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काष्ठ कला की अद्भुत मिसाल है नेतरहाट का 'शैले हाउस', अंग्रेजी हुकूमत में बना था यह भवन

झारखंड की रानी कहा जाने वाला नेतरहाट अपनी नैसर्गिक सुंदरता के लिए विख्यात है. यहां लकड़ी से बना शैले हाउस काष्ठ कला का अद्भुत उदाहरण है. 100 साल पहले सर एडवर्ड ने इस अनोखे भवन का निर्माण करवाया था, लेकिन वर्तमान में इस भवन को म्यूजियम के रूप में विकसित किया जा रहा है.

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काष्ठ कला का अद्भुत नमूना है नेतरहाट का शैले हाउस
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Published : Jan 29, 2021, 8:24 PM IST

Updated : Jan 30, 2021, 8:27 PM IST

लातेहार: झारखंड की रानी कहा जाने वाला नेतरहाट अपनी नैसर्गिक सुंदरता के लिए दूर-दूर तक विख्यात है. नेतरहाट की गोद में कई ऐसे इमारत बने हुए हैं, जो अपने आप में अनोखे हैं. इसमें से एक नेतरहाट का शैले हाउस भी है, जो एक प्रकार का अनोखा भवन है, क्योंकि यह पूरी तरह लकड़ी से बनाई गई 2 मंजिला इमारत है.

देखें स्पेशल खबर

काष्ठ कला का अद्भुत नमूना

नेतरहाट को लोग उसकी मनोरम वादियों, सूर्योदय और सूर्यास्त आदि के लिए जानते हैं. नेतरहाट का शैले हाउस भी नेतरहाट की खूबसूरती में चार चांद लगाता है. लकड़ी से बना यह दो मंजिला भवन काष्ठ कला का अद्भुत नमूना है. इस भवन को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं और इसकी खूबसूरती को देखकर आश्चर्य चकित रह जाते हैं. इस भवन को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे किसी कलाकार ने अपनी कला का पूरा अनुभव इस भवन को बनाने में लगा दिया हो.

ये भी पढ़ें-बजट सत्र 2021 की शुरुआत में राष्ट्रपति का अभिभाषण, राम मंदिर से लेकर अनुच्छेद 370 का जिक्र

ब्रिटिश काल में बना था यह भवन

शैले हाउस का निर्माण ब्रिटिश काल में हुआ था. अंग्रेज गवर्नर जब नेतरहाट आते थे तो वो इस भवन में रुकते थे. इसलिए इस भवन को गवर्नर हाउस के रूप में भी जाना जाता है. ब्रिटिश हुकूमत खत्म होने के बाद इस भवन को संरक्षित किया गया. बाद में राज्यपाल, मुख्यमंत्री या बड़े अधिकारियों के आगमन पर उन्हें इस भवन में ठहराया जाता था.

म्यूजियम के रूप में किया जा रहा है विकसित

इतिहासकार प्रोफेसर पीके तिवारी ने इस संबंध में बताया कि लगभग 100 साल पहले सर एडवर्ड ने इस अनोखे भवन का निर्माण करवाया था. यहां गवर्नर रुका करते थे, इसलिए इसका नाम गवर्नर हाउस पड़ा. कालांतर में जब यह भवन जर्जर होने लगा तो सरकार ने इसकी विशेष मरम्मत करवाई. वर्तमान में इस भवन को म्यूजियम के रूप में विकसित किया जा रहा है. अब लोग यहां आकर इस भवन को देखते हैं और इसकी खूबसूरती को निहारते हैं.

सालों भर यहां बना रहता ठंड का मौसम

बता दें कि नेतरहाट रांची से 156 किमी की दूरी पर लातेहार जिले में अवस्थित है. इसकी ऊंचाई समुद तल से 3 हजार 700 फीट है और यहां गर्मी के मौसम में पर्यटकों की भारी भीड़ रहती है. वैसे तो सालों भर यहां ठंड का मौसम बना रहता है. घने जंगल के बीच बसे इस जगह की प्राकृतिक सुंदरता देखने लोग दूर-दूर से आते हैं. यहां वन विभाग की अनुमति के साथ शूटिंग भी की जाती है.

लातेहार: झारखंड की रानी कहा जाने वाला नेतरहाट अपनी नैसर्गिक सुंदरता के लिए दूर-दूर तक विख्यात है. नेतरहाट की गोद में कई ऐसे इमारत बने हुए हैं, जो अपने आप में अनोखे हैं. इसमें से एक नेतरहाट का शैले हाउस भी है, जो एक प्रकार का अनोखा भवन है, क्योंकि यह पूरी तरह लकड़ी से बनाई गई 2 मंजिला इमारत है.

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काष्ठ कला का अद्भुत नमूना

नेतरहाट को लोग उसकी मनोरम वादियों, सूर्योदय और सूर्यास्त आदि के लिए जानते हैं. नेतरहाट का शैले हाउस भी नेतरहाट की खूबसूरती में चार चांद लगाता है. लकड़ी से बना यह दो मंजिला भवन काष्ठ कला का अद्भुत नमूना है. इस भवन को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं और इसकी खूबसूरती को देखकर आश्चर्य चकित रह जाते हैं. इस भवन को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे किसी कलाकार ने अपनी कला का पूरा अनुभव इस भवन को बनाने में लगा दिया हो.

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ब्रिटिश काल में बना था यह भवन

शैले हाउस का निर्माण ब्रिटिश काल में हुआ था. अंग्रेज गवर्नर जब नेतरहाट आते थे तो वो इस भवन में रुकते थे. इसलिए इस भवन को गवर्नर हाउस के रूप में भी जाना जाता है. ब्रिटिश हुकूमत खत्म होने के बाद इस भवन को संरक्षित किया गया. बाद में राज्यपाल, मुख्यमंत्री या बड़े अधिकारियों के आगमन पर उन्हें इस भवन में ठहराया जाता था.

म्यूजियम के रूप में किया जा रहा है विकसित

इतिहासकार प्रोफेसर पीके तिवारी ने इस संबंध में बताया कि लगभग 100 साल पहले सर एडवर्ड ने इस अनोखे भवन का निर्माण करवाया था. यहां गवर्नर रुका करते थे, इसलिए इसका नाम गवर्नर हाउस पड़ा. कालांतर में जब यह भवन जर्जर होने लगा तो सरकार ने इसकी विशेष मरम्मत करवाई. वर्तमान में इस भवन को म्यूजियम के रूप में विकसित किया जा रहा है. अब लोग यहां आकर इस भवन को देखते हैं और इसकी खूबसूरती को निहारते हैं.

सालों भर यहां बना रहता ठंड का मौसम

बता दें कि नेतरहाट रांची से 156 किमी की दूरी पर लातेहार जिले में अवस्थित है. इसकी ऊंचाई समुद तल से 3 हजार 700 फीट है और यहां गर्मी के मौसम में पर्यटकों की भारी भीड़ रहती है. वैसे तो सालों भर यहां ठंड का मौसम बना रहता है. घने जंगल के बीच बसे इस जगह की प्राकृतिक सुंदरता देखने लोग दूर-दूर से आते हैं. यहां वन विभाग की अनुमति के साथ शूटिंग भी की जाती है.

Last Updated : Jan 30, 2021, 8:27 PM IST
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