कोडरमा: कोरोना महामारी को लेकर सभी स्कूल पूरी तरह से बंद हैं. स्कूलों के बंद होने की वजह से जहां छात्रों का भविष्य अंधकार में दिख रहा है. वहीं प्राइवेट स्कूल संचालकों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. स्कूल बंद होने की वजह से प्राइवेट स्कूल के शिक्षकों को वेतन नहीं मिल पा रहा है. वहीं प्राइवेट स्कूल संचालकों को स्कूल भवन का भारी-भरकम रेंट भी चुकाना पड़ रहा है. प्राइवेट स्कूल संचालकों ने सरकार से जल्द से जल्द स्कूल खोलने की मांग की है.
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स्कूल बंद होने से बच्चों में अनुशासनहीनता
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष बीएमपी वर्णवाल ने कहा कि स्कूल बंद होने से बच्चों में अनुशासनहीनता आ रही है. 10 महीने से बच्चे स्कूल नहीं आ पा रहे हैं. बच्चों का पठन-पाठन पूरी तरह से बंद है. जिससे बच्चों का भविष्य अंधकार में दिख रहा है. उन्होंने कहा कि बच्चों का भविष्य देखते हुए सरकार अविलंब स्कूल खोलने की इजाजत दें. अगर सरकार 2 जनवरी तक स्कूल खोलने की इजाजत नहीं देती तो 2 जनवरी के बाद पूरे झारखंड में राज्यव्यापी आंदोलन होगा. रांची में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा.
वहीं प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के राज्य सचिव तौफीक हुसैन ने प्राइवेट स्कूलों का दर्द बयां करते हुए कहा कि स्कूल बंद होने की वजह से प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों की आर्थिक स्थिति बदतर होती जा रही है. प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों को परिवार चलाना दूभर हो गया हैं.