कोडरमा: महिलाओं और युवतियों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए कोडरमा में अचार, पापड़ और अगरबत्ती बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. ट्रेनिंग के बाद महिलाओं के द्वारा तैयार उत्पादों के लिए बाजार भी उपलब्ध कराया जाएगा.
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लगभग हर घर की किसी ना किसी महिला को अचार, पापड़ और अदौरी बड़ी बनाना आता है. लेकिन ये महिलाएं अपने परिवार के लिए ही इन उत्पादों को घरों में तैयार करती हैं. अगर इन उत्पादों के जरिए इन महिलाओं को रोजगार मिल जाए और उन्हें आमदनी होने लगे, तो उसके क्या कहने. कुछ इसी सोच के साथ कोडरमा में महिलाओं को अचार, पापड़ और अगरबत्ती बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है.
महिलाएं इसे लेकर उत्साहित: महिलाओं ने बताया कि जो समय दूसरे कामों में महिलाएं बिताती हैं, अब उस समय का इस्तेमाल रोजगार और आमदानी के लिए होगा, जिससे उनके बच्चों का भविष्य भी बेहतर बन सकेगा. इन उत्पादों को तैयार करने का गुण तो हर महिलाओं में होता है, लेकिन थोड़ी सी जानकारी देकर इन्हें इस क्षेत्र में निपुण बनाया जा सकता है, ताकि इसके जरिए रोजगार के नए साधन विकसित हो सके और महिलाओं को निर्भर बनने में मदद मिल सके. जमशेदपुर से आई प्रशिक्षक कृष्णा दत्ता और देवघर से आए प्रशिक्षक पंकज रावत इन महिलाओं को उनके ही कार्यक्षेत्र में निपुण बनाने में जुटे हैं.
बाजार भी कराया जाएगा उपलब्ध: गर्ल पॉवर प्रोजेक्ट के जरिए इन महिलाओं को यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है. प्रशिक्षण के बाद महिलाएं अपने-अपने समूह में बंट कर इन उत्पादों को तैयार करेंगी. इसके बाद प्रोजेक्ट के तहत महिलाओं को बाजार भी उपलब्ध कराया जाएगा. यानी इन महिलाओं को सिर्फ उत्पाद तैयार करने हैं, इन्हें बेचने की टेंशन नहीं होगी. तीन दिनों तक चले इस प्रशिक्षण शिविर में जिले के विभिन्न गांव से चुने गए आजीविका महिला मंडल के 100 सदस्यों ने हिस्सा लिया और अचार, पापड़ और अगरबत्ती बनाने की बारीकियों को जाना.