लातेहारः जिले के टोरी रेलवे स्टेशन के निकट मालगाड़ी की चपेट में आने से चंदवा के अलौदीया गांव की रूपमणि देवी गंभीर रूप से घायल हो गयीं. परंतु अस्पताल में एंबुलेंस होने के बाद भी एबुंलेंस से घायल महिला को अस्पताल लाने के लिए नहीं भेजा गया. ऐसे में घायल महिला को उसके परिजनों ने पैदल ही कंधे पर लाद कर 3 किमी दूर अस्पताल पहुंचाया. उपचार में देर होने के कारण महिला की मौत हो गई.
कंधे पर लादकर महिला को अस्पताल पहुंचाया
दरअसल महिला अपने बेटे के साथ वृद्धा पेंशन के पैसे निकालने प्रज्ञा केंद्र जा रही थी. इसी क्रम में वह रेलवे लाइन पार कर रही थी. इसी दौरान अचानक वह मालगाड़ी की चपेट में आ गई और गंभीर रूप से घायल हो गई. महिला के घायल होने की सूचना के बाद रेल प्रबंधन और आरपीएफ जवान वहां पहुंचे. उसे बचाने की कवायद के बीच एंबुलेंस के लिए कई जगह प्रयास किया गया मगर एंबुलेंस नहीं मिली. सीएचसी प्रभारी ने साफ शब्दों में कह दिया कि एंबुलेंस नहीं है. इसके बाद घर महिला का बेटा कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर कंधे पर लादकर महिला को अस्पताल पहुंचाया. परंतु तब तक काफी देर हो चुकी थी और महिला की मौत हो गई थी.
अस्पताल में खड़ी थी दो एंबुलेंस
जब लोग कंधे पर घायल महिला को लेकर अस्पताल पहुंचे तो पाया कि वहां दो एंबुलेंस उपलब्ध हैं. सीएचसी में एंबुलेंस उपलब्ध होने के बाद भी एंबुलेंस भेजने से इंकार करने की वजह जानने पर बताया गया कि कोविड जांच के लिए इसे जाना था.
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लोगों में आक्रोश
अस्पताल में एंबुलेंस उपलब्ध रहने के बाद हुआ घायल महिला को इलाज के लिए लाने एंबुलेंस न भेजने पर स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश जताया. मजदूर नेता मोहम्मद अयूब ने प्रशासन से मांग की है कि मामले की जांच की जाए और दोषियों पर कार्रवाई की जाए. घायल महिला को एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराए जाने पर लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है.