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राइट टू एजुकेशन एक्ट 2019 के प्रथम संशोधन के खिलाफ, निजी स्कूल हो रहे हैं एकजुट

राइट टू एजुकेशन एक्ट 2019 के प्रथम संशोधन के बाद कई निजी स्कूल के बंद होने के आसार नजर आने लगे हैं. ऐसे में निजी स्कूलों ने एकजुट होना शुरू कर दिया है.

कोडरमा में निजी स्कूलों का सदस्यता सम्मान समारोह
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Published : Aug 31, 2019, 2:02 PM IST

कोडरमा: राइट टू एजुकेशन एक्ट 2019 के प्रथम संशोधन के बाद निजी स्कूल एकजुट होने लगे हैं. कोडरमा में सदस्यता सम्मान समारोह के बहाने निजी स्कूलों ने अपनी एकजुटता का परिचय देते हुए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कोडरमा के डोमचांच प्रखंड के फुलवरिया में कोडरमा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के बैनर तले 42 निजी विद्यालयों के संचालक एक मंच पर एकजुट नजर आए.

देखें पूरी खबर

क्या है मामला
बता दें कि राइट टू एजुकेशन एक्ट 2019 के प्रथम संशोधन में मान्यता नहीं मिलने वाले स्कूलों को बंद किए जाने का आदेश दिया गया है. जबकि मान्यता लेने के लिए जमीन संबंधी मानक, कमरा संबंधी मानक और अन्य बिंदुओं पर निजी स्कूलों को काम करने का निर्देश मिला है. लेकिन छोटे-छोटे निजी स्कूल इन अहर्ताओं को पूरा नहीं करते हैं ऐसे में इन स्कूलों पर ताला जड़ने का खतरा मंडरा रहा है.

यह भी पढ़ें- कोडरमा: स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं का किया जाएगा विस्तार, 8 स्कूलों का किया गया चयन

निजी स्कूल कर रहे हैं विरोध
सरकार के इस नियम पर निजी निजी स्कूल विरोध कर रहे हैं. इसी क्रम में इन्होंने कोडरमा में सदस्यता सम्मान समारोह का आयोजन किया इस कार्यक्रम में शिक्षाविद् सुखदेव प्रसाद सिंह ने कहा की संघ में ही शक्ति होती है. इसलिए सभी को एकजुट हो कर सरकार के सामने अपनी बातें रखनी चाहिए. कोडरमा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष विवेक इंद्रगुरु ने बताया कि फिलहाल सदस्यता सम्मान समारोह में 42 स्कूलों के संचालकों ने हिस्सा लिया है. इनका कहना है कि ये सरकार के नए नियम का विरोध करेंगे और सरकार से इस बारे में बात करेंगे.

कोडरमा: राइट टू एजुकेशन एक्ट 2019 के प्रथम संशोधन के बाद निजी स्कूल एकजुट होने लगे हैं. कोडरमा में सदस्यता सम्मान समारोह के बहाने निजी स्कूलों ने अपनी एकजुटता का परिचय देते हुए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कोडरमा के डोमचांच प्रखंड के फुलवरिया में कोडरमा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के बैनर तले 42 निजी विद्यालयों के संचालक एक मंच पर एकजुट नजर आए.

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क्या है मामला
बता दें कि राइट टू एजुकेशन एक्ट 2019 के प्रथम संशोधन में मान्यता नहीं मिलने वाले स्कूलों को बंद किए जाने का आदेश दिया गया है. जबकि मान्यता लेने के लिए जमीन संबंधी मानक, कमरा संबंधी मानक और अन्य बिंदुओं पर निजी स्कूलों को काम करने का निर्देश मिला है. लेकिन छोटे-छोटे निजी स्कूल इन अहर्ताओं को पूरा नहीं करते हैं ऐसे में इन स्कूलों पर ताला जड़ने का खतरा मंडरा रहा है.

यह भी पढ़ें- कोडरमा: स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं का किया जाएगा विस्तार, 8 स्कूलों का किया गया चयन

निजी स्कूल कर रहे हैं विरोध
सरकार के इस नियम पर निजी निजी स्कूल विरोध कर रहे हैं. इसी क्रम में इन्होंने कोडरमा में सदस्यता सम्मान समारोह का आयोजन किया इस कार्यक्रम में शिक्षाविद् सुखदेव प्रसाद सिंह ने कहा की संघ में ही शक्ति होती है. इसलिए सभी को एकजुट हो कर सरकार के सामने अपनी बातें रखनी चाहिए. कोडरमा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष विवेक इंद्रगुरु ने बताया कि फिलहाल सदस्यता सम्मान समारोह में 42 स्कूलों के संचालकों ने हिस्सा लिया है. इनका कहना है कि ये सरकार के नए नियम का विरोध करेंगे और सरकार से इस बारे में बात करेंगे.

Intro:राइट टू एजुकेशन एक्ट 2019 के प्रथम संशोधन के बाद निजी स्कूल एकजुट होने लगे हैं। कोडरमा में सदस्यता सम्मान समारोह के बहाने निजी स्कूलों ने अपनी एकजुटता का परिचय देते हुए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कोडरमा के डोमचांच प्रखंड के फुलवरिया में कोडरमा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के बैनर तले 44 निजी विद्यालयों के संचालक एक मंच पर एकजुट नजर आए। Body:सदस्यता सम्मान समारोह के बहाने ही सही एक बैनर तले 44 निजी स्कूल एकजुट नजर आए। इस मौके पर शिक्षाविद सुखदेव प्रसाद सिंह ने कहा की संघ में ही शक्ति होती है और जब तक एकजुट नहीं होंगे सरकार से अपनी बातें नहीं मनवाई जा सकती है। वही कोडरमा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष विवेक इंद्रगुरु ने बताया फिलहाल सदस्यता सम्मान समारोह में 44 स्कूलों के संचालकों ने हिस्सा लिया है और मकसद यही है कि एकजुट रहकर एक-दूसरे के सम्मान को बनाए रखें।
बाइट :- सुखदेव सिंह, शिक्षाविद
बाइट :- विवेक इंद्रगुरु, अध्यक्ष, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशनConclusion:गौरतलब है कि राइट टू एजुकेशन एक्ट 2019 के प्रथम संशोधन में मान्यता नहीं मिलने वाले स्कूलों को बंद किए जाने का आदेश दिया गया है। जबकि मान्यता देने के लिए जमीन संबंधी मानक, कमरा संबंधी मानक एवं अन्य बिंदुओं पर निजी स्कूलों को काम करने का निर्देश मिला है, लेकिन छोटे-छोटे निजी स्कूल इन अहर्ताओं को पूरा नहीं करते हैं ऐसे में इन स्कूलों के बंद होने का खतरा मंडराने लगा है।
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