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लातेहार: कोरोना की दूसरी लहर में बढ़ी स्वास्थ्य सुविधाएं, लेकिन कुछ कमियों की वजह से बाहर जा रहे मरीज

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Published : May 21, 2021, 4:14 PM IST

Updated : May 21, 2021, 8:24 PM IST

लातेहार में कोरोना की दूसरी लहर में स्वास्थ्य सुविधाएं पहले से ठीक हुई हैं. लेकिन कुछ कमियों की वजह से मरीजों को दूसरे जिलों में जाना पड़ता है. लातेहार में सिटी स्कैन की कोई व्यवस्था नहीं है.

medical facility in latehar
लातेहार में स्वास्थ्य सुविधाएं

लातेहार: स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में पिछड़े जिलों में गिने जाने वाले लातेहार में अब स्वास्थ्य सुविधाएं पहले से ठीक हुई है. पहले मेडिकल सुविधाओं के नाम पर एक मात्र सदर अस्पताल था, जहां डॉक्टरों की कमी बनी रहती थी. पहले कोरोना से निपटने के लिए कोई इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं था. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में मची हाहाकार के बीच लातेहार जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त प्रयास से न सिर्फ कोरोना की रोकथाम हुई बल्कि स्वास्थ्य सुविधाएं भी बढ़ी. स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ने से लोगों को काफी राहत मिल रही है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

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70 ऑक्सीजन युक्त बेड और 90 सामान्य बेड की व्यवस्था

कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों के लिए ऑक्सीजनयुक्त बेड की व्यवस्था बड़ी चुनौती थी. उपायुक्त अबु इमरान के प्रयास से जिला प्रशासन ने इसकी तत्काल व्यवस्था की. वर्तमान में कोविड-19 अस्पताल में 70 ऑक्सीजन युक्त बेड और 90 सामान्य बेड की व्यवस्था की गई है. सिविल सर्जन डॉ. संतोष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि और बेड की व्यवस्था की जा रही है.

गांव-गांव में जाकर उपलब्ध कराया गया ऑक्सीमीटर

सिविल सर्जन के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर में गांव-गांव में सहिया और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की मदद लोगों को ऑक्सीमीटर उपलब्ध कराया गया ताकि कोरोना संक्रमित मरीज ऑक्सीजन लेवल जांच सकें और जरूरत पड़ने पर उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया जा सके. वर्तमान में 50 से भी कम कोरोना मरीज अस्पताल में इलाजरत हैं. जिले में आईसीयू की भी कमी थी. लेकिन इस कमी को भी स्वास्थ्य विभाग ने पूरा कर लिया है. अगले सप्ताह तक सदर अस्पताल में 8 बेड वाले आईसीयू वॉर्ड चालू होने की उम्मीद हैं.

यह भी पढ़ें: कहां रुका है विकास? पाषाण युग में जीने को मजबूर गुमला के इस गांव के लोग

सिटी स्कैन की नहीं है व्यवस्था

कोरोना काल में धीरे-धीरे स्वास्थ्य सुविधाएं अच्छी हो रही है लेकिन अभी भी कुछ कमियों की वजह से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. लातेहार में सिटी स्कैन की व्यवस्था नहीं है. किसी मरीज को सिटी स्कैन की जरूरत पड़ती है तो उसे रांची या पलामू भेजना पड़ता है. इसमें कोई दोराय नहीं है कि कोरोना काल में स्वास्थ्य सुविधाएं पहले से बेहतर हुई हैं. लेकिन जरूरत है इसे और दुरुस्त करने की ताकि मरीजों को इलाज के लिए दूसरे जिलों में न जाना पड़े.

लातेहार: स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में पिछड़े जिलों में गिने जाने वाले लातेहार में अब स्वास्थ्य सुविधाएं पहले से ठीक हुई है. पहले मेडिकल सुविधाओं के नाम पर एक मात्र सदर अस्पताल था, जहां डॉक्टरों की कमी बनी रहती थी. पहले कोरोना से निपटने के लिए कोई इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं था. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में मची हाहाकार के बीच लातेहार जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त प्रयास से न सिर्फ कोरोना की रोकथाम हुई बल्कि स्वास्थ्य सुविधाएं भी बढ़ी. स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ने से लोगों को काफी राहत मिल रही है.

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70 ऑक्सीजन युक्त बेड और 90 सामान्य बेड की व्यवस्था

कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों के लिए ऑक्सीजनयुक्त बेड की व्यवस्था बड़ी चुनौती थी. उपायुक्त अबु इमरान के प्रयास से जिला प्रशासन ने इसकी तत्काल व्यवस्था की. वर्तमान में कोविड-19 अस्पताल में 70 ऑक्सीजन युक्त बेड और 90 सामान्य बेड की व्यवस्था की गई है. सिविल सर्जन डॉ. संतोष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि और बेड की व्यवस्था की जा रही है.

गांव-गांव में जाकर उपलब्ध कराया गया ऑक्सीमीटर

सिविल सर्जन के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर में गांव-गांव में सहिया और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की मदद लोगों को ऑक्सीमीटर उपलब्ध कराया गया ताकि कोरोना संक्रमित मरीज ऑक्सीजन लेवल जांच सकें और जरूरत पड़ने पर उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया जा सके. वर्तमान में 50 से भी कम कोरोना मरीज अस्पताल में इलाजरत हैं. जिले में आईसीयू की भी कमी थी. लेकिन इस कमी को भी स्वास्थ्य विभाग ने पूरा कर लिया है. अगले सप्ताह तक सदर अस्पताल में 8 बेड वाले आईसीयू वॉर्ड चालू होने की उम्मीद हैं.

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सिटी स्कैन की नहीं है व्यवस्था

कोरोना काल में धीरे-धीरे स्वास्थ्य सुविधाएं अच्छी हो रही है लेकिन अभी भी कुछ कमियों की वजह से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. लातेहार में सिटी स्कैन की व्यवस्था नहीं है. किसी मरीज को सिटी स्कैन की जरूरत पड़ती है तो उसे रांची या पलामू भेजना पड़ता है. इसमें कोई दोराय नहीं है कि कोरोना काल में स्वास्थ्य सुविधाएं पहले से बेहतर हुई हैं. लेकिन जरूरत है इसे और दुरुस्त करने की ताकि मरीजों को इलाज के लिए दूसरे जिलों में न जाना पड़े.

Last Updated : May 21, 2021, 8:24 PM IST
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