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कार्तिक अमावस्या के दिन पूरी रात खुला रहा मां छिन्नमस्तिका मंदिर का पट, उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

देश के प्रसिद्ध सिद्धपीठ स्थल मां छिन्नमस्तिका मंदिर का दरबार कार्तिक अमावस्या की रातभर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया.

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मां छिन्नमस्तिका मंदिर (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 1, 2024, 7:48 AM IST

रामगढ़: जिले के रजरप्पा में स्थित देश के प्रसिद्ध सिद्धपीठ स्थल मां छिन्नमस्तिका मंदिर का दरबार कार्तिक अमावस्या (दीपावली) की पूरी रात भक्तों के लिए खुला रहा. इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन किए. मां छिन्नमस्तिका मंदिर को दीपावली व काली पूजा को लेकर रंग बिरंगे लाइटों व फूल से सजाया गया, जो भक्तों को काफी आकर्षित कर रहा था. यहां देश भर से तांत्रिक व साधक भी मां छिन्नमस्तिका के दरबार में पहुंचते हैं. मंदिर प्रक्षेत्र में रातभर भजन कीर्तन और हवन कुंड में दहकती आग की लपटें आलौकिक शक्ति का एहसास कराती है. कई साधक गुप्त रूप से ध्यान साधना के लिए जंगलों में लीन रहते हैं.

संवाददाता राजेश कुमार की रिपोर्ट (ETV BHARAT)

बता दें कि तंत्र सिद्धि को लेकर कामाख्या के बाद मां छिन्नमस्तिके का ही स्थान आता है. इसलिए मां की साधना व आराधना करने के लिए साधक और भक्त यहां अमावस्या के दिन विशेष तौर पर आते हैं. ऐसी मान्यता है कि कार्तिक अमावस्या को छिन्नमस्तिका की पावन धरती में साधना और सिद्धि के लिए दिव्य शक्ति मिलती है. सच्चे मन से साधना करने से माता का दिव्य रूप का दर्शन होता है और साधकों को शक्ति की भी प्राप्ति होती है.

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मां का दर्शन करने पहुंचे भक्त (ETV BHARAT)

मंदिर के वरिष्ठ पुजारी सुबोध पंडा ने बताया कि सिद्धपीठ रजरप्पा स्थित छिन्नमस्तिका मंदिर तंत्र मंत्र की साधना और सिद्धि के लिए महत्वपूर्ण है. इसलिए बड़े से बड़े तांत्रिक और साधक यहां पहुंचते हैं. कार्तिक अमावस्या के दिन जो भी भक्त माता से मांगते हैं, उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है. छिन्नमस्तिका मंदिर के वरिष्ठ पुजारी अजय पंडा ने बताया कि कार्तिक अमावस्या के दिन जो भी भक्त माता से मांगते है, माता उनकी मनोकामना जरूर पूरा करती है, ऐसी मान्यता है. एक साल में केवल आज के दिन ही मंदिर का पट रात भर खुला रहता है. आज के दिन का कुछ अलग महत्व है.

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हवन पूजा (ETV BHARAT)

दर्शन पूजा करने पंहुचे श्रद्धालु ने बताया कि हर साल आज के दिन माता का दर्शन करने आते हैं. काली पूजा (कार्तिक अमावस्या) की रात को, भक्त मंदिर परिसर में सभी 13 हवन कुंडों में मंत्रों का जाप, हवन, भजन और भजन कर देवी की पूजा हुई. मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो, इसके लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. रात भर यहां न केवल झारखंड बल्कि प. बंगाल, ओडिशा, बिहार और उत्तर प्रदेश से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु देवी मां के दर्शन के लिए पहुंचे.

ये भी पढ़ें: रजरप्पा मंदिर में भक्तों की उमड़ी भारी भीड़, लंबी कतार में भक्त कर रहे दर्शन का इंतजार

ये भी पढ़ें: मां छिन्नमस्तिका मंदिर में धूमधाम से मनाई जा रही महानवमी, विशेष पूजा के बाद भक्तों के लिए खोले गए पट

रामगढ़: जिले के रजरप्पा में स्थित देश के प्रसिद्ध सिद्धपीठ स्थल मां छिन्नमस्तिका मंदिर का दरबार कार्तिक अमावस्या (दीपावली) की पूरी रात भक्तों के लिए खुला रहा. इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन किए. मां छिन्नमस्तिका मंदिर को दीपावली व काली पूजा को लेकर रंग बिरंगे लाइटों व फूल से सजाया गया, जो भक्तों को काफी आकर्षित कर रहा था. यहां देश भर से तांत्रिक व साधक भी मां छिन्नमस्तिका के दरबार में पहुंचते हैं. मंदिर प्रक्षेत्र में रातभर भजन कीर्तन और हवन कुंड में दहकती आग की लपटें आलौकिक शक्ति का एहसास कराती है. कई साधक गुप्त रूप से ध्यान साधना के लिए जंगलों में लीन रहते हैं.

संवाददाता राजेश कुमार की रिपोर्ट (ETV BHARAT)

बता दें कि तंत्र सिद्धि को लेकर कामाख्या के बाद मां छिन्नमस्तिके का ही स्थान आता है. इसलिए मां की साधना व आराधना करने के लिए साधक और भक्त यहां अमावस्या के दिन विशेष तौर पर आते हैं. ऐसी मान्यता है कि कार्तिक अमावस्या को छिन्नमस्तिका की पावन धरती में साधना और सिद्धि के लिए दिव्य शक्ति मिलती है. सच्चे मन से साधना करने से माता का दिव्य रूप का दर्शन होता है और साधकों को शक्ति की भी प्राप्ति होती है.

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मां का दर्शन करने पहुंचे भक्त (ETV BHARAT)

मंदिर के वरिष्ठ पुजारी सुबोध पंडा ने बताया कि सिद्धपीठ रजरप्पा स्थित छिन्नमस्तिका मंदिर तंत्र मंत्र की साधना और सिद्धि के लिए महत्वपूर्ण है. इसलिए बड़े से बड़े तांत्रिक और साधक यहां पहुंचते हैं. कार्तिक अमावस्या के दिन जो भी भक्त माता से मांगते हैं, उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है. छिन्नमस्तिका मंदिर के वरिष्ठ पुजारी अजय पंडा ने बताया कि कार्तिक अमावस्या के दिन जो भी भक्त माता से मांगते है, माता उनकी मनोकामना जरूर पूरा करती है, ऐसी मान्यता है. एक साल में केवल आज के दिन ही मंदिर का पट रात भर खुला रहता है. आज के दिन का कुछ अलग महत्व है.

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हवन पूजा (ETV BHARAT)

दर्शन पूजा करने पंहुचे श्रद्धालु ने बताया कि हर साल आज के दिन माता का दर्शन करने आते हैं. काली पूजा (कार्तिक अमावस्या) की रात को, भक्त मंदिर परिसर में सभी 13 हवन कुंडों में मंत्रों का जाप, हवन, भजन और भजन कर देवी की पूजा हुई. मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो, इसके लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. रात भर यहां न केवल झारखंड बल्कि प. बंगाल, ओडिशा, बिहार और उत्तर प्रदेश से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु देवी मां के दर्शन के लिए पहुंचे.

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