाई से सेन्धु मुंडा की मौत हुई है. क्योंकि उसके शरीर पर कई जगह चोट के कई निशान हैं.
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जेल प्रशासन के अनुसार तबीयत खराब होने से कैदी की हुई मौतः वहीं मामले में जेल प्रशासन का कहना है कि विचाराधीन कैदी सेन्धु मुंडा की तबीयत शनिवार को अचानक बिगड़ गई और वह बेहोश हो गया था. आनन-फानन में उसे जेल के अस्पताल में भर्ती कर इलाज शुरू किया गया, लेकिन वहां से तत्काल उसे लातेहार सदर अस्पताल में भर्ती कर इलाज शुरू किया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. घटना के बाद मृतक के परिजनों को इसकी जानकारी दी गई.
मृतक के परिजनों का आरोप, पिटाई से हुई सेन्धु की मौतः वहीं मामले की जानकारी मिलते ही शनिवार की शाम मृतक के परिजन सदर अस्पताल पहुंचे और मृतक के शव को देखा. मृतक की पत्नी और अन्य परिजनों का आरोप है कि मृतक के शरीर पर जख्म के कई निशान हैं, जिससे स्पष्ट है कि लाठी-डंडे से उसकी जमकर पिटाई की गई है, जिससे उसकी मौत हो गई है. परिजन पूरे मामले की जांच कराने और दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं.
शुक्रवार को कैदी से मिल कर गए थे परिजनः इधर, मृतक कैदी के परिजनों का कहना है कि शुक्रवार को ही वे लोग जेल में कैदियों से मिलने आए थे. इस दौरान सेन्धु मुंडा से भी मिले थे. उस समय तक वह पूरी तरह स्वस्थ था. उसने पत्नी से अच्छी तरह से बातचीत भी की थी. परिजनों का कहना है कि सेन्धु को किसी प्रकार की कोई बीमारी नहीं थी. उसे कभी मिर्गी का दौरा भी नहीं आया था. शरीर में किसी प्रकार के कोई दाग नहीं थे, लेकिन शनिवार को जब मृतक के शरीर को देखा तो शरीर पर कई जख्म के निशान हैं.
भाजपा नेता की की मामले की जांच की मांगः घटना की जानकारी मिलने के बाद भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता लाल प्रतुल नाथ शाहदेव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि जेल में किसी कैदी की मौत होना कई संदेह को जन्म दे रहा है. मामले की उच्चस्तरीय जांच की जानी चाहिए और जो भी इस मामले में दोषी हैं, उन पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार में आदिवासियों पर जुल्म हो रहे हैं, लेकिन सरकार मूकदर्शक बनी बैठी है.
जेल प्रशासन पर उठे सवालः बहरहाल मामला जो भी हो, लेकिन विचाराधीन कैदी की मौत हो जाने और परिजनों के आरोप के बाद जेल प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं. ऐसे में मामले की उच्चस्तरीय जांच के बाद है पूरे मामले का पटाक्षेप हो पाएगा.