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कोडरमा में आवारा कुत्तों का आतंक, नगर निकाय के पास आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए नहीं हैं कोई व्यवस्था

कोडरमा में इन दिनों आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ गया है. जिससे लोगों को भय के साये में जिना पड़ रहा. यही नहीं कुत्तों के सड़कों पर रहने से आए दिए सड़क दुर्घटानएं हो रही है, लेकिन नगर निकाय के पास आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए कोई व्यवस्था नहीं हैं. हालांकि सदर अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन भारी मात्रा में उपलब्ध कराया गया है और यहां आने वाले सभी लोगों को एंटी रेबीज वैक्सीन उपलब्ध भी कराया जा रहा है.

People upset with dogs in Koderma
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Published : Jul 14, 2020, 9:10 PM IST

कोडरमाः जिले में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा हैं. आवारा कुत्तों के डर से सड़कों पर राहगीरों को चलने में डर लग रहा है, वहीं विभाग के पास आवारा कुत्तों पर लगाम लगाने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं है.

देखें स्पेशल स्टोरी
कोडरमा जिले के शहरी क्षेत्रों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक इन दिनों आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ रहा है. सड़कों पर घूमने वाले आवारा कुत्तों के डर से राहगीरों का सड़कों पर चलना भी मुश्किल हो गया है. जहां एक तरफ बारिश के कारण जिले में बिजली व्यवस्था चरमराई हुई है, वहीं अंधेरे में कुत्तों के डर से लोगों में खौफ ज्यादा है. वहीं आवारा कुत्तों के सड़कों पर रहने से सड़क दुर्घटनाओं में काफी इजाफा हुआ है. गली मोहल्ले में आलम यह है कि हर तरफ कुत्तों का झुंड नजर आ रहा है और इससे बचने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय भी करते नजर आ रहे हैं. कहीं नील की बोतल तो कहीं अलग-अलग उपाय कर लोग कुत्तों से खुद को महफूज करने में जुटे हैं.

ये भी पढ़ें- देवघर: कोरोना काल में छलका होटल व्यापारियों का दर्द, प्रशासन से लगाई मदद की गुहार

वहीं, दूसरी तरफ आवारा कुत्तों से लोगों को सुरक्षित करने के लिए नगर निकाय के पास कोई ठोस रणनीति नहीं है. नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी जितेंद्र कुमार जैसल की मानें तो विभाग के पास फिलहाल न तो कोई फंड उपलब्ध है न ही आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए कोई विशेषज्ञ. जिले के मरकच्चो प्रखंड और जयनगर प्रखंड में हाल के दिनों में आवारा कुत्तों ने कई लोगों को अपना शिकार भी बनाया है. हालांकि सदर अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन भारी मात्रा में उपलब्ध है और यहां आने वाले सभी लोगों को एंटी रेबीज वैक्सीन उपलब्ध भी कराया जा रहा है. लॉकडाउन के कारण कुत्तों के भोजन पर भी आफत आन पड़ी है. ऐसे में भूखे-प्यासे आवारा कुत्ते इंसानी जिंदगी के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं.

कोडरमाः जिले में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा हैं. आवारा कुत्तों के डर से सड़कों पर राहगीरों को चलने में डर लग रहा है, वहीं विभाग के पास आवारा कुत्तों पर लगाम लगाने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं है.

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कोडरमा जिले के शहरी क्षेत्रों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक इन दिनों आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ रहा है. सड़कों पर घूमने वाले आवारा कुत्तों के डर से राहगीरों का सड़कों पर चलना भी मुश्किल हो गया है. जहां एक तरफ बारिश के कारण जिले में बिजली व्यवस्था चरमराई हुई है, वहीं अंधेरे में कुत्तों के डर से लोगों में खौफ ज्यादा है. वहीं आवारा कुत्तों के सड़कों पर रहने से सड़क दुर्घटनाओं में काफी इजाफा हुआ है. गली मोहल्ले में आलम यह है कि हर तरफ कुत्तों का झुंड नजर आ रहा है और इससे बचने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय भी करते नजर आ रहे हैं. कहीं नील की बोतल तो कहीं अलग-अलग उपाय कर लोग कुत्तों से खुद को महफूज करने में जुटे हैं.

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वहीं, दूसरी तरफ आवारा कुत्तों से लोगों को सुरक्षित करने के लिए नगर निकाय के पास कोई ठोस रणनीति नहीं है. नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी जितेंद्र कुमार जैसल की मानें तो विभाग के पास फिलहाल न तो कोई फंड उपलब्ध है न ही आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए कोई विशेषज्ञ. जिले के मरकच्चो प्रखंड और जयनगर प्रखंड में हाल के दिनों में आवारा कुत्तों ने कई लोगों को अपना शिकार भी बनाया है. हालांकि सदर अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन भारी मात्रा में उपलब्ध है और यहां आने वाले सभी लोगों को एंटी रेबीज वैक्सीन उपलब्ध भी कराया जा रहा है. लॉकडाउन के कारण कुत्तों के भोजन पर भी आफत आन पड़ी है. ऐसे में भूखे-प्यासे आवारा कुत्ते इंसानी जिंदगी के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं.

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