कोडरमा: जिला के झुमरी तिलैया स्थित झरना कुंड धाम में आने वाले श्रद्धालुओं को इन दिनों पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है. शिवलिंग पर जलार्पण के लिए श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में स्थित एकमात्र हैंडपंप पर निर्भर रहना पड़ रहा है. जबकि मंदिर से होकर गुजरने वाली जलधारा सुखी पड़ी है.
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ऐतिहासिक झरना कुंड धाम में वर्षों पुराने बाबा भोलेनाथ का पत्थर रुपी शिवलिंग यहां स्थापित है. करीब 100 साल से लोग यहां पूजा करते आ रहे हैं. पवित्र श्रावण मास में यहां श्रद्धालुओं की काफी भीड़ होती है. इस वर्ष सावन में यहां पहुंचने वाले भक्तों को पानी ना होने के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस मंदिर के बाहर से गुजरने वाली नदी सूखी पड़ी है. वहीं कुएं का पानी भी पाताल में चले जाने के कारण सिर्फ एक चापानल के जरिए भक्तों को गुजारा करना पड़ रहा है. सुबह से ही भक्त यहां बाबा भोले का जलाभिषेक करने के लिए पहुंच रहे हैं. लेकिन पानी की कमी के कारण उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ रही है.
झरना कुंड धाम के मुख्य पुजारी ने बताया कि यहां सावन के महीने में भक्त बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक के लिए पहुंचते हैं. लेकिन इस बार भक्तों को पानी के लिए खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. वहीं मंदिर के अध्यक्ष प्रवीण यादव ने बताया कि पिछली बार भी पानी की दिक्कत हुई थी लेकिन इस बार परेशानी ज्यादा बढ़ गई है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मदद से पानी की समस्या दूर करने के लिए जल्द ही एक डीप बोरिंग कराने की व्यवस्था की जा रही है. बता दें कि कोडरमा जिले में बारिश नहीं होने के कारण नदी, तालाब और कुएं सूख चुके हैं. जबकि साल के 365 दिन झरनाकुंड धाम के बाहर उत्तरवाहिनी नदी की जलधारा का प्रवाह बना रहता था. लेकिन इस बार ये नदी भी सूख गयी है.