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कश्मीर से कन्याकुमारी तक चलेगी इन बुजुर्ग दंपति की BULLET, पूरे देश में घूमकर दे रहे ये खास संदेश

बाइक राइडर मोहनलाल चौहान और उनकी पत्नी लीला बेन गुजरात के बड़ौदा जिले के रहने वाले हैं. 10 फरवरी से यह बुजुर्ग दंपति कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत भ्रमण पर निकले हैं. 1974 मॉडल की बुलेट से मोहनलाल चौहान अबतक 16000 किलोमीटर का सफर तय कर चुके हैं. मोहनलाल चौहान की पत्नी लीला बेन का कहना है कि अगर जज्बा और जुनून हो तो उम्र कोई मायने नहीं रखती. लीला बेन की मानें तो भारत भ्रमण की यात्रा के दौरान उन्हें भारत की अलग-अलग सभ्यता और संस्कृति से जुड़े लोगों से मिलने का मौका मिल रहा है.

भारत भ्रमण पर निकले बुजुर्ग दंपति
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Published : Apr 13, 2019, 1:42 PM IST

Updated : Apr 13, 2019, 3:25 PM IST

कोडरामा: उम्र के जिस पड़ाव पर लोगों के हौसलों के साथ ही उनके घुटने जवाब देने लगते हैं. उस उम्र में एक बुजुर्ग दंपति पानी बचाओ वृक्ष लगाओ और सामाजिक सद्भाव का संदेश लेकर भारत भ्रमण पर निकला है. मोटरसाइकिल पर निकले बुजुर्ग दंपति शनिवार को कोडरमा पहुंचे.

भारत भ्रमण पर निकले बुजुर्ग दंपति

बाइक राइडर मोहनलाल चौहान और उनकी पत्नी लीला बेन गुजरात के बड़ौदा जिले के रहने वाले हैं. 10 फरवरी से यह बुजुर्ग दंपति कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत भ्रमण पर निकले हैं. 1974 मॉडल की बुलेट से मोहनलाल चौहान अबतक 16000 किलोमीटर का सफर तय कर चुके हैं. मोहनलाल चौहान की पत्नी लीला बेन का कहना है कि अगर जज्बा और जुनून हो तो उम्र कोई मायने नहीं रखती. लीला बेन की मानें तो भारत भ्रमण की यात्रा के दौरान उन्हें भारत की अलग-अलग सभ्यता और संस्कृति से जुड़े लोगों से मिलने का मौका मिल रहा है.

वो जहां भी जाती है लोगों से सामाजिक सद्भाव के साथ ही वृक्ष लगाओ और पानी बचाओ का संदेश देना नहीं भूलती. इधर, बाइक राइडर मोहन लाल मूल रूप से गुजरात के रहने वाले हैं और ओएनजीसी में नौकरी भी कर चुके हैं, लेकिन 5 साल पहले मोहनलाल चौहान को हुए हार्ट अटैक के बाद उन्होंने अपनी जिंदगी में बदलाव लाने का फैसला किया.

इस दौरान नौकरी छोड़कर मोहनलाल ने साड़ी बनाने का व्यवसाय शुरू किया और उनके इस व्यवसाय में हर जाति और समुदाय के लोग काम करते थे. वहीं, पर मोहनलाल चौहान को सामाजिक सद्भावना की प्रेरणा मिली. मोहनलाल चौहान बताते हैं कि आज राजनेता धर्म और जाति के नाम पर लोगों को आपस में बांटने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन हमें सोचना चाहिए कि हमें किसके साथ कैसे मिल कर रहना है.

कोडरामा: उम्र के जिस पड़ाव पर लोगों के हौसलों के साथ ही उनके घुटने जवाब देने लगते हैं. उस उम्र में एक बुजुर्ग दंपति पानी बचाओ वृक्ष लगाओ और सामाजिक सद्भाव का संदेश लेकर भारत भ्रमण पर निकला है. मोटरसाइकिल पर निकले बुजुर्ग दंपति शनिवार को कोडरमा पहुंचे.

भारत भ्रमण पर निकले बुजुर्ग दंपति

बाइक राइडर मोहनलाल चौहान और उनकी पत्नी लीला बेन गुजरात के बड़ौदा जिले के रहने वाले हैं. 10 फरवरी से यह बुजुर्ग दंपति कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत भ्रमण पर निकले हैं. 1974 मॉडल की बुलेट से मोहनलाल चौहान अबतक 16000 किलोमीटर का सफर तय कर चुके हैं. मोहनलाल चौहान की पत्नी लीला बेन का कहना है कि अगर जज्बा और जुनून हो तो उम्र कोई मायने नहीं रखती. लीला बेन की मानें तो भारत भ्रमण की यात्रा के दौरान उन्हें भारत की अलग-अलग सभ्यता और संस्कृति से जुड़े लोगों से मिलने का मौका मिल रहा है.

वो जहां भी जाती है लोगों से सामाजिक सद्भाव के साथ ही वृक्ष लगाओ और पानी बचाओ का संदेश देना नहीं भूलती. इधर, बाइक राइडर मोहन लाल मूल रूप से गुजरात के रहने वाले हैं और ओएनजीसी में नौकरी भी कर चुके हैं, लेकिन 5 साल पहले मोहनलाल चौहान को हुए हार्ट अटैक के बाद उन्होंने अपनी जिंदगी में बदलाव लाने का फैसला किया.

इस दौरान नौकरी छोड़कर मोहनलाल ने साड़ी बनाने का व्यवसाय शुरू किया और उनके इस व्यवसाय में हर जाति और समुदाय के लोग काम करते थे. वहीं, पर मोहनलाल चौहान को सामाजिक सद्भावना की प्रेरणा मिली. मोहनलाल चौहान बताते हैं कि आज राजनेता धर्म और जाति के नाम पर लोगों को आपस में बांटने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन हमें सोचना चाहिए कि हमें किसके साथ कैसे मिल कर रहना है.

Intro:उम्र के जिस पड़ाव पर लोगों के हौसलों के साथ-साथ उनके घुटने जवाब देने लगते हैं उस उम्र में एक बुजुर्ग दंपत्ति पानी बचाओ वृक्ष लगाओ और सामाजिक सदभाव का संदेश लेकर भारत भ्रमण पर निकला है । मोटरसाइकिल पर निकला या बुजुर्ग दंपत्ति आज कोडरमा पहुंचा ,यह बुजुर्ग दंपति कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत भ्रमण पर निकला हैं ।


Body:हाथों पर पड़ी झुर्रियां सफेद बाल इससे आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि इस बुजुर्ग दंपत्ति की उम्र क्या होगी फिर भी हम आपको बता रहे हैं कि इस बुजुर्ग दंपत्ति की उम्र 74 साल है । बाइक राइडर मोहनलाल चौहान और उनकी पत्नी लीला बेन गुजरात के बड़ौदा जिले के रहने वाले हैं , 10 फरवरी से यह बुजुर्ग दंपत्ति कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत भ्रमण पर निकला है । 1974 मॉडल की बाइक से मोहनलाल चौहान अब तक 16000 किलोमीटर का सफर तय कर चुके हैं , मोहनलाल चौहान की पत्नी लीला बेन बताती है कि अगर जज्बा और जुनून हो तो उम्र कोई मायने नहीं रखती ,लीला बेन की मानें तो भारत भ्रमण की यात्रा के दौरान उन्हें भारत की अलग अलग सभ्यता और संस्कृति से जुड़े लोगों से मिलने का मौका मिल रहा है और वे जहां भी जाती है लोगों से सामाजिक सद्भाव के साथ साथ वृक्ष लगाओ और पानी बचाओ का संदेश देना नहीं भूलती , इधर बाइक राइडर मोहन लाल मूल रूप से गुजरात के रहने वाले हैं और ओएनजीसी में नौकरी भी कर चुके हैं लेकिन 5 साल पहले मोहनलाल चौहान को हुए हार्ड अटैक के बाद उन्होंने अपनी जिंदगी में बदलाव लाने का फैसला किया इस दौरान नौकरी छोड़ मोहनलाल ने साड़ी बनाने का व्यवसाय शुरू किया और उनके इस व्यवसाय में हर जाति और समुदाय के लोग हुआ करते थे वहीं पर मोहनलाल चौहान को सामाजिक सद्भावना की प्रेरणा मिली । मोहनलाल चौहान बताते हैं कि आज नेता और राजनेता धर्म और जाति के नाम पर लोगों को आपस में बांटने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन हमें सोचना चाहिए कि हमें किसके साथ कैसे मिल कर रहना है ।


Conclusion:गर्मी का मौसम आ गया है ऐसे में मोहनलाल जहां भी जाते हैं लोगों को पानी बचाने का संकल्प जरूर दिलाते हैं और इसके साथ ही वृक्ष लगाने और एक दूसरे के साथ सामाजिक सद्भावना का संदेश देते हैं और एक दूसरे के साथ साथ मिल जुल कर रहने की अपील करते हैं , यह बुजुर्ग दंपत्ति जब से भारत भ्रमण के लिए निकला है तब से हर रोज तकरीबन 250 से 300 किलोमीटर तक की बाइक से दूरी तय करता है भारत भ्रमण पर निकले या दंपत्ति अब तक देश के कई प्रदेशों का भ्रमण कर चुका है मोहनलाल चौहान और उसकी पत्नी लीला बेन उम्र के इस पड़ाव में लोगों को सामाजिक सदभाव का संदेश देने का बीड़ा उठाया है , मोहन लाल चौहान और उसकी पत्नी लीला बेन की इस जज्बे को देख देश के युवाओं को भी सोचने पर मजबूर कर देगा ऐसे में इस बुजुर्ग दंपति के इस प्रयास को और उनके जज्बे को हम भी सलाम करते हैं ।
Last Updated : Apr 13, 2019, 3:25 PM IST
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