ETV Bharat / state

जानिए कैसा है मिश्रा जी का अनुपम बागान, जहां लगे हैं 16 किस्म के आम

अगर हौसले बुलंदे हो तो नामुमकिन कुछ भी नहीं, इसे साबित कर दिखाया है लातेहार के अनुपम ने. अपनी बंजर जमीन में आम की बागवानी कर आज ये आत्मनिर्भर हो गए हैं. साथ ही दूसरों के लिए प्रेरणश्रोत भी बन गए हैं.

Anupam Mishra did mango gardening in Latehar
Anupam Mishra did mango gardening in Latehar
author img

By

Published : May 28, 2023, 10:32 AM IST

Updated : May 28, 2023, 10:55 AM IST

देखें वीडियो

लातेहारः सदर प्रखंड के बारीडीह गांव निवासी अनुपम मिश्रा अपने अनुपम कार्य को लेकर पूरे समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं. अनुपम और उनके परिवार के सदस्यों ने अपने 12 एकड़ बंजर भूमि में आम की बागवानी लगाई है. इनकी बागवानी में 16 किस्म के आम लगे हुए हैं. इनकी बागवानी को देखकर गांव के कई अन्य लोगों ने भी अपने खाली पड़े जमीन में फलदार वृक्ष लगाने लगे हैं.

ये भी पढ़ेंः जामताड़ा में विश्व के सबसे महंगे आम की खेती, जानिए कर रहा है कौन

दरअसल अनुपम मिश्रा को बचपन से ही पेड़ पौधों से काफी लगाव है. अपने घर के आस-पास वह कई प्रकार के पेड़ पौधे लगाते रहते थे. इनके परिवार के पास गांव में काफी जमीन भी थी, परंतु पानी की कमी के कारण उस जमीन पर खेती नहीं हो पाती थी. जमीन का बड़ा भाग बंजर पड़ा रहता था. कई बार अनुपम ने प्रयास किया कि अपनी जमीन में कुछ पेड़ पौधे लगाए जाएं, परंतु व्यवस्था के अभाव में वह अपने मकसद में सफल नहीं हो पा रहे थे. सरकारी स्तर पर भी उन्हें किसी प्रकार की कोई मदद नहीं मिल पा रही थी.

मुख्यमंत्री जन वन योजना से हुआ लाभः अनुपम मिश्रा बताते हैं कि लगभग 4 वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री जन वन योजना की जानकारी उन्हें मिली. उन्हें बताया गया कि किसानों को बागवानी लगाने के लिए इस योजना के तहत लाभ दिया जाता है. इसके बाद उन्होंने सरकारी कार्यालयों में संपर्क किया, जिससे उन्हें इस योजना का लाभ दे दिया गया. योजना स्वीकृत होने के बाद उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर बंजर पड़े अपने 12 एकड़ जमीन में आम की बागवानी लगाई. पहले वर्ष तो कुछ पौधे बर्बाद भी हो गए परंतु उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और बर्बाद हुए पौधों के बदले फिर से दूसरे पौधे लगाए. 2 साल की मेहनत के बाद उनके बागान गुलजार हो गए. पिछले वर्ष भी लगभग 60 हजार रुपए के आम फले थे. इस वर्ष आम की पैदावार और अधिक होने की संभावना है. तीन-चार वर्षों के बाद तो आम का बंपर उत्पादन होने लगेगा. उन्होंने बताया कि आम की बागवानी लगाने के बाद अब उन्हें भविष्य में पेंशन की भी जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि यही पेड़ उनके लिए पेंशन साबित होंगे.

16 किस्म के आम लगे हैं बागवानी मेंः अनुपम बताते हैं कि उनकी बागवानी में 16 किस्म के आम लगे हुए हैं. इनमें आम्रपाली, मालदह, किशनभोग, गुलाबखास, मलिका, हिमसागर, बारहमासी, ब्लैक कैरेट, नम्बर 1, नम्बर 3, नम्बर 10, फजली हरा, फजली पीला, दोफला, थाईलैंड लंगड़ा, अल्फांसो आदि प्रकार के आम लगे हुए हैं. इनमें से अधिकांश आम फलने लगे हैं. अनुपम बताते हैं कि इस वर्ष कुछ अन्य किस्म के आम भी मंगा रहे हैं, जिसे बरसात में लगाया जाएगा. उन्होंने बताया कि अल्फांसो काफी महंगा बिकने वाला आम है. बाजार में इसकी कीमत अन्य प्रकार के आमों की अपेक्षा काफी अधिक होती है.

जनप्रतिनिधि भी करते हैं तारीफः अनुपम तथा उनके परिवार के सदस्यों के द्वारा बंजर पड़ी जमीन में बागवानी लगाकर ग्रामीणों के समक्ष एक उदाहरण प्रस्तुत किया गया है. अनुपम के इस अनुपम कार्य को लेकर जनप्रतिनिधि भी उनकी जमकर तारीफ करते हैं. लातेहार जिला परिषद सदस्य विनोद उरांव कहते हैं कि अनुपम और उनके परिवार वालों ने समाज के लिए एक मिसाल पेश किया है. इनके बागवानी को देखकर कई अन्य लोग भी प्रेरित हो रहे हैं और बागवानी लगाकर अपने भविष्य को सुरक्षित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिले के सभी लोगों को ऐसे लोगों से सीख लेनी चाहिए.

अनुपम मिश्रा का अनुपम कार्य समाज के लोगों को रोजगार का एक नया रास्ता दिखा रहा है. जरूरत इस बात की है कि प्रशासन ग्रामीणों को ऐसे कार्यों के लिए प्रेरित करें और सरकारी योजनाओं का लाभ दें, ताकि बागवानी लगाने की योजना में क्रांति आ सके.

देखें वीडियो

लातेहारः सदर प्रखंड के बारीडीह गांव निवासी अनुपम मिश्रा अपने अनुपम कार्य को लेकर पूरे समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं. अनुपम और उनके परिवार के सदस्यों ने अपने 12 एकड़ बंजर भूमि में आम की बागवानी लगाई है. इनकी बागवानी में 16 किस्म के आम लगे हुए हैं. इनकी बागवानी को देखकर गांव के कई अन्य लोगों ने भी अपने खाली पड़े जमीन में फलदार वृक्ष लगाने लगे हैं.

ये भी पढ़ेंः जामताड़ा में विश्व के सबसे महंगे आम की खेती, जानिए कर रहा है कौन

दरअसल अनुपम मिश्रा को बचपन से ही पेड़ पौधों से काफी लगाव है. अपने घर के आस-पास वह कई प्रकार के पेड़ पौधे लगाते रहते थे. इनके परिवार के पास गांव में काफी जमीन भी थी, परंतु पानी की कमी के कारण उस जमीन पर खेती नहीं हो पाती थी. जमीन का बड़ा भाग बंजर पड़ा रहता था. कई बार अनुपम ने प्रयास किया कि अपनी जमीन में कुछ पेड़ पौधे लगाए जाएं, परंतु व्यवस्था के अभाव में वह अपने मकसद में सफल नहीं हो पा रहे थे. सरकारी स्तर पर भी उन्हें किसी प्रकार की कोई मदद नहीं मिल पा रही थी.

मुख्यमंत्री जन वन योजना से हुआ लाभः अनुपम मिश्रा बताते हैं कि लगभग 4 वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री जन वन योजना की जानकारी उन्हें मिली. उन्हें बताया गया कि किसानों को बागवानी लगाने के लिए इस योजना के तहत लाभ दिया जाता है. इसके बाद उन्होंने सरकारी कार्यालयों में संपर्क किया, जिससे उन्हें इस योजना का लाभ दे दिया गया. योजना स्वीकृत होने के बाद उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर बंजर पड़े अपने 12 एकड़ जमीन में आम की बागवानी लगाई. पहले वर्ष तो कुछ पौधे बर्बाद भी हो गए परंतु उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और बर्बाद हुए पौधों के बदले फिर से दूसरे पौधे लगाए. 2 साल की मेहनत के बाद उनके बागान गुलजार हो गए. पिछले वर्ष भी लगभग 60 हजार रुपए के आम फले थे. इस वर्ष आम की पैदावार और अधिक होने की संभावना है. तीन-चार वर्षों के बाद तो आम का बंपर उत्पादन होने लगेगा. उन्होंने बताया कि आम की बागवानी लगाने के बाद अब उन्हें भविष्य में पेंशन की भी जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि यही पेड़ उनके लिए पेंशन साबित होंगे.

16 किस्म के आम लगे हैं बागवानी मेंः अनुपम बताते हैं कि उनकी बागवानी में 16 किस्म के आम लगे हुए हैं. इनमें आम्रपाली, मालदह, किशनभोग, गुलाबखास, मलिका, हिमसागर, बारहमासी, ब्लैक कैरेट, नम्बर 1, नम्बर 3, नम्बर 10, फजली हरा, फजली पीला, दोफला, थाईलैंड लंगड़ा, अल्फांसो आदि प्रकार के आम लगे हुए हैं. इनमें से अधिकांश आम फलने लगे हैं. अनुपम बताते हैं कि इस वर्ष कुछ अन्य किस्म के आम भी मंगा रहे हैं, जिसे बरसात में लगाया जाएगा. उन्होंने बताया कि अल्फांसो काफी महंगा बिकने वाला आम है. बाजार में इसकी कीमत अन्य प्रकार के आमों की अपेक्षा काफी अधिक होती है.

जनप्रतिनिधि भी करते हैं तारीफः अनुपम तथा उनके परिवार के सदस्यों के द्वारा बंजर पड़ी जमीन में बागवानी लगाकर ग्रामीणों के समक्ष एक उदाहरण प्रस्तुत किया गया है. अनुपम के इस अनुपम कार्य को लेकर जनप्रतिनिधि भी उनकी जमकर तारीफ करते हैं. लातेहार जिला परिषद सदस्य विनोद उरांव कहते हैं कि अनुपम और उनके परिवार वालों ने समाज के लिए एक मिसाल पेश किया है. इनके बागवानी को देखकर कई अन्य लोग भी प्रेरित हो रहे हैं और बागवानी लगाकर अपने भविष्य को सुरक्षित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिले के सभी लोगों को ऐसे लोगों से सीख लेनी चाहिए.

अनुपम मिश्रा का अनुपम कार्य समाज के लोगों को रोजगार का एक नया रास्ता दिखा रहा है. जरूरत इस बात की है कि प्रशासन ग्रामीणों को ऐसे कार्यों के लिए प्रेरित करें और सरकारी योजनाओं का लाभ दें, ताकि बागवानी लगाने की योजना में क्रांति आ सके.

Last Updated : May 28, 2023, 10:55 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.