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कोडरमा: वेतन वृद्धि और पीएफ के लिए श्रमिक धरने पर बैठे, स्टील फैक्ट्री में कामकाज ठप - कोडरमा की स्टील फैक्ट्री में हड़ताल

कोडरमा की तिलैया बस्ती स्थित प्रतीक स्टील कास्टिंग फैक्ट्री के 60 मजदूरों ने वेतन बोनस और पीएफ भुगतान की मांग को लेकर हड़ताल कर दिया है. इससे कंपनी में कामकाज ठप हो गया है. श्रमिकों का कहना है कि कुछ मजदूरों को काफी कम वेतन दिया जाता है. उन्हें पीएफ की राशि भी नहीं दी जाती.

Workers sit on strike for salary hike in Koderma
वेतन वृद्धि और पीएफ के लिए श्रमिक धरने पर बैठे,
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Published : Nov 24, 2020, 3:40 PM IST

कोडरमाः तिलैया बस्ती स्थित प्रतीक स्टील कास्टिंग फैक्ट्री के मजदूरों ने वेतन बोनस और पीएफ भुगतान की मांग को लेकर हड़ताल कर दिया है. 60 मजदूर फैक्ट्री के गेट पर धरने पर बैठे हैं. मजदूरों की हड़ताल के कारण फैक्ट्री में उत्पादन पूरी तरह से ठप हो गया है. मजदूरों ने अपनी मांगों के समर्थन में फैक्ट्री के नियमित कर्मचारियों का घेराव भी किया. इधर, कंपनी के प्रबंधक का कहना है कि मजदूर थर्ड पार्टी के जरिये काम करते हैं, हम उनसे कहेंगे कि वे मजदूरों से बात करें.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-नहीं रहे झारखंड क्रिकेट के भीष्म पितामह देवल दा, महेंद्र सिंह धोनी का करियर बनाने में रही अहम भूमिका

मजदूरों का आरोप है कि उन्हें जो वेतन दिया जा रहा है वह निर्धारित मजदूरी से कम है. धरने पर बैठे मजदूरों का कहना है कि उन्हें न तो बोनस दिया जा रहा है और न ही लॉकडाउन का वेतन. मजदूरों का कहना है कि जब वे अपनी मांगों को लेकर फैक्ट्री प्रबंधन के पास जाते हैं तो उन्हें हटाने की धमकी दी जाती है. वहीं महिला मजदूरों का आरोप है कि फैक्ट्री प्रबंधन उनसे 8 घंटे के बजाय 12 घंटे की ड्यूटी ले रहा है और महज 170 रुपये ही भुगतान कर रहा है. साथ ही महिला मजदूरों से भी बोझ उठाने जैसे भारी भरकम कार्य कराए जाते हैं. बहरहाल इस पूरे मामले पर फैक्ट्री प्रबंधक का कहना है कि फैक्ट्री के सारे मजदूर डायरेक्ट कंपनी से नहीं जुड़े हुए हैं बल्कि ठेकेदार से जुड़े हुए हैं और उनकी जो भी मांगे हैं वह ठेकेदार, मजदूरों के प्रतिनिधि और फैक्ट्री प्रबंधन के बीच वार्ता के बाद विचार किया जाएगा.

कोडरमाः तिलैया बस्ती स्थित प्रतीक स्टील कास्टिंग फैक्ट्री के मजदूरों ने वेतन बोनस और पीएफ भुगतान की मांग को लेकर हड़ताल कर दिया है. 60 मजदूर फैक्ट्री के गेट पर धरने पर बैठे हैं. मजदूरों की हड़ताल के कारण फैक्ट्री में उत्पादन पूरी तरह से ठप हो गया है. मजदूरों ने अपनी मांगों के समर्थन में फैक्ट्री के नियमित कर्मचारियों का घेराव भी किया. इधर, कंपनी के प्रबंधक का कहना है कि मजदूर थर्ड पार्टी के जरिये काम करते हैं, हम उनसे कहेंगे कि वे मजदूरों से बात करें.

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मजदूरों का आरोप है कि उन्हें जो वेतन दिया जा रहा है वह निर्धारित मजदूरी से कम है. धरने पर बैठे मजदूरों का कहना है कि उन्हें न तो बोनस दिया जा रहा है और न ही लॉकडाउन का वेतन. मजदूरों का कहना है कि जब वे अपनी मांगों को लेकर फैक्ट्री प्रबंधन के पास जाते हैं तो उन्हें हटाने की धमकी दी जाती है. वहीं महिला मजदूरों का आरोप है कि फैक्ट्री प्रबंधन उनसे 8 घंटे के बजाय 12 घंटे की ड्यूटी ले रहा है और महज 170 रुपये ही भुगतान कर रहा है. साथ ही महिला मजदूरों से भी बोझ उठाने जैसे भारी भरकम कार्य कराए जाते हैं. बहरहाल इस पूरे मामले पर फैक्ट्री प्रबंधक का कहना है कि फैक्ट्री के सारे मजदूर डायरेक्ट कंपनी से नहीं जुड़े हुए हैं बल्कि ठेकेदार से जुड़े हुए हैं और उनकी जो भी मांगे हैं वह ठेकेदार, मजदूरों के प्रतिनिधि और फैक्ट्री प्रबंधन के बीच वार्ता के बाद विचार किया जाएगा.

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