लातेहारः झारखंड में जारी भाषा विवाद पर राज्य के सीएम हेमंत सोरेन ने बड़ी बात कही है. सीएम हेमंत गुरुवार को लातेहार में बिरसा किसान सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा है कि झारखंड के अधिकारियों को स्थानीय भाषा का ज्ञान नहीं है. उन्हें भाषा का ज्ञान होने में वक्त लगेगा. लेकिन झारखंड के अधिकारियों को स्थानीय भाषा सीखा कर रहेंगे.
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सीएम हेमंत ने कड़े शब्दों में कहा कि गुजरात और छत्तीसगढ़ के अधिकारी यहां के लोगों को गुजराती और छत्तीसगढ़ी सीखा देंगे. यह आदिवासी मूलवासियों के लिए खतरा है. उन्होंने कहा कि बाहरी लोग यहां के आदिवासी मूलवासियों को खत्म कर देंगे. इसलिये स्थानीय लोगों को मजबूत करना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि हाल में जो नियुक्ति हुई हैं, उसमें 95 लोग स्थानीय हैं. आदिवासी मूल निवासियों को बचाने के लिए यहां के स्थानीय को मजबूत होना होगा.
40 मिनट के भाषण में सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि पिछले 20 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है, जब 250 दिनों में जेपीएससी की परीक्षा क्लियर की गई है. उन्होंने कहा कि पिछले 20 वर्षों में राज्य में 300 करोड़ रुपये कृषि ऋण जारी किया गया था. लेकिन हमारी सरकार ने ढाई साल के कार्यकाल के दौरान 700 करोड़ रुपये कृषि ऋण जारी कर चुका है. उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा के नाम पर किसानों को सम्मान दे रहे हैं. राज्य की बड़ी आबादी कृषि अर्थव्यवस्था से जुड़ी हुई है और किसानों को मजबूत करना है जरूरी है.
सीएम ने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उद्योग के नाम पर झारखंड को लूटने का प्रयास किया गया है. उद्योग के नाम पर जमीन अधिग्रहण की गई. लेकिन स्थानीय रैयतों और किसानों को कोई फायदा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि पावर प्लांट के नाम पर जमीन अधिग्रहण कर लिया गया. कंपनियों ने प्लांट के नाम पर बैंक से ऋण लेकर गड़बड़ी की है.