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Laterhar News: बुलंद हौसलों से मिली सफलता होती है, लातेहार के पंकज ने सेल्फ स्टडी से तैयारी कर गेट की परीक्षा में पाई सफलता

मन में लगन हो, कुछ करने के बुलंद हौसले हो तो नामुमकिन कुछ भी नहीं. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है लातेहार के पंकज ने. उन्होंने इंजनीयरिंग की गेट परीक्षा में बेहतरीन रैंक हासिल किया है.

Latehar Pankaj secured 162nd rank in GATE exam
Latehar Pankaj secured 162nd rank in GATE exam
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Published : Mar 19, 2023, 11:53 AM IST

Updated : Mar 19, 2023, 12:09 PM IST

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लातेहारः उड़ान पंखों से नहीं, हौसलों से होती है. इस बात को लातेहार जिला मुख्यालय निवासी पंकज कुमार ने चरितार्थ कर दिखाया. सामान्य परिवार से संबंध रखने वाले पंकज कुमार ने सेल्फ स्टडी के भरोसे देश के प्रतिष्ठित गेट की परीक्षा में 162 वां रैंक लाकर अन्य छात्रों के समक्ष एक मिसाल पेश किया है. पंकज की इस सफलता से उसके परिवार के अलावे अन्य लोग भी काफी उत्साहित हैं.

ये भी पढ़ेंः Latehar News: महुआ से बहार, बढ़ रही आमदनी-मिल रहा रोजगार

दरअसल लातेहार जिले में उच्च शिक्षा की व्यवस्था नगण्य है. ऐसे में यहां के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए जिले से बाहर किसी बड़े शहर में जाकर तैयारी करनी पड़ती है. परंतु लातेहार के पंकज कुमार ने इस परंपरा को ध्वस्त करते हुए अपने घर में रहकर ही सेल्फ स्टडी से गेट जैसी बड़ी परीक्षा की तैयारी की और उसमें 162 वां रैंक लाकर एक नई परंपरा का आगाज किया है. इस परीक्षा में सफलता हासिल करने के बाद पंकज के लिए आईआईटी जैसी अति विशिष्ट संस्थानों में एमटेक की पढ़ाई करने के अलावे कई अन्य महत्वपूर्ण संस्थानों में शिक्षा ग्रहण करने का रास्ता अब पूरी तरह साफ हो गया.

परिजनों के अलावे अन्य लोग भी गौरवान्वितः पंकज की सफलता से जहां उसके परिजन उत्साहित हैं. वहीं लातेहार के अन्य लोग भी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. पंकज के पिता राजकुमार पांडेय ने कहा कि पंकज आरंभ से ही एक मेधावी छात्र रहा है. इसने अपने लगन और परिश्रम के बल पर घर में रहकर गेट जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा की तैयारी की और उसमें सफलता हासिल की. यह पूरे समाज के लिए एक उदाहरण है.

वहीं स्थानीय समाजसेवी रोहित कुमार तिवारी ने कहा कि पंकज ने जिस परिस्थिति में तैयारी कर गेट जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा में सफलता हासिल की है, वह अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि छात्रों के मन में अक्सर यह भावना होती है कि किसी बड़ी परीक्षा की तैयारी के लिए घर से बाहर बड़े शहरों में जाकर बड़े संस्थानों में कोचिंग करनी पड़ती है. परंतु पंकज की सफलता ने अन्य छात्रों के मन में बैठे इस भ्रम को अब पूरी तरह तोड़ दिया है. पंकज ने साबित कर दिया कि घर में रहकर भी लगन और परिश्रम से कोई भी मंजिल पाई जा सकती है.

दूसरी बार में मिली सफलताः इधर इस संबंध में पंकज कुमार ने बताया कि गेट की परीक्षा में उन्हें दूसरे प्रयास में सफलता मिली है. पहली बार उन्हें अच्छा रैंक नहीं मिला, जिस कारण उन्होंने घर में रहकर ही इसकी फिर से तैयारी आरंभ की. 2023 की परीक्षा में उन्हें 162 रैंक मिला है. उन्होंने कहा कि लातेहार केंद्रीय विद्यालय से ही उन्होंने प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा ग्रहण की. उसके बाद बीआईटी से मैकेनिकल में बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए गेट की तैयारी आरंभ की. उन्होंने कहा कि अच्छे नोट्स और सही दिशा में तैयारी का नतीजा रहा कि उन्हें गेट की परीक्षा में अच्छा अंक मिल पाया. अब वे एमटेक की पढ़ाई आईआईटी संस्थान में कर सकेंगे. पंकज की सफलता लातेहार जैसे पिछड़े और सुविधाहीन जिलों में रहने वाले युवाओं के लिए एक प्रेरणा है. पंकज की सफलता यह साबित करती है कि परिश्रम से किसी भी मंजिल को पाया जा सकता है.

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लातेहारः उड़ान पंखों से नहीं, हौसलों से होती है. इस बात को लातेहार जिला मुख्यालय निवासी पंकज कुमार ने चरितार्थ कर दिखाया. सामान्य परिवार से संबंध रखने वाले पंकज कुमार ने सेल्फ स्टडी के भरोसे देश के प्रतिष्ठित गेट की परीक्षा में 162 वां रैंक लाकर अन्य छात्रों के समक्ष एक मिसाल पेश किया है. पंकज की इस सफलता से उसके परिवार के अलावे अन्य लोग भी काफी उत्साहित हैं.

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दरअसल लातेहार जिले में उच्च शिक्षा की व्यवस्था नगण्य है. ऐसे में यहां के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए जिले से बाहर किसी बड़े शहर में जाकर तैयारी करनी पड़ती है. परंतु लातेहार के पंकज कुमार ने इस परंपरा को ध्वस्त करते हुए अपने घर में रहकर ही सेल्फ स्टडी से गेट जैसी बड़ी परीक्षा की तैयारी की और उसमें 162 वां रैंक लाकर एक नई परंपरा का आगाज किया है. इस परीक्षा में सफलता हासिल करने के बाद पंकज के लिए आईआईटी जैसी अति विशिष्ट संस्थानों में एमटेक की पढ़ाई करने के अलावे कई अन्य महत्वपूर्ण संस्थानों में शिक्षा ग्रहण करने का रास्ता अब पूरी तरह साफ हो गया.

परिजनों के अलावे अन्य लोग भी गौरवान्वितः पंकज की सफलता से जहां उसके परिजन उत्साहित हैं. वहीं लातेहार के अन्य लोग भी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. पंकज के पिता राजकुमार पांडेय ने कहा कि पंकज आरंभ से ही एक मेधावी छात्र रहा है. इसने अपने लगन और परिश्रम के बल पर घर में रहकर गेट जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा की तैयारी की और उसमें सफलता हासिल की. यह पूरे समाज के लिए एक उदाहरण है.

वहीं स्थानीय समाजसेवी रोहित कुमार तिवारी ने कहा कि पंकज ने जिस परिस्थिति में तैयारी कर गेट जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा में सफलता हासिल की है, वह अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि छात्रों के मन में अक्सर यह भावना होती है कि किसी बड़ी परीक्षा की तैयारी के लिए घर से बाहर बड़े शहरों में जाकर बड़े संस्थानों में कोचिंग करनी पड़ती है. परंतु पंकज की सफलता ने अन्य छात्रों के मन में बैठे इस भ्रम को अब पूरी तरह तोड़ दिया है. पंकज ने साबित कर दिया कि घर में रहकर भी लगन और परिश्रम से कोई भी मंजिल पाई जा सकती है.

दूसरी बार में मिली सफलताः इधर इस संबंध में पंकज कुमार ने बताया कि गेट की परीक्षा में उन्हें दूसरे प्रयास में सफलता मिली है. पहली बार उन्हें अच्छा रैंक नहीं मिला, जिस कारण उन्होंने घर में रहकर ही इसकी फिर से तैयारी आरंभ की. 2023 की परीक्षा में उन्हें 162 रैंक मिला है. उन्होंने कहा कि लातेहार केंद्रीय विद्यालय से ही उन्होंने प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा ग्रहण की. उसके बाद बीआईटी से मैकेनिकल में बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए गेट की तैयारी आरंभ की. उन्होंने कहा कि अच्छे नोट्स और सही दिशा में तैयारी का नतीजा रहा कि उन्हें गेट की परीक्षा में अच्छा अंक मिल पाया. अब वे एमटेक की पढ़ाई आईआईटी संस्थान में कर सकेंगे. पंकज की सफलता लातेहार जैसे पिछड़े और सुविधाहीन जिलों में रहने वाले युवाओं के लिए एक प्रेरणा है. पंकज की सफलता यह साबित करती है कि परिश्रम से किसी भी मंजिल को पाया जा सकता है.

Last Updated : Mar 19, 2023, 12:09 PM IST
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