कोडरमा: झारखंड सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण के साथ-साथ बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके इसके लिए सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री नर्सरी स्कूल के रूप में तब्दील करने की तैयारी में है. जिले में लोचनपुर मॉडर्न आंगनबाड़ी केंद्र को प्री नर्सरी स्कूल के रूप में तब्दील किया गया है. यह प्री नर्सरी स्कूल निजी प्ले स्कूलों को कड़ी टक्कर दे रहा है. स्कूल में बेहतर पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों के खेलने की अच्छी व्यवस्था की गई है.
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कोडरमा के लोचनपुर आंगनबाड़ी केंद्र को जिले का पहला मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र यानी प्री नर्सरी स्कूल के रूप में तब्दील किया गया है. जहां तमाम बच्चों के लिए सभी सुविधाएं मौजूद हैं. निजी स्कूलों की तर्ज पर ही इस स्कूल में सारी व्यवस्थाएं की गई है. स्कूल को बेहतर तरीके से सजाया गया है. दीवारों पर बच्चों के ज्ञानेंद्रियों के विकास से लेकर वर्णमाला की तस्वीरें बनाई गई है. यह सब देख बच्चे आसानी से बोलना और पढ़ना सीख रहे हैं. यह स्कूल अभिभावकों को खूब भा रहा है. जिसके कारण स्कूल में बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है. लोचनपुर प्री नर्सरी स्कूल में फिलहाल 40 बच्चे पढ़ाई करे हैं.
आंगनबाड़ी केंद्रों की बदलेगी तस्वीर
मॉडल आंगनबाड़ी प्री नर्सरी स्कूल के रूप में आंगनबाड़ी केंद्र को तब्दील करने के पीछे सरकार का मकसद सिर्फ भवन का जीर्णोद्धार करना नहीं है, बल्कि अब तक पोषाहार केंद्र के रूप में जाने जाना वाला आंगनबाड़ी केंद्रों की तकदीर और तस्वीर बदलने की है. इन आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को पोषाहार के साथ-साथ शिक्षा का आहार भी समान रूप से मिलेगा.
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नई शिक्षा नीति के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों के रूपरेखा में बदलाव
नई शिक्षा नीति के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों के रूपरेखा में व्यापक बदलाव करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. जिसकी शुरुआत कोडरमा में हो चुकी है. जिला प्रशासन ने सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल प्री नर्सरी स्कूल बनाने की शुरुआत कर दी है. इन स्कूलों में बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए सेविका और सहायिका को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. सेविका और सहायिका के प्रशिक्षित होने के बाद राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री नर्सरी स्कूल के रूप में तब्दील कर दिया जाएगा. जहां बच्चों को पोषाहार के साथ-साथ पढ़ाई और खोलने की सुविधा दी जाएगी. आने वाले समय में ये स्कूल निजी स्कूलों को हर मामले में टक्कर देने में सक्षम होगा.