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मेहनत पूरी कीमत अधूरी! टमाटर के बंपर उत्पादन के बाद भी अन्नदाता मायूस

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Published : Jan 3, 2023, 8:17 PM IST

Updated : Jan 3, 2023, 8:27 PM IST

सरकार जिस प्रकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात कहती है, उसी प्रकार इस पर ठोस योजना बनाकर कार्य भी करने की जरूरत है. अगर केवल बातें होंगी, योजनाएं धरातल पर नहीं उतरेंगी तो हालत लातेहार के किसानों जैसी ही होगी(Farmers upset due to low prices of tomatoes). बंपर उत्पादन के बाद भी वो खुश नहीं हो पाएंगे, उन्हें अच्छी कीमत नहीं मिल पाएगी.

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लातेहारः सरकार एक और तो किसानों की आय दोगुनी करने की बात कहती है, वहीं दूसरी ओर टमाटर की खेती करने वाले किसानों की पूंजी भी वापस नहीं पा रही है. जिले के बालूमाथ, हेरहंज और बारियातू प्रखंड में टमाटर के बंपर उत्पादन के कारण इसकी कीमत किसानों को दो रुपए प्रति किलो ग्राम मिल रही है. कीमत कम मिलने के कारण किसान काफी हताश हैं(Farmers upset due to low prices of tomatoes).

ये भी पढ़ेंः लाखों मुश्किलों को धता बता किसान फूलचंद बने आत्मनिर्भर, बेटे को बनाया इंजीनियर

टमाटर उत्पादन के लिए प्रसिद्धः दरअसल लातेहार जिले का बालूमाथ, हेरहंज और बारियातू प्रखंड टमाटर उत्पादन के लिए विख्यात रहा है. इन तीनों प्रखंडों में भारी मात्रा में टमाटर का उत्पादन होता है. यहां से टमाटर झारखंड के विभिन्न मंडियों तक पहुंचाया जाता है. ऐसे में किसानों को टमाटर की खेती से लाभ होता था. इस बार भी टमाटर की खेती जमकर हुई और पैदावार भी खूब हुआ. परंतु टमाटर की कीमत अचानक काफी गिर गई. ऐसे में किसानों को इस वर्ष फायदा होने के बदले नुकसान हो गया.

बंपर उत्पादन, कीमत कमः किसान गुड्डू कुमार, राजेंद्र लोहरा, जगदंबा प्रसाद साहू आदि ने बताया कि इस बार टमाटर का तो बंपर उत्पादन हुआ है. परंतु कीमत काफी कम है. स्थिति यह हो गई है कि टमाटर की खेती में किसानों को जितनी लागत लगी है. उतना भी वापस लौटना मुश्किल हो गया है.

नहीं मिलती सरकारी मदद, अगली बार नहीं करेंगे टमाटर की खेतीः किसानों ने कहा कि इस बार टमाटर की कीमत जितनी कम हो गई है, उसे देखते हुए अगली बार से वे लोग टमाटर की खेती करने से पहले 10 बार सोचेंगे. किसानों ने कहा कि टमाटर की खेती के लिए सरकार के द्वारा किसी प्रकार की कोई सहायता भी नहीं दी जाती और ना ही नुकसान होने पर कोई मुआवजा दिया जाता है. ऐसे में किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.



कोल्ड स्टोर होता तो मिलती राहतः बालूमाथ समेत अन्य प्रखंडों में कोल्ड स्टोर की व्यवस्था होती तो किसानों को काफी राहत मिलती. कीमत कम होने पर किसान अपने फसल को स्टॉक भी कर सकते थे. उसके बाद जब कीमत कुछ बेहतर होती तो फसलों को बेचते. परंतु यहां कोल्ड स्टोर की भी कोई व्यवस्था नहीं है. दूसरी और टमाटर ऐसी फसल है जिसे समय पर तोड़कर उपयोग न किया जाए तो वह बर्बाद हो जाता है. इसी मजबूरी के कारण किसानों को औने पौने दाम पर टमाटर बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है.



टॉमेटो सॉस प्लांट लगाने की थी योजनाः लातेहार जिला प्रशासन के द्वारा पिछले कई वर्षों से बालूमाथ, हेरहंज और बरियातू प्रखंड के इलाके में टॉमेटो सॉस प्लांट लगाने की योजना तैयार की जा रही है. परंतु यह योजना सिर्फ फाइलों तक ही सिमट कर रह जाती है और धरातल पर नहीं उतर पा रही. यदि इस इलाके में टॉमेटो सॉस प्लांट की स्थापना हो जाए तो किसानों को उनके फसल की अच्छी कीमत भी मिल पाएगी.

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लातेहारः सरकार एक और तो किसानों की आय दोगुनी करने की बात कहती है, वहीं दूसरी ओर टमाटर की खेती करने वाले किसानों की पूंजी भी वापस नहीं पा रही है. जिले के बालूमाथ, हेरहंज और बारियातू प्रखंड में टमाटर के बंपर उत्पादन के कारण इसकी कीमत किसानों को दो रुपए प्रति किलो ग्राम मिल रही है. कीमत कम मिलने के कारण किसान काफी हताश हैं(Farmers upset due to low prices of tomatoes).

ये भी पढ़ेंः लाखों मुश्किलों को धता बता किसान फूलचंद बने आत्मनिर्भर, बेटे को बनाया इंजीनियर

टमाटर उत्पादन के लिए प्रसिद्धः दरअसल लातेहार जिले का बालूमाथ, हेरहंज और बारियातू प्रखंड टमाटर उत्पादन के लिए विख्यात रहा है. इन तीनों प्रखंडों में भारी मात्रा में टमाटर का उत्पादन होता है. यहां से टमाटर झारखंड के विभिन्न मंडियों तक पहुंचाया जाता है. ऐसे में किसानों को टमाटर की खेती से लाभ होता था. इस बार भी टमाटर की खेती जमकर हुई और पैदावार भी खूब हुआ. परंतु टमाटर की कीमत अचानक काफी गिर गई. ऐसे में किसानों को इस वर्ष फायदा होने के बदले नुकसान हो गया.

बंपर उत्पादन, कीमत कमः किसान गुड्डू कुमार, राजेंद्र लोहरा, जगदंबा प्रसाद साहू आदि ने बताया कि इस बार टमाटर का तो बंपर उत्पादन हुआ है. परंतु कीमत काफी कम है. स्थिति यह हो गई है कि टमाटर की खेती में किसानों को जितनी लागत लगी है. उतना भी वापस लौटना मुश्किल हो गया है.

नहीं मिलती सरकारी मदद, अगली बार नहीं करेंगे टमाटर की खेतीः किसानों ने कहा कि इस बार टमाटर की कीमत जितनी कम हो गई है, उसे देखते हुए अगली बार से वे लोग टमाटर की खेती करने से पहले 10 बार सोचेंगे. किसानों ने कहा कि टमाटर की खेती के लिए सरकार के द्वारा किसी प्रकार की कोई सहायता भी नहीं दी जाती और ना ही नुकसान होने पर कोई मुआवजा दिया जाता है. ऐसे में किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.



कोल्ड स्टोर होता तो मिलती राहतः बालूमाथ समेत अन्य प्रखंडों में कोल्ड स्टोर की व्यवस्था होती तो किसानों को काफी राहत मिलती. कीमत कम होने पर किसान अपने फसल को स्टॉक भी कर सकते थे. उसके बाद जब कीमत कुछ बेहतर होती तो फसलों को बेचते. परंतु यहां कोल्ड स्टोर की भी कोई व्यवस्था नहीं है. दूसरी और टमाटर ऐसी फसल है जिसे समय पर तोड़कर उपयोग न किया जाए तो वह बर्बाद हो जाता है. इसी मजबूरी के कारण किसानों को औने पौने दाम पर टमाटर बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है.



टॉमेटो सॉस प्लांट लगाने की थी योजनाः लातेहार जिला प्रशासन के द्वारा पिछले कई वर्षों से बालूमाथ, हेरहंज और बरियातू प्रखंड के इलाके में टॉमेटो सॉस प्लांट लगाने की योजना तैयार की जा रही है. परंतु यह योजना सिर्फ फाइलों तक ही सिमट कर रह जाती है और धरातल पर नहीं उतर पा रही. यदि इस इलाके में टॉमेटो सॉस प्लांट की स्थापना हो जाए तो किसानों को उनके फसल की अच्छी कीमत भी मिल पाएगी.

Last Updated : Jan 3, 2023, 8:27 PM IST
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