ETV Bharat / state

कोडरमा: बिरहोर की मौत के 24 घंटे बाद पहुंची मदद, DC ने कहा चुनाव के कारण हुई देरी - झारखंड खबर

कोडरमा के मरियमपुर में एक बिरहोर की लू लगने से मौत हो गई. इसकी मौत के 24 घंटे बाद इसकी अंतिम संस्कार के लिए सरकार की तरफ से मदद मिली. मामले में डीसी का कहना है कि चुनाव के कारण इतनी देरी हुई है.

अंतिम संस्कार के लिए शव ले जाते परिजन
author img

By

Published : May 5, 2019, 11:12 AM IST

Updated : May 5, 2019, 1:37 PM IST

कोडरमा: जिले के मरियमपुर बिरहोर टोला में लू लगने से एक बिरहोर की मौत के बाद अंतिम संस्कार के नाम पर जिला प्रशासन की संवेदनहीनता सामने आई है. बिरहोर की मौत के 24 घंटे बीतने के बाद अंतिम संस्कार के लिए सरकारी मदद पहुंचाया गया.

देखें वीडियो

आदिम जनजाति बिरहोरों को बचाने के लिए सरकार ढेरों योजनाएं चलाने का दावा करती है. लेकिन जिस तरह से कोडरमा में एक बिरहोर की मौत के 24 घंटे बाद उस तक सरकारी सहायता पहुंचाई गई उससे सरकारी दावों की पोल तो खुलती है. दरअसल शनिवार शाम 5 बजे कोडरमा के मरियमपुर बिरहोर टोला में रहने वाले कैलाश बिरहोर की लू लगने से मौत हो गई. आर्थिक अभाव के कारण उसके परिजन उसका अंतिम संस्कार नहीं कर सके और 24 घंटे तक सरकारी मदद के इंतजार में शव पड़ा रहा. बाद में स्थानीय पत्रकारों की पहल पर बिरहोर के परिवार को सरकारी मदद पहुंचाया गया और तब जाकर उसका अंतिम संस्कार हो पाया.

'अस्पताल में भी नहीं हुआ ठीक से इलाज'

जानकारी के अनुसार, 4 दिन पहले कमाने और अपने परिवार का गुजर बसर करने के लिए बाजार गए कैलाश बिरहोर को लू लग गई थी. जिसके बाद उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालांकि उसकी पत्नी का कहना है अस्पताल में उसका इलाज ठीक से नहीं किया गया जिससे उसकी मौत हो गई.

चुनाव के कारण हुई देरी

हालांकि, इस मामले में उपायुक्त का कहना है कि चुनावी मौसम है और ऐसे में जिला प्रशासन के अधिकारियों के पास भी वक्त की कमी है. यही कारण है कि कई बार सूचना मिलने के बाद भी बिरहोर के शव के अंतिम संस्कार के लिए 24 घंटे से ज्यादा का इंतजार करना पड़ा.

पत्नी और बच्चों पर रोजी रोटी की संकट
कैलाश बिरहोर अपने घर में इकलौता कमाने वाला था. उसकी मौत के बाद उसके चार छोटे बच्चों और पत्नी के सामने रोजी रोटी का भी संकट है. वहीं, स्थानीय महिला बताती है कि सरकार इनके लिए कई योजनाएं तो चलाती है लेकिन इन बिरहोरों तक पहुंच नहीं पाती.

कोडरमा: जिले के मरियमपुर बिरहोर टोला में लू लगने से एक बिरहोर की मौत के बाद अंतिम संस्कार के नाम पर जिला प्रशासन की संवेदनहीनता सामने आई है. बिरहोर की मौत के 24 घंटे बीतने के बाद अंतिम संस्कार के लिए सरकारी मदद पहुंचाया गया.

देखें वीडियो

आदिम जनजाति बिरहोरों को बचाने के लिए सरकार ढेरों योजनाएं चलाने का दावा करती है. लेकिन जिस तरह से कोडरमा में एक बिरहोर की मौत के 24 घंटे बाद उस तक सरकारी सहायता पहुंचाई गई उससे सरकारी दावों की पोल तो खुलती है. दरअसल शनिवार शाम 5 बजे कोडरमा के मरियमपुर बिरहोर टोला में रहने वाले कैलाश बिरहोर की लू लगने से मौत हो गई. आर्थिक अभाव के कारण उसके परिजन उसका अंतिम संस्कार नहीं कर सके और 24 घंटे तक सरकारी मदद के इंतजार में शव पड़ा रहा. बाद में स्थानीय पत्रकारों की पहल पर बिरहोर के परिवार को सरकारी मदद पहुंचाया गया और तब जाकर उसका अंतिम संस्कार हो पाया.

'अस्पताल में भी नहीं हुआ ठीक से इलाज'

जानकारी के अनुसार, 4 दिन पहले कमाने और अपने परिवार का गुजर बसर करने के लिए बाजार गए कैलाश बिरहोर को लू लग गई थी. जिसके बाद उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालांकि उसकी पत्नी का कहना है अस्पताल में उसका इलाज ठीक से नहीं किया गया जिससे उसकी मौत हो गई.

चुनाव के कारण हुई देरी

हालांकि, इस मामले में उपायुक्त का कहना है कि चुनावी मौसम है और ऐसे में जिला प्रशासन के अधिकारियों के पास भी वक्त की कमी है. यही कारण है कि कई बार सूचना मिलने के बाद भी बिरहोर के शव के अंतिम संस्कार के लिए 24 घंटे से ज्यादा का इंतजार करना पड़ा.

पत्नी और बच्चों पर रोजी रोटी की संकट
कैलाश बिरहोर अपने घर में इकलौता कमाने वाला था. उसकी मौत के बाद उसके चार छोटे बच्चों और पत्नी के सामने रोजी रोटी का भी संकट है. वहीं, स्थानीय महिला बताती है कि सरकार इनके लिए कई योजनाएं तो चलाती है लेकिन इन बिरहोरों तक पहुंच नहीं पाती.

Intro:Body:

कोडरमा: जिले के मरियमपुर बिरहोर टोला में लू लगने से एक बिरहोर की मौत के बाद अंतिम संस्कार के नाम पर जिला प्रशासन की संवेदनहीनता सामने आई है. बिरहोर की मौत के 24 घंटे बीतने के बाद अंतिम संस्कार के लिए सरकारी मदद पहुंचाया गया.



आदिम जनजाति बिरहोरों को बचाने के लिए सरकार ढेरों योजनाएं चलाने का दावा करती है. लेकिन जिस तरह से कोडरमा में एक बिरहोर की मौत के 24 घंटे बाद उस तक सरकारी सहायता पहुंचाई गई उससे सरकारी दावों की पोल तो खुलती है. दरअसल शनिवार शाम 5 बजे कोडरमा के मरियमपुर बिरहोर टोला में रहने वाले कैलाश बिरहोर की लू लगने से मौत हो गई. आर्थिक अभाव के कारण उसके परिजन उसका अंतिम संस्कार नहीं कर सके और 24 घंटे तक सरकारी मदद के इंतजार में शव पड़ा रहा. बाद में स्थानीय पत्रकारों की पहल पर बिरहोर के परिवार को सरकारी मदद पहुंचाया गया और तब जाकर उसका अंतिम संस्कार हो पाया.

जानकारी के अनुसार, 4 दिन पहले कमाने और अपने परिवार का गुजर बसर करने के लिए बाजार गए कैलाश बिरहोर को लू लग गई थी. जिसके बाद उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालांकि उसकी पत्नी का कहना है अस्पताल में उसका इलाज ठीक से नहीं किया गया जिससे उसकी मौत हो गई. 

हालांकि इस मामले में उपायुक्त का कहना है कि चुनावी मौसम है और ऐसे में जिला प्रशासन के अधिकारियों के पास भी वक्त की कमी है. यही कारण है कि कई बार सूचना मिलने के बाद भी बिरहोर के शव के अंतिम संस्कार के लिए 24 घंटे से ज्यादा का इंतजार करना पड़ा. 

कैलाश बिरहोर अपने घर में इकलौता कमाने वाला था. उसकी मौत के बाद उसके चार छोटे बच्चों और पत्नी के सामने रोजी रोटी का भी संकट है. वहीं, स्थानीय महिला बताती है कि सरकार इनके लिए कई योजनाएं तो चलाती है लेकिन इन बिरहोरों तक पहुंच नहीं पाती. 


Conclusion:
Last Updated : May 5, 2019, 1:37 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.