ETV Bharat / state

धूल फांकने की कगार पर है लाखों की लागत से बना स्वास्थ्य भवन, लोगों को नहीं मिल पा रहा लाभ

कहने के लिए तो स्वास्थ्य और शिक्षा सरकार की प्राथमिकता में शामिल है, लेकिन धरातल पर सच्चाई कुछ और ही बयां कर रहा है. इसका जीता जागता उदाहरण लातेहार जिले में बना उपस्वास्थ्य केंद्र है. 5 साल पहले इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण किया गया था. स्वास्थ्य केंद्र बनने से लोगों को उम्मीद जगी थी कि अब उन्हें बेहतर स्वास्थ सुविधा मिल पाएगी. लेकिन समय बीतता गया और उसके साथ ही लोगों की उम्मीद भी टूटती गई.

author img

By

Published : Apr 7, 2019, 2:51 PM IST

Updated : Apr 7, 2019, 3:20 PM IST

देखिए स्पेशल स्टोरी

लातेहार: जिले के बेतला नेशनल पार्क के पास लाखों रुपए की लागत से उप स्वास्थ्य केंद्र बनाया गया है. लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण इसका लाभ आम लोगों को आज तक नहीं मिल पाया.

देखिए स्पेशल स्टोरी

दरअसल, लगभग 5 साल पहले इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण किया गया था. स्वास्थ्य केंद्र बनने से लोगों को उम्मीद जगी थी कि अब उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल पाएगी. लेकिन समय बीतता गया और उसके साथ ही लोगों की उम्मीद भी टूटती गई.

ये भी पढ़ें-लोकसभा चुनाव 2019: धनबाद में महिलाओं की वोटिंग प्रतिशत है बेहद कम, ये है वजह

जानकारी के अनुसार, जिस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए भवन का निर्माण 5 साल पहले कराया गया है उसकी स्वीकृति भी अभी तक सरकार के द्वारा नहीं दी गई है. इस कारण इस स्वास्थ्य केंद्र में ना तो चिकित्सकों की पदस्थापना हो सकी और ना ही लोगों को बेहतर स्वास्थ सुविधा प्रदान की जा सकी.

स्थानीय निवासी भुनेश्वर प्रसाद ने कहा कि यदि ये स्वास्थ्य केंद्र शुरू हो जाता तो लोगों को काफी लाभ पहुंचता. वहीं, इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ एसपी शर्मा ने कहा कि अभी तक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को स्वीकृति नहीं मिल पाई है. सैंक्शन करने के लिए सरकार को पत्राचार किया गया है. जैसे ही स्वास्थ्य केंद्र सैंक्शन होता है, वैसे ही वहां चिकित्सकों की पदस्थापना कर दी जाएगी. वर्तमान में वहां एक नर्स और एमपीडब्ल्यू को पदस्थापित किया गया है.

लाखों की लागत से बना ये स्वास्थ्य केंद्र बेकार पड़ा है. जरूरत इस बात कि है कि इन भवनों का सदुपयोग हो, ताकि आम लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भटकना न पड़े.

लातेहार: जिले के बेतला नेशनल पार्क के पास लाखों रुपए की लागत से उप स्वास्थ्य केंद्र बनाया गया है. लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण इसका लाभ आम लोगों को आज तक नहीं मिल पाया.

देखिए स्पेशल स्टोरी

दरअसल, लगभग 5 साल पहले इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण किया गया था. स्वास्थ्य केंद्र बनने से लोगों को उम्मीद जगी थी कि अब उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल पाएगी. लेकिन समय बीतता गया और उसके साथ ही लोगों की उम्मीद भी टूटती गई.

ये भी पढ़ें-लोकसभा चुनाव 2019: धनबाद में महिलाओं की वोटिंग प्रतिशत है बेहद कम, ये है वजह

जानकारी के अनुसार, जिस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए भवन का निर्माण 5 साल पहले कराया गया है उसकी स्वीकृति भी अभी तक सरकार के द्वारा नहीं दी गई है. इस कारण इस स्वास्थ्य केंद्र में ना तो चिकित्सकों की पदस्थापना हो सकी और ना ही लोगों को बेहतर स्वास्थ सुविधा प्रदान की जा सकी.

स्थानीय निवासी भुनेश्वर प्रसाद ने कहा कि यदि ये स्वास्थ्य केंद्र शुरू हो जाता तो लोगों को काफी लाभ पहुंचता. वहीं, इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ एसपी शर्मा ने कहा कि अभी तक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को स्वीकृति नहीं मिल पाई है. सैंक्शन करने के लिए सरकार को पत्राचार किया गया है. जैसे ही स्वास्थ्य केंद्र सैंक्शन होता है, वैसे ही वहां चिकित्सकों की पदस्थापना कर दी जाएगी. वर्तमान में वहां एक नर्स और एमपीडब्ल्यू को पदस्थापित किया गया है.

लाखों की लागत से बना ये स्वास्थ्य केंद्र बेकार पड़ा है. जरूरत इस बात कि है कि इन भवनों का सदुपयोग हो, ताकि आम लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भटकना न पड़े.

Intro:लाखों की लागत से बना स्वास्थ्य भवन ---पड़ा है बेकार

लातेहार. गाने के लिए तो स्वास्थ्य और शिक्षा सरकार की प्राथमिकता में शामिल है ,परंतु धरातल पर सचाई कुछ और ही बयां कर रहा है. इसका जीता जागता उदाहरण लातेहार जिले के बेतला नेशनल पार्क के निकट बना उप स्वास्थ्य केंद्र है. लाखों रुपए की लागत से इस उप स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया गया है ,परंतु सरकारी उदासीनता के कारण इसका लाभ आम लोगों को आज तक नहीं मिल पाया.


Body:दरअसल लगभग 5 साल पहले इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण किया गया था .स्वास्थ्य केंद्र बनने से लोगों को उम्मीद जगी थी कि अब उन्हें बेहतर स्वास्थ सुविधा मिल पाएगी. परंतु समय बीतता गया और उसके साथ ही लोगों की उम्मीद भी टूटती गई. बताया गया कि जिस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए भवन का निर्माण 5 साल पहले कराया गया है. उसकी स्वीकृति भी अभी तक सरकार के द्वारा नहीं दी गई है. इस कारण इस स्वास्थ्य केंद्र में ना तो चिकित्सकों की पदस्थापना हो सकी और ना ही लोगों को बेहतर स्वास्थ सुविधा प्रदान की जा सकी. स्थानीय निवासी भुनेश्वर प्रसाद ने कहा कि यदि यह स्वास्थ्य केंद्र चालू हो जाता तो स्थानीय लोगों को काफी लाभ पहुंचता. वह इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ एस पी शर्मा ने कहा कि अभी तक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को स्वीकृति नहीं मिल पाई है, सैंक्शन करने के लिए सरकार को पत्राचार किया गया है .जैसे ही स्वास्थ्य केंद्र सैंक्शन होता है वैसे ही वहां चिकित्सकों की पदस्थापना कर दी जाएगी. वर्तमान में वहां एक नर्स और एमपीडब्ल्यू को पदस्थापित किया गया है.
vo-Useless helth center- visual n byte
byte- स्थानीय ग्रामीण भुनेश्वर प्रसाद
byte- सिविल सर्जन डॉक्टर एसपी शर्मा

नोट- सिविल सर्जन कुर्सी पर बैठे हैं


Conclusion:बेतला का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तो एकमात्र उदाहरण है. इसी प्रकार के कई अन्य स्वास्थ्य केंद्र के लिए बनाए गए भवन भी बेकार पड़े हैं .जरूरत इस बात की है कि इन भवनों का सदुपयोग हो ताकि आम लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भटकना न पड़े.
Last Updated : Apr 7, 2019, 3:20 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.