कोडरामा: उम्र के जिस पड़ाव पर लोगों के हौसलों के साथ ही उनके घुटने जवाब देने लगते हैं. उस उम्र में एक बुजुर्ग दंपति पानी बचाओ वृक्ष लगाओ और सामाजिक सद्भाव का संदेश लेकर भारत भ्रमण पर निकला है. मोटरसाइकिल पर निकले बुजुर्ग दंपति शनिवार को कोडरमा पहुंचे.
बाइक राइडर मोहनलाल चौहान और उनकी पत्नी लीला बेन गुजरात के बड़ौदा जिले के रहने वाले हैं. 10 फरवरी से यह बुजुर्ग दंपति कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत भ्रमण पर निकले हैं. 1974 मॉडल की बुलेट से मोहनलाल चौहान अबतक 16000 किलोमीटर का सफर तय कर चुके हैं. मोहनलाल चौहान की पत्नी लीला बेन का कहना है कि अगर जज्बा और जुनून हो तो उम्र कोई मायने नहीं रखती. लीला बेन की मानें तो भारत भ्रमण की यात्रा के दौरान उन्हें भारत की अलग-अलग सभ्यता और संस्कृति से जुड़े लोगों से मिलने का मौका मिल रहा है.
वो जहां भी जाती है लोगों से सामाजिक सद्भाव के साथ ही वृक्ष लगाओ और पानी बचाओ का संदेश देना नहीं भूलती. इधर, बाइक राइडर मोहन लाल मूल रूप से गुजरात के रहने वाले हैं और ओएनजीसी में नौकरी भी कर चुके हैं, लेकिन 5 साल पहले मोहनलाल चौहान को हुए हार्ट अटैक के बाद उन्होंने अपनी जिंदगी में बदलाव लाने का फैसला किया.
इस दौरान नौकरी छोड़कर मोहनलाल ने साड़ी बनाने का व्यवसाय शुरू किया और उनके इस व्यवसाय में हर जाति और समुदाय के लोग काम करते थे. वहीं, पर मोहनलाल चौहान को सामाजिक सद्भावना की प्रेरणा मिली. मोहनलाल चौहान बताते हैं कि आज राजनेता धर्म और जाति के नाम पर लोगों को आपस में बांटने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन हमें सोचना चाहिए कि हमें किसके साथ कैसे मिल कर रहना है.