ETV Bharat / state

कोडरमा के केसरिया कलाकंद को अब मिलेगी नई पहचान, जीआई टैगिंग के साथ ही देश-विदेश में लोग ले सकेंगे इसका स्वाद

कोडरमा जिले के केसरिया कलाकंद को जीआई टैग मिलने वाला है. इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. जीआई टैगिंग मिलने से देश और दुनिया में केसरिया कलाकंद को नई पहचान मिलेगी. इसके साथ ही जिले में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.

GI tagging of Koderma Saffron Kalakand
GI tagging of Koderma Saffron Kalakand
author img

By

Published : Jun 17, 2023, 10:47 AM IST

देखें पूरी खबर

कोडरमा: जिले के केसरिया कलाकंद को अब एक नई पहचान मिलने वाली है. जीआई टैगिंग के साथ कोडरमा का कलाकंद एक ब्रांड के रूप में घोषित किया जाएगा. इसके बाद देश-विदेश तक लोग इसके स्वाद का आसानी से मजा ले सकेंगे.

यह भी पढ़ें: Sweets of Jharkhand: वर्ल्ड फेमस है झारखंड के इस शहर का कलाकंद, खिंचे चले आते हैं मिठाई के शौकीन

आपको बता दें कि ब्रिटिश काल के समय से ही कोडरमा में कलाकंद तैयार किया जा रहा है. यहां का केसरिया कलाकंद विश्व विख्यात है. ऐसे में जिला प्रशासन ने कोडरमा के विश्व विख्यात केसरिया कलाकंद को एक नई पहचान दिलाने के लिए कवायद तेज कर दी है. इस दिशा में कोडरमा के केसरिया कलाकंद के लिए जीआई टैगिंग की प्रक्रिया शुरू की जा रही है.

रोजगार के नए साधन होंगे विकसित: बताते चलें कि जीआई टैगिंग हो जाने से ना सिर्फ केसरिया कलाकंद को विश्व मानचित्र पर एक नई पहचान मिलेगी, बल्कि कोडरमा में इसके जरिए रोजगार के नए साधन भी विकसित होंगे. इस कलाकंद के जरिए कोडरमा की आर्थिक गतिविधियां भी एक बार फिर तेजी पकड़ेगी. इस संबंध में जिले के उपविकास आयुक्त ऋतुराज ने बताया कि कलाकंद में जीआई टैगिंग के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

कोडरमा में बनने वाले केसरिया कलाकंद की क्या खासियत है और कोडरमा में ही बनने वाला कलाकंद इतना स्वादिष्ट क्यूं होता है, इन सब विषयों पर शोध किया जा रहा है. डीडीसी ऋतुराज की अगुवाई में एक रिसर्च टीम लगातार इस विषय पर अध्ययन कर रही है और जीआई टैगिंग के मापदंडों को पूरा किया जा रहा है.

क्या है जीआई टैग?: जीआई टैग मिलने का मतलब होता है कि कोई प्रोडक्ट मुख्य रूप से एक निश्चित क्षेत्र की पहचान बन जाता है. GI का मतलब Geographical Indication होता है. मतलब कि भौगोलिक संकेत. जीआई टैग का सामान्य मतलब है कि कोई प्रोडक्ट कहां होता है, या कहां बनाया जाता है. अपने क्षेत्र में विशेष विशेषता रखने वाले प्रोडक्ट को ही जीआई टैग दिया जाता है.

देखें पूरी खबर

कोडरमा: जिले के केसरिया कलाकंद को अब एक नई पहचान मिलने वाली है. जीआई टैगिंग के साथ कोडरमा का कलाकंद एक ब्रांड के रूप में घोषित किया जाएगा. इसके बाद देश-विदेश तक लोग इसके स्वाद का आसानी से मजा ले सकेंगे.

यह भी पढ़ें: Sweets of Jharkhand: वर्ल्ड फेमस है झारखंड के इस शहर का कलाकंद, खिंचे चले आते हैं मिठाई के शौकीन

आपको बता दें कि ब्रिटिश काल के समय से ही कोडरमा में कलाकंद तैयार किया जा रहा है. यहां का केसरिया कलाकंद विश्व विख्यात है. ऐसे में जिला प्रशासन ने कोडरमा के विश्व विख्यात केसरिया कलाकंद को एक नई पहचान दिलाने के लिए कवायद तेज कर दी है. इस दिशा में कोडरमा के केसरिया कलाकंद के लिए जीआई टैगिंग की प्रक्रिया शुरू की जा रही है.

रोजगार के नए साधन होंगे विकसित: बताते चलें कि जीआई टैगिंग हो जाने से ना सिर्फ केसरिया कलाकंद को विश्व मानचित्र पर एक नई पहचान मिलेगी, बल्कि कोडरमा में इसके जरिए रोजगार के नए साधन भी विकसित होंगे. इस कलाकंद के जरिए कोडरमा की आर्थिक गतिविधियां भी एक बार फिर तेजी पकड़ेगी. इस संबंध में जिले के उपविकास आयुक्त ऋतुराज ने बताया कि कलाकंद में जीआई टैगिंग के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

कोडरमा में बनने वाले केसरिया कलाकंद की क्या खासियत है और कोडरमा में ही बनने वाला कलाकंद इतना स्वादिष्ट क्यूं होता है, इन सब विषयों पर शोध किया जा रहा है. डीडीसी ऋतुराज की अगुवाई में एक रिसर्च टीम लगातार इस विषय पर अध्ययन कर रही है और जीआई टैगिंग के मापदंडों को पूरा किया जा रहा है.

क्या है जीआई टैग?: जीआई टैग मिलने का मतलब होता है कि कोई प्रोडक्ट मुख्य रूप से एक निश्चित क्षेत्र की पहचान बन जाता है. GI का मतलब Geographical Indication होता है. मतलब कि भौगोलिक संकेत. जीआई टैग का सामान्य मतलब है कि कोई प्रोडक्ट कहां होता है, या कहां बनाया जाता है. अपने क्षेत्र में विशेष विशेषता रखने वाले प्रोडक्ट को ही जीआई टैग दिया जाता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.