कोडरमाः भले ही झारखंड में कोरोना संक्रमण की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ गई है. लेकिन राज्य सरकार द्वारा लागू की गई पाबंदियों का असर मूर्तिकारों के व्यवसाय पर व्यापक रूप से पड़ रहा है. पिछले 2 साल से देवी-देवताओं की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार प्रभावित हैं और इस बार भी सरस्वती पूजा मूर्तियों का व्यवसाय खासा प्रभावित होता दिख रहा है. मूर्तिकारों को यह उम्मीद थी इस बार उनकी बनाई मूर्तियों की अच्छी खासी बिक्री होगी लेकिन, तेजी से बढ़ते संक्रमण के कारण राज्य सरकार ने स्कूल कॉलेज समेत तमाम शिक्षण संस्थानों को बंद करने का आदेश दे दिया है. जो अभी तक बंद हैं. ऐसे में मूर्तिकारों को ऑर्डर नहीं मिल रहा है.
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जिले के डोमचांच प्रखंड के काली मंडा में मूर्तिकारों ने तकरीबन ढाई सौ मां सरस्वती की मूर्ति तैयार की है. जिनमें रंग भरने का काम तेजी से किया जा रहा है. मूर्तिकार नेम नारायण मेहता ने कहा कि संक्रमण के कारण 2 सालों से मूर्तियों का व्यवसाय प्रभावित है और उन लोगों के समक्ष आर्थिक संकट गहराने लगा है. मूर्तिकार की माने स्कूल-कॉलेज बंद होने के साथ-साथ चौक चौराहों और विभिन्न क्लबों में भी सरस्वती पूजा नहीं होने के कारण अभी तक गिनती के मूर्तियों के ही ऑर्डर मिले हैं.
चूंकि मां सरस्वती को विद्या की देवी कहा जाता है और विद्यार्थी उनकी विशेष रूप से आराधना करते हैं. स्कूलों में भी सरस्वती पूजा धूम-धाम से मनाया जाता है. ऐसे में मूर्तिकारों को उम्मीद है कि सरकार अगर शिक्षण संस्थानों को खोलने का आदेश देती है तो उनका रोजगार फिर से जोर पकड़ सकता है. इससे पहले दुर्गा पूजा में भी राज्य सरकार के द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अनुसार छोटी-छोटी मूर्तियों का निर्माण किया गया था, जिससे मूर्तिकारों का व्यवसाय प्रभावित हुआ था.