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8 नवंबर से लोक आस्था का पर्व छठ की शुरुआत, पूरे विधि-विधान से तैयारियों में जुटीं छठ व्रती

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Published : Nov 7, 2021, 3:37 PM IST

झारखंड-बिहार समेत अन्य राज्यों में छठ पर्व (Chhath Festival) की तैयारी चल रही है. सोमवार से नहाय-खाय के साथ छठ पर्व की शुरुआत हो जाएगी. छठ पर्व में इस्तेमाल होने वाले गेहूं, चावल और चना दाल चुनने-फटकारने और उसको धोने- सुखाने में छठ व्रती महिलाएं लगी हुई हैं. इसके साथ ही भोग लगाने वाले बर्तन की साफ-सफाई भी की जा रही है. छठ व्रत को लेकर बाजारों में भी काफी भीड़ देखने को मिल रही है.

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छठ पूजा की तैयारी

कोडरमा: चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का महापर्व छठ की तैयारियां हर तरफ जोरों पर चल रही है. सोमवार को नहाय खाय के साथ ही छठ पर्व (Chhath Festival) की शुरुआत हो जाएगी. छठ पर्व में शुद्धता का विशेष ख्याल रखा जाता है. बिहार-झारखंड के अलावा अन्य राज्यों में छठ पर्व काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.



इसे भी पढे़ं: महापर्व छठ की तैयारीः रामगढ़ डीसी ने विभिन्न घाटों की सफाई का लिया जायजा


छठ पर्व में इस्तेमाल होने वाले गेहूं, चावल और चना दाल चुनने-फटकारने और उसको धोने- सुखाने में छठ व्रती महिलाएं लगी हुई हैं. इसके साथ ही भोग लगाने वाले बर्तन की साफ-सफाई भी की जा रही है. छठ व्रती छठ गीत गाकर पूरे उत्साह के साथ पर्व की तैयारियों में लग गई हैं. पर्व में इस्तेमाल होने वाले सामग्री की खरीदारी भी जोरों पर चल रही है. बाजारों में काफी भीड़-भाड़ भी देखी जा रही है.

देखें पूरी रिपोर्ट

छठ व्रतियां करती हैं 36 घंटे का निर्जला उपवास

चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का महापर्व की शुरुआत के पहले दिन छठ व्रती अरवा चावल, चना दाल और कद्दू की सब्जी का भोग भगवान भास्कर को लगाने के बाद उसे ग्रहण करेंगी. उसके बाद पर्व के दूसरे दिन शाम में छठ व्रती आम की लकड़ी से गुड़ से बने खीर और पूड़ी बनाएंगी और उसे सबसे पहले भगवान भास्कर को भोग लगाएंगी और उसी प्रसाद को लोग ग्रहण करेंगे. उसके साथ ही छठ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाएगा. छठ व्रती पर्व के तीसरे दिन नदी, तालाब और जलाशय में अस्तगामी भगवान भास्कर को पहला अ‌र्घ्य अर्पित करेंगी. पर्व के अंतिम दिन उदयमान भगवान भास्कर को सुबह में अ‌र्घ्य अर्पित करने के बाद छठ व्रती 36 घंटे के निर्जला तोड़ेंगी.

कोडरमा: चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का महापर्व छठ की तैयारियां हर तरफ जोरों पर चल रही है. सोमवार को नहाय खाय के साथ ही छठ पर्व (Chhath Festival) की शुरुआत हो जाएगी. छठ पर्व में शुद्धता का विशेष ख्याल रखा जाता है. बिहार-झारखंड के अलावा अन्य राज्यों में छठ पर्व काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.



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छठ पर्व में इस्तेमाल होने वाले गेहूं, चावल और चना दाल चुनने-फटकारने और उसको धोने- सुखाने में छठ व्रती महिलाएं लगी हुई हैं. इसके साथ ही भोग लगाने वाले बर्तन की साफ-सफाई भी की जा रही है. छठ व्रती छठ गीत गाकर पूरे उत्साह के साथ पर्व की तैयारियों में लग गई हैं. पर्व में इस्तेमाल होने वाले सामग्री की खरीदारी भी जोरों पर चल रही है. बाजारों में काफी भीड़-भाड़ भी देखी जा रही है.

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छठ व्रतियां करती हैं 36 घंटे का निर्जला उपवास

चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का महापर्व की शुरुआत के पहले दिन छठ व्रती अरवा चावल, चना दाल और कद्दू की सब्जी का भोग भगवान भास्कर को लगाने के बाद उसे ग्रहण करेंगी. उसके बाद पर्व के दूसरे दिन शाम में छठ व्रती आम की लकड़ी से गुड़ से बने खीर और पूड़ी बनाएंगी और उसे सबसे पहले भगवान भास्कर को भोग लगाएंगी और उसी प्रसाद को लोग ग्रहण करेंगे. उसके साथ ही छठ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाएगा. छठ व्रती पर्व के तीसरे दिन नदी, तालाब और जलाशय में अस्तगामी भगवान भास्कर को पहला अ‌र्घ्य अर्पित करेंगी. पर्व के अंतिम दिन उदयमान भगवान भास्कर को सुबह में अ‌र्घ्य अर्पित करने के बाद छठ व्रती 36 घंटे के निर्जला तोड़ेंगी.

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