लातेहार: शहरी क्षेत्र के गरीबों के समक्ष पेट की आग को बुझाना एक समस्या बन गई है. खासकर वैसे गरीब जिनके पास राशन कार्ड नहीं है. उन लोगों को सरकारी सुविधा से पूरी तरह वंचित रहना पड़ रहा है. ऐसे लोग दाने-दाने के लिए दर-दर भटकते फिर रहे हैं.
दरअसल, मंगलवार को लातेहार शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों को बताया गया कि समाहरणालय परिसर में वैसे गरीबों के बीच चावल वितरण किया जा रहा है, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है. इस सूचना के बाद दर्जनों गरीब समाहरणालय पहुंच गए, लेकिन यहां भी मात्र कुछ लोगों को ही चावल उपलब्ध कराया जा सका. बचे लोग घंटों इंतजार के बाद बैरंग लौट गए.
चावल लेने आई वृद्धा चांदो ने बताया कि उसे न तो पेंशन ही मिलता है और न ही उसके पास राशन कार्ड है. वह भीख मांग कर अपना जीवन-यापन करती है. पिछले 20 दिनों से दुकान बंद रहने कारण से भीख भी नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में उसके समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है. वहीं, बालेश्वर ने बताया कि उनके परिवार के पास भी न तो राशन कार्ड है और न ही कोई सरकारी सुविधा मिल पाता है. आज उम्मीद थी कि चावल मिल जाएगा. लेकिन यहां आने के बाद उन्हें बिना चावल लिए ही लौटना पड़ा.
ये भी पढ़ें: रांची के हिंदपीढ़ी में कोरोना संदिग्ध को लाने गई स्वास्थ्य विभाग की टीम, लौटी बैरंग
सभी गरीब को मिल रही सुविधा
इधर, प्रशासनिक पदाधिकारियों का दावा है कि जिले के हर गरीब परिवारों को सरकारी राशन दिया जा रहा है. जिन लाभुकों के पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें बिना कार्ड के ही दस 10 किलो चावल उपलब्ध कराया जा रहा है. प्रशासन का दावा है कि हर गरीब परिवार के पास सरकारी सुविधा का लाभ पहुंच रहा है. वहीं, धरातल पर कई ऐसे गरीब हैं जिन्हें अभी तक सरकार के द्वारा किसी प्रकार की सुविधा नहीं मिली है.