लातेहारः सरकार के द्वारा गांवों का विकास करने के लिए उन्हें आदर्श गांव बनाया जाता है. झारखंड के लातेहार जिला में भी कई गांवों को आदर्श गांव घोषित कर दिया गया है. फाइलों में इन गांवों को सुविधा संपन्न दिखाया जाता है. लेकिन सरकार द्वारा घोषित आदर्श गांव की स्थिति धरातल पर क्या है इसकी बानगी लातेहार के बरियातू गांव में देखी जा सकती है. आलम ऐसा है कि इस गांव के टोंगरी टोला में आज तक एक सड़क तक नहीं बन पाई है.
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लातेहार में सदर प्रखंड के बरियातू गांव को सरकार द्वारा आदर्श ग्राम घोषित किया गया है. इस गांव के टोंगरी टोला तक पहुंचाने के लिए 75 साल बाद भी एक सड़क नहीं बन पाई है. 250 लोगों की आबादी वाले इस टोला में रहने वाले लोग आज भी पगडंडियों के सहारे अपने गांव से आधा किलोमीटर की दूरी तय कर मुख्य सड़क तक पहुंचते हैं. गांव की स्थिति यह है कि यहां एक ऑटो का भी जाना मुश्किल है.
ग्रामीण विजय सिंह की मानें तो सरकार ने भले ही इस गांव को आदर्श गांव घोषित किया हो पर सच्चाई यह है कि गांव में आज तक एक सड़क नहीं बन पाई है. उन्होंने कहा कि सबसे अधिक कठिनाई बरसात के दिनों में होती है. बारिश में इस गांव के लोगों को घर से बाहर निकलने में भी 10 बार सोचना पड़ता है. वहीं ग्रामीण सुनीता देवी और गुड्डी देवी ने भी बताया कि गांव में सड़क नहीं रहने के कारण यहां के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. महिलाओं ने बताया कि जब कोई बीमार पड़ जाता है तो उसे आधा किलोमीटर तक साइकिल पर बैठाकर ले जाना पड़ता है. महिलाओं ने कहा कि गांव की सड़क की स्थिति यह है कि यहां मवेशियों का चलना मुश्किल हो जाता है.
सरकारी फंड का होता है दुरुपयोगः ग्रामीण विजय सिंह बताते हैं कि इस गांव में आदर्श गांव योजना के तहत जो भी राशि आता है, उसका बंदरबांट कर लिया जाता है. विजय सिंह ने बताया कि हाल में ही सरकार के द्वारा इस गांव के विकास के लिए पैसे आवंटित किए गए. लेकिन गांव के कुछ बिचौलिए, स्थानीय जनप्रतिनिधि और सरकारी कर्मियों के मिलीभगत से आवंटित पैसे के बंदरबांट का प्रयास आरंभ कर दिया गया. गांव में ग्राम सभा कराए बिना ही वार्ड सदस्य, मुखिया और पंचायत सेवक मनमानी करते हुए फर्जी तरीके से योजनाओं का चयन कर लिया. जहां सड़क बनने की जरूरत है, वहां पर सड़क ना बनाकर निजी फायदे के लिए योजनाओं का चयन कर रहे हैं.
जिला मुख्यालय से मात्र 4 किलोमीटर की दूरी पर है गांवः टोंगरी टोला लातेहार जिला मुख्यालय से मात्र 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इसके बावजूद इस गांव का विकास आज तक नहीं हो पाया. ग्रामीण आज भी एक अदद सड़क के लिए तरस रहे हैं. इसके अलावा गांव में पानी की भी समस्या बनी हुई है. ग्रामीणों का कहना है कि बाकी सुविधा सरकार दे या ना दे, पर गांव तक पहुंचाने के लिए कम से कम सड़क का ही निर्माण करवा दे. जिससे लोगों को सुविधा मिल सके.
मामले की करवा रहे हैं जांच- बीडीओः इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी अरविंद टोप्पो से भी जानकारी ली गई. उन्होंने कहा कि इसकी सूचना उन्हें मिली है, वो मामले की जांच करवा रहे हैं. जांच के बाद वरीय अधिकारियों को भी इसकी सूचना दी जाएगी और गांव तक सड़क बनाने का पूरा प्रयास किया जाएगा.
बहरहाल, फाइलों में तो सरकार के द्वारा बरियातू गांव को आदर्श घोषित कर दिया है. लेकिन धरातल पर ऐसा कुछ भी नहीं किया जा रहा, जिससे इस गांव को आदर्श कहा जाए. जरूर इस बात की है कि योजनाओं की मॉनिटरिंग धरातल पर जाकर हो ताकि योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को मिल सके.